ETV Bharat / bharat

क्या सबसे कम उम्र की महिला सांसद बनेंगी शांभवी चौधरी? जानें क्यों समस्तीपुर से चिराग ने जताया भरोसा - Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी बढ़ती जा रही है. एनडीए में सीटों का बंटवारा हो चुका है. चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर को पांच सीटें दी गई हैं. चर्चाओं और दावों का दौर चल पड़ा है, लेकिन लाइम लाइट में जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी बनी हुई हैं. राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली और पूर्व आईपीएस की बहू शांभवी चौधरी समस्तीपुर की दलित आरक्षित सीट से LJPR उम्मीदवार हैं. 25 साल की शांभवी अगर 24 के रण में विजय का पताका फहराती हैं तो वह सबसे कम उम्र की महिला सांसद बनेंगी.

लोकसभा चुनाव जीतने पर सबसे कम उम्र की महिला सांसद बनेंगी शांभवी चौधरी, जानें क्यों चिराग पर जताया भरोसा
लोकसभा चुनाव जीतने पर सबसे कम उम्र की महिला सांसद बनेंगी शांभवी चौधरी, जानें क्यों चिराग पर जताया भरोसा
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 3, 2024, 6:15 AM IST

शांभवी चौधरी से खास बातचीत

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (रा) ने शांभवी चौधरी को समस्तीपुर आरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया है. दलित उम्मीदवार शांभवी चौधरी के पिता अशोक चौधरी अपनी बेटी की जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं. शांभवी के पिता और दादा बिहार के राजनीतिज्ञ रहे हैं. विरासत में मिली राजनीति को अब शांभवी नई धार देने में लगी हैं.

शांभवी चौधरी पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं
शांभवी चौधरी पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं

शांभवी चौधरी बनीं आकर्षण का केंद्र: एनडीए में सीट शेयरिंग के तहत एलजेपीआर को पांच सीटें मिली और चिराग ने दो से तीन दिनों के अंदर सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया. चिराग पासवान खुद हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे जबकि उनके बहनोई अरुण भारती को उन्होंने अपनी सीटिंग सीट जमुई में शिफ्ट कर दिया है. वहीं खगड़िया से राजेश वर्मा और वैशाली से वीणा देवी को मैदान में उतारा गया है. समस्तीपुर से शांभवी को मौका मिला है.

बन सकती हैं सबसे कम उम्र की महिला सांसद
बन सकती हैं सबसे कम उम्र की महिला सांसद

बन सकती हैं सबसे कम उम्र की महिला सांसद: 2024 की जंग अगर शांभवी जीतने में कामयाब रहीं तो देश की सबसे कम उम्र की सांसद बनेगी. 25 साल की शांभवी चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि चुनाव लड़ने का अचानक फैसला नहीं लिया था. हमारी पृष्ठभूमि राजनीतिक परिवार से जुड़ी हुई है. मेरे दादाजी बड़े नेता थे. पिताजी भी राजनीति में हैं. बचपन से अपने दादाजी और पिताजी को जनता की सेवा करते हुए देखा है. बचपन से मुझे भी यही लग रहा था कि यही करना है. लोगों की सेवा करनी है. रुचि शुरू से थी लेकिन इतनी कम उम्र में ब्रेक मिलेगा यह नहीं सोचा था.

समस्तीपुर से दो-दो हाथ करने की तैयारी: पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज ने किया, लेकिन बाद में पार्टी में टूट हो गई और प्रिंस चाचा पशुपति पारस के पाले में चले गए. कहा जा रहा है कि शांभवी को टिकट मिलने से पहले चिराग पासवान और सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात हुई थी. उसके बाद शांभवी के नाम का पार्टी ने ऐलान किया था.

समस्तीपुर आरक्षित सीट से प्रत्याशी बनीं शांभवी चौधरी
समस्तीपुर आरक्षित सीट से प्रत्याशी बनीं शांभवी चौधरी

देश की सबसे कम उम्र की सांसद हैं चंद्राणी मुर्मू: लोकसभा चुनाव 2019 में चंद्राणी मुर्मू देश की सबसे युवा सांसद बनीं थीं. चंद्राणी ओडिशा के क्योंझर(सु.) लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी. बीजेडी प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने जीत दर्ज की. 2019 के चुनाव में चंद्राणी मुर्मू की उम्र 25 साल 11 महीने थे.

कौन हैं शांभवी चौधरी?: शांभवी चौधरी पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं. JDU मंत्री अशोक कुमार चौधरी उनके पिता हैं. शांभवी को समस्तीपुर सुरक्षित सीट से LJPR का कैंडिडेट बनाया गया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से उन्होंने पढ़ाई की और एमिटी यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में पीएचडी हासिल की है. फिलहाल पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल में डायरेक्टर के पद पर शांभवी तैनात हैं.

जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी
जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी

ईटीवी भारत से शांभवी चौधरी की खास बातचीत: युवा प्रत्याशी शांभवी चौधरी को जब टिकट मिलने का ऐलान किया गया तो वो भावुक हो गईं और दौड़कर अपने पिता अशोक चौधरी के गले लग गईं. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. वहीं उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है और खुलकर अपनी बात रखी है.

सवाल - आपके दादाजी कांग्रेस के नेता पिताजी जदयू के नेता हैं. ऐसे में लोजपा से ही चुनाव लड़ने का फैसला क्यों?

शांभवी चौधरी - लोजपा ज्वाइन करने का फैसला एक राजनीतिक फैसला है. पिताजी के साथ उनका पारिवारिक रिश्ता है लेकिन लोजपा के साथ जुड़ने का फैसला निजी फैसला था. शुरू से ही चिराग भैया की सोच से मैं प्रभावित थी. एक युवा युवा से जल्द कनेक्ट होता है.चिराग भैया इलेक्टरल विजन में युवाओं को ज्यादा स्पेस देते हैं. चिराग भैया ने पांच में से दो सीट महिला को दी है, यानी 40% सीट महिला को दिया है. बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन से प्रभावित होकर उन्होंने लोजपा के साथ जुड़ने का फैसला किया.

सवाल - समस्तीपुर सीट से चुनाव लड़ने का क्या कारण है, क्योंकि पहले चर्चा जमुई से चुनाव लड़ने की थी?

शांभवी चौधरी- पहली चॉइस जमुई थी, इसके बारे में मुझे कुछ नहीं मालूम. हमने चिराग भैया को इच्छा प्रकट किया था कि चुनाव लड़ना चाहते हैं. मेरी सासू मां का मायका समस्तीपुर है. लगा कि समस्तीपुर अच्छा चॉइस हो सकता है, इसलिए समस्तीपुर से चुनाव लड़ने का फैसला लिया.

सवाल - चिराग पासवान के किस विजन को आप आगे बढ़ना चाहती हैं? चिराग पासवान बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की बात करते हैं लेकिन टिकट देने के समय में उनका परिवार की भी याद आती है?

शांभवी चौधरी - चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि युवा उनकी प्राथमिकता में है. चिराग पासवान की सोच युवाओं को आगे करने की है. चिराग पासवान का विजन है युवाओं को और महिलाओं को आगे बढ़ना, जहां तक परिवारवाद की बात है तो जमुई से उनके जीजा जी को टिकट दिया गया है. वे लंदन से पढ़कर यहां आए हैं, पढ़े लिखे हैं और बहुत ही सुलझे हुए इंसान हैं.

सवाल - समस्तीपुर से जीतने है तो प्राथमिकता क्या होगी?

शांभवी चौधरी - मेरी पहली प्राथमिकता महिला रहेगी. सदन में आवाज बुलंद करना प्राथमिकता होगी. समस्तीपुर के लिए काम करना है. समस्तीपुर का कैसे विकास हो इसको लेकर सदन में आवाज बुलंद करना पहली प्राथमिकता होगी.

सवाल - अशोक चौधरी की बेटी होने का कितना राजनीतिक लाभ मिला?

शांभवी चौधरी - कोई भी बेटी अपने जीवन का हर एक पल अपने पिता को डेडिकेट करती है. मेरे जीवन में जो कुछ भी है वह अपने पिता को समर्पित करती हूं. समस्तीपुर से चुनाव लड़ना है यह मेरा स्वतंत्र फैसला था. यह फैसला मेरे और मेरे पति का फैसला है.

सवाल - समस्तीपुर से आपके खिलाफ एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की चुनाव लड़ने की चर्चा है?

शांभवी चौधरी - हमारे विपक्ष में जो आएंगे वह हमसे बहुत ही सीनियर होंगे. उनपर कोई भी टिप्पणी करना हमारे संस्कार में नहीं है, जो भी फैसला होगा वह जनता के हाथ में होगा.

सवाल - 2024 चुनाव परिणाम किस रूप में देखते हैं?

शांभवी चौधरी - राष्ट्रीय स्तर पर 400+ सीट एनडीए के खाते में जाएगी और बिहार की सभी 40 सीट पर एनडीए की जीत होगी.

सवाल - क्या आपको भरोसा है कि समस्तीपुर की जनता आपको अपना सांसद चुनेगी?

शांभवी चौधरी - बिल्कुल मुझे भरोसा है कि समस्तीपुर की जनता मुझपर भरोसा करेगी. लोगों के बीच में यह मैसेज नहीं जाएगा कि बाहर से आई थी और चुनाव जीतकर भाग गई. समस्तीपुर की जनता के लिए हर सुख दुख में उनके साथ रहूंगी.

इसे भी पढ़ें-

समस्तीपुर में बेटी की जीत सुनिश्चित करने के लिए अशोक चौधरी ने संभाला मोर्चा, चिराग पासवान का जताया आभार - Lok Sabha Election 2024

चिराग की पार्टी LJPR ने किया उम्मीदवारों के नामों का ऐलान, वीणा देवी, शांभवी चौधरी, राजेश वर्मा लड़ेंगे चुनाव - Lok Sabha Election 2024

शांभवी चौधरी से खास बातचीत

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (रा) ने शांभवी चौधरी को समस्तीपुर आरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया है. दलित उम्मीदवार शांभवी चौधरी के पिता अशोक चौधरी अपनी बेटी की जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं. शांभवी के पिता और दादा बिहार के राजनीतिज्ञ रहे हैं. विरासत में मिली राजनीति को अब शांभवी नई धार देने में लगी हैं.

शांभवी चौधरी पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं
शांभवी चौधरी पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं

शांभवी चौधरी बनीं आकर्षण का केंद्र: एनडीए में सीट शेयरिंग के तहत एलजेपीआर को पांच सीटें मिली और चिराग ने दो से तीन दिनों के अंदर सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया. चिराग पासवान खुद हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे जबकि उनके बहनोई अरुण भारती को उन्होंने अपनी सीटिंग सीट जमुई में शिफ्ट कर दिया है. वहीं खगड़िया से राजेश वर्मा और वैशाली से वीणा देवी को मैदान में उतारा गया है. समस्तीपुर से शांभवी को मौका मिला है.

बन सकती हैं सबसे कम उम्र की महिला सांसद
बन सकती हैं सबसे कम उम्र की महिला सांसद

बन सकती हैं सबसे कम उम्र की महिला सांसद: 2024 की जंग अगर शांभवी जीतने में कामयाब रहीं तो देश की सबसे कम उम्र की सांसद बनेगी. 25 साल की शांभवी चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि चुनाव लड़ने का अचानक फैसला नहीं लिया था. हमारी पृष्ठभूमि राजनीतिक परिवार से जुड़ी हुई है. मेरे दादाजी बड़े नेता थे. पिताजी भी राजनीति में हैं. बचपन से अपने दादाजी और पिताजी को जनता की सेवा करते हुए देखा है. बचपन से मुझे भी यही लग रहा था कि यही करना है. लोगों की सेवा करनी है. रुचि शुरू से थी लेकिन इतनी कम उम्र में ब्रेक मिलेगा यह नहीं सोचा था.

समस्तीपुर से दो-दो हाथ करने की तैयारी: पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज ने किया, लेकिन बाद में पार्टी में टूट हो गई और प्रिंस चाचा पशुपति पारस के पाले में चले गए. कहा जा रहा है कि शांभवी को टिकट मिलने से पहले चिराग पासवान और सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात हुई थी. उसके बाद शांभवी के नाम का पार्टी ने ऐलान किया था.

समस्तीपुर आरक्षित सीट से प्रत्याशी बनीं शांभवी चौधरी
समस्तीपुर आरक्षित सीट से प्रत्याशी बनीं शांभवी चौधरी

देश की सबसे कम उम्र की सांसद हैं चंद्राणी मुर्मू: लोकसभा चुनाव 2019 में चंद्राणी मुर्मू देश की सबसे युवा सांसद बनीं थीं. चंद्राणी ओडिशा के क्योंझर(सु.) लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी. बीजेडी प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने जीत दर्ज की. 2019 के चुनाव में चंद्राणी मुर्मू की उम्र 25 साल 11 महीने थे.

कौन हैं शांभवी चौधरी?: शांभवी चौधरी पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं. JDU मंत्री अशोक कुमार चौधरी उनके पिता हैं. शांभवी को समस्तीपुर सुरक्षित सीट से LJPR का कैंडिडेट बनाया गया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से उन्होंने पढ़ाई की और एमिटी यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में पीएचडी हासिल की है. फिलहाल पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल में डायरेक्टर के पद पर शांभवी तैनात हैं.

जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी
जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी

ईटीवी भारत से शांभवी चौधरी की खास बातचीत: युवा प्रत्याशी शांभवी चौधरी को जब टिकट मिलने का ऐलान किया गया तो वो भावुक हो गईं और दौड़कर अपने पिता अशोक चौधरी के गले लग गईं. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. वहीं उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है और खुलकर अपनी बात रखी है.

सवाल - आपके दादाजी कांग्रेस के नेता पिताजी जदयू के नेता हैं. ऐसे में लोजपा से ही चुनाव लड़ने का फैसला क्यों?

शांभवी चौधरी - लोजपा ज्वाइन करने का फैसला एक राजनीतिक फैसला है. पिताजी के साथ उनका पारिवारिक रिश्ता है लेकिन लोजपा के साथ जुड़ने का फैसला निजी फैसला था. शुरू से ही चिराग भैया की सोच से मैं प्रभावित थी. एक युवा युवा से जल्द कनेक्ट होता है.चिराग भैया इलेक्टरल विजन में युवाओं को ज्यादा स्पेस देते हैं. चिराग भैया ने पांच में से दो सीट महिला को दी है, यानी 40% सीट महिला को दिया है. बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन से प्रभावित होकर उन्होंने लोजपा के साथ जुड़ने का फैसला किया.

सवाल - समस्तीपुर सीट से चुनाव लड़ने का क्या कारण है, क्योंकि पहले चर्चा जमुई से चुनाव लड़ने की थी?

शांभवी चौधरी- पहली चॉइस जमुई थी, इसके बारे में मुझे कुछ नहीं मालूम. हमने चिराग भैया को इच्छा प्रकट किया था कि चुनाव लड़ना चाहते हैं. मेरी सासू मां का मायका समस्तीपुर है. लगा कि समस्तीपुर अच्छा चॉइस हो सकता है, इसलिए समस्तीपुर से चुनाव लड़ने का फैसला लिया.

सवाल - चिराग पासवान के किस विजन को आप आगे बढ़ना चाहती हैं? चिराग पासवान बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की बात करते हैं लेकिन टिकट देने के समय में उनका परिवार की भी याद आती है?

शांभवी चौधरी - चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि युवा उनकी प्राथमिकता में है. चिराग पासवान की सोच युवाओं को आगे करने की है. चिराग पासवान का विजन है युवाओं को और महिलाओं को आगे बढ़ना, जहां तक परिवारवाद की बात है तो जमुई से उनके जीजा जी को टिकट दिया गया है. वे लंदन से पढ़कर यहां आए हैं, पढ़े लिखे हैं और बहुत ही सुलझे हुए इंसान हैं.

सवाल - समस्तीपुर से जीतने है तो प्राथमिकता क्या होगी?

शांभवी चौधरी - मेरी पहली प्राथमिकता महिला रहेगी. सदन में आवाज बुलंद करना प्राथमिकता होगी. समस्तीपुर के लिए काम करना है. समस्तीपुर का कैसे विकास हो इसको लेकर सदन में आवाज बुलंद करना पहली प्राथमिकता होगी.

सवाल - अशोक चौधरी की बेटी होने का कितना राजनीतिक लाभ मिला?

शांभवी चौधरी - कोई भी बेटी अपने जीवन का हर एक पल अपने पिता को डेडिकेट करती है. मेरे जीवन में जो कुछ भी है वह अपने पिता को समर्पित करती हूं. समस्तीपुर से चुनाव लड़ना है यह मेरा स्वतंत्र फैसला था. यह फैसला मेरे और मेरे पति का फैसला है.

सवाल - समस्तीपुर से आपके खिलाफ एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की चुनाव लड़ने की चर्चा है?

शांभवी चौधरी - हमारे विपक्ष में जो आएंगे वह हमसे बहुत ही सीनियर होंगे. उनपर कोई भी टिप्पणी करना हमारे संस्कार में नहीं है, जो भी फैसला होगा वह जनता के हाथ में होगा.

सवाल - 2024 चुनाव परिणाम किस रूप में देखते हैं?

शांभवी चौधरी - राष्ट्रीय स्तर पर 400+ सीट एनडीए के खाते में जाएगी और बिहार की सभी 40 सीट पर एनडीए की जीत होगी.

सवाल - क्या आपको भरोसा है कि समस्तीपुर की जनता आपको अपना सांसद चुनेगी?

शांभवी चौधरी - बिल्कुल मुझे भरोसा है कि समस्तीपुर की जनता मुझपर भरोसा करेगी. लोगों के बीच में यह मैसेज नहीं जाएगा कि बाहर से आई थी और चुनाव जीतकर भाग गई. समस्तीपुर की जनता के लिए हर सुख दुख में उनके साथ रहूंगी.

इसे भी पढ़ें-

समस्तीपुर में बेटी की जीत सुनिश्चित करने के लिए अशोक चौधरी ने संभाला मोर्चा, चिराग पासवान का जताया आभार - Lok Sabha Election 2024

चिराग की पार्टी LJPR ने किया उम्मीदवारों के नामों का ऐलान, वीणा देवी, शांभवी चौधरी, राजेश वर्मा लड़ेंगे चुनाव - Lok Sabha Election 2024

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.