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उत्तराखंड में एक हफ्ते में ततैया के हमले में 3 लोगों की मौत, बढ़ी चिंता, जानें कैसे करें बचाव - Wasp Terror in Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Wasp Terror in Uttarakhand उत्तराखंड में ततैया के हमले में 7 दिन के भीतर 3 लोगों की मौत हो गई. इन घटनाओं के बाद चिंता बढ़ गई है. गुलदार, बाघ और भालू जैसे वन्यजीवों के हमले के बीच ततैया ने भी लोगों के लिए चुनौती बढ़ा दी है.

Wasp Terror in Uttarakhand
उत्तराखंड में एक हफ्ते में ततैया के हमले में 3 लोगों की मौत (PHOTO- ETV Bharat)

देहरादूनः उत्तराखंड में गुलदार, हाथी, भालू, जंगली सूअर के लोगों पर हमले की घटनाएं आमतौर पर होती रहती हैं. वन विभाग के मुताबिक इन हमलों में कई लोग अपनी जान गंवा भी देते हैं. जबकि कई लोग घायल भी हो जाते हैं. इसके अलावा सर्प दंश से मौत के मामले भी सामने आते रहते हैं. लेकिन अब ततैया के हमले से मौत की खबरों ने सबको चौंका दिया है.

30 सितंबर को टिहरी जिले के ग्राम तुनेटा निवासी पिता-पुत्र पर ततैया के झुंड ने हमला कर दिया. हमले के दौरान दोनों पिता-पुत्र गाय चराने जंगल गए थे. हमले में दोनों की मौत हो गई. ततैया के हमले से मौत की खबर ने न केवल गांव बल्कि पूरे उत्तराखंड को डरा दिया है.

Wasp Terror in Uttarakhand
30 सितंबर को टिहरी में ततैया के काटने से पिता-पुत्र की मौत हुई. (PHOTO-ETV Bharat)

बेटे को बचाने के लिए पिता ने की हर संभव कोशिश: जानकारी के मुतबिक, जंगल में ततैया का हमला उस समय हुआ जब 47 वर्षीय सुंदरलाल और 8 वर्षीय अभिषेक गाय चरा रहे थे. ततैया ने हमला सबसे पहले अभिषेक पर किया. बेटे पर हमला होता देख पिता बेटे को बचाने के लिए उसके ऊपर लेट गए. लेकिन फिर भी ततैया के झुंड ने बेटे अभिषेक पर 60 डंक और पिता सुंदरलाल पर 100 डंक मारे. इस हमले में दोनों पिता-पुत्र गंभीर रूप से घायल हुए. घटना की जानकारी गांव वालों को लगी तो तत्काल दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन दोनों की मौत हो गई.

Wasp Terror in Uttarakhand
24 सितंबर को बागेश्वर के तोली गांव के रमेश सिंह की ततैया के काटने से मौत हो गई थी. (PHOTO-ETV Bharat)

7 दिन में दूसरी घटना: उत्तराखंड में ततैया के हमले की एक घटना 24 सितंबर को बागेश्वर जिले के तोली गांव में घटी थी. गांव के रमेश सिंह अखरोट तोड़ने जंगल गए थे. रमेश सिंह पेड़ से अखरोट तोड़ने के लिए जैसे ही आगे बढ़े, तभी ततैया के झुंड ने उन पर हमला कर दिया. हमला इतना भयानक था कि रमेश इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल अवस्था में उन्हें सामुदायिक अस्पताल केंद्र लाया गया. लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया. जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

स्कूल पर ततैया का हमला: साल 2022 में उत्तरकाशी के अस्सी गंगा घाटी के इंटर कॉलेज में ततैया के झुंड ने हमला किया था. उत्तरकाशी जिले मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर इस स्कूल में 20 छात्रों पर ततैया ने हमला किया था. जिस समय हमला हुआ, उस वक्त बच्चे स्कूल से अपने घर के लिए रवाना हो रहे थे. इस हमले में सभी बच्चे बुरी तरह घायल हो गए थे. गनीमत रही कि इस घटना में कोई अनहोनी नहीं हुई. लेकिन इस घटना के बाद सरकार ने ततैया के हमले से घायल हुए लोगों और मृतकों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया था.

पिथौरागढ़ में आज भी है खतरा: साल 2022 में ही पिथौरागढ़ के समीप एक ततैया के झुंड ने नेपाली मूल के नागरिकों के ऊपर भी हमला बोला था. इस हमले के बाद नेपाली मूल का नागरिक घर में ही घरेलू उपचार ले रहा था. लेकिन कुछ ही दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई थी. पिथौरागढ़ जिले में अब तक ततैया के हमले से अलग-अलग गांवों में चार मौतें हो चुकी हैं. बागेश्वर के कपकोट में भी बीते साल पोसारी गांव में ततैया के हमले में दो सगे भाई बुरी तरह घायल हो गए थे. हमले के दौरान दोनों बच्चे आंगन में खेल रहे थे. दोनों बच्चों को गंभीर रूप से अस्पताल में भर्ती करवाया. लेकिन एक बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई थी. घटना के बाद परिवार और पूरे गांव में कोहराम मच गया था.

सरकार देती है मुआवजा: उत्तराखंड में लगातार सामने आए ततैया के हमलों की घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने मुआवजे का भी ऐलान किया है. सरकार ने ततैया के हमले में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को एक लाख रुपए, ततैया के काटने से अपंग होने पर 3 लाख रुपए और मौत होने पर 6 लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान किया है. वन विभाग ने ततैया को भी गुलदार, भालू, मगरमच्छ और सांप की श्रेणी में रखा है.

इस कारण ततैया करती है हमला: देहरादून की वेटरनरी डॉक्टर अदिति का कहना है कि छोटी सी दिखने वाली ततैया बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. बीते कुछ सालों में हमने ऐसे कई केस देखे हैं. कई प्रजातियां इनमें बेहद ही जहरीली होती हैं. जंगल या ऐसी जगह पर अगर आप लोग जा रहे हैं तो कोशिश करें कि गहरे रंग के कपड़े ना पहने. डार्क कपड़े देखकर अमूमन ततैया हमला करती हैं. कई लोग बेहद अधिक इत्र या परफ्यूम लगाकर भी गुजरते हैं. उन्हें भी यह बहुत जल्द काट लेती हैं. इसके डंक में टॉक्सिन होता है. वह एक जहर है. इसके अधिक काटने से ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाता है. हालांकि, काटने पर तुरंत उपचार मिलता है तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है.

मंत्री बोले-बेहद दुखद घटना: वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि टिहरी में जो भी हुआ, वह बेहद दुखद है. हम इस बात की जांच करवा रहे हैं कि ऐसे रिहायशी इलाकों, स्कूल और अन्य जगहों पर ततैया के छत्ते ना हों. हमने इस घटना में अधिकारियों को कहा है कि मुआवजे का काम जल्द से जल्द पूरा करके परिवार को राशि उपलब्ध कराए जाए. हमारी सरकार शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है.

ये भी पढ़ेंः गाय चराने जंगल गए पिता-पुत्र पर ततैया के झुंड ने किया हमला, तोड़ा दम, परिवार में मची चीख पुकार

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में ततैया और मधुमक्खी काटेंगी तो सरकार देगी मुआवजा, हर डंक का हिसाब रखेगा वन विभाग

ये भी पढ़ेंः आंगन में खेल रहे दो सगे भाइयों पर ततैया के झुंड ने किया हमला, एक की मौत

देहरादूनः उत्तराखंड में गुलदार, हाथी, भालू, जंगली सूअर के लोगों पर हमले की घटनाएं आमतौर पर होती रहती हैं. वन विभाग के मुताबिक इन हमलों में कई लोग अपनी जान गंवा भी देते हैं. जबकि कई लोग घायल भी हो जाते हैं. इसके अलावा सर्प दंश से मौत के मामले भी सामने आते रहते हैं. लेकिन अब ततैया के हमले से मौत की खबरों ने सबको चौंका दिया है.

30 सितंबर को टिहरी जिले के ग्राम तुनेटा निवासी पिता-पुत्र पर ततैया के झुंड ने हमला कर दिया. हमले के दौरान दोनों पिता-पुत्र गाय चराने जंगल गए थे. हमले में दोनों की मौत हो गई. ततैया के हमले से मौत की खबर ने न केवल गांव बल्कि पूरे उत्तराखंड को डरा दिया है.

Wasp Terror in Uttarakhand
30 सितंबर को टिहरी में ततैया के काटने से पिता-पुत्र की मौत हुई. (PHOTO-ETV Bharat)

बेटे को बचाने के लिए पिता ने की हर संभव कोशिश: जानकारी के मुतबिक, जंगल में ततैया का हमला उस समय हुआ जब 47 वर्षीय सुंदरलाल और 8 वर्षीय अभिषेक गाय चरा रहे थे. ततैया ने हमला सबसे पहले अभिषेक पर किया. बेटे पर हमला होता देख पिता बेटे को बचाने के लिए उसके ऊपर लेट गए. लेकिन फिर भी ततैया के झुंड ने बेटे अभिषेक पर 60 डंक और पिता सुंदरलाल पर 100 डंक मारे. इस हमले में दोनों पिता-पुत्र गंभीर रूप से घायल हुए. घटना की जानकारी गांव वालों को लगी तो तत्काल दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन दोनों की मौत हो गई.

Wasp Terror in Uttarakhand
24 सितंबर को बागेश्वर के तोली गांव के रमेश सिंह की ततैया के काटने से मौत हो गई थी. (PHOTO-ETV Bharat)

7 दिन में दूसरी घटना: उत्तराखंड में ततैया के हमले की एक घटना 24 सितंबर को बागेश्वर जिले के तोली गांव में घटी थी. गांव के रमेश सिंह अखरोट तोड़ने जंगल गए थे. रमेश सिंह पेड़ से अखरोट तोड़ने के लिए जैसे ही आगे बढ़े, तभी ततैया के झुंड ने उन पर हमला कर दिया. हमला इतना भयानक था कि रमेश इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल अवस्था में उन्हें सामुदायिक अस्पताल केंद्र लाया गया. लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया. जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

स्कूल पर ततैया का हमला: साल 2022 में उत्तरकाशी के अस्सी गंगा घाटी के इंटर कॉलेज में ततैया के झुंड ने हमला किया था. उत्तरकाशी जिले मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर इस स्कूल में 20 छात्रों पर ततैया ने हमला किया था. जिस समय हमला हुआ, उस वक्त बच्चे स्कूल से अपने घर के लिए रवाना हो रहे थे. इस हमले में सभी बच्चे बुरी तरह घायल हो गए थे. गनीमत रही कि इस घटना में कोई अनहोनी नहीं हुई. लेकिन इस घटना के बाद सरकार ने ततैया के हमले से घायल हुए लोगों और मृतकों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया था.

पिथौरागढ़ में आज भी है खतरा: साल 2022 में ही पिथौरागढ़ के समीप एक ततैया के झुंड ने नेपाली मूल के नागरिकों के ऊपर भी हमला बोला था. इस हमले के बाद नेपाली मूल का नागरिक घर में ही घरेलू उपचार ले रहा था. लेकिन कुछ ही दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई थी. पिथौरागढ़ जिले में अब तक ततैया के हमले से अलग-अलग गांवों में चार मौतें हो चुकी हैं. बागेश्वर के कपकोट में भी बीते साल पोसारी गांव में ततैया के हमले में दो सगे भाई बुरी तरह घायल हो गए थे. हमले के दौरान दोनों बच्चे आंगन में खेल रहे थे. दोनों बच्चों को गंभीर रूप से अस्पताल में भर्ती करवाया. लेकिन एक बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई थी. घटना के बाद परिवार और पूरे गांव में कोहराम मच गया था.

सरकार देती है मुआवजा: उत्तराखंड में लगातार सामने आए ततैया के हमलों की घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने मुआवजे का भी ऐलान किया है. सरकार ने ततैया के हमले में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को एक लाख रुपए, ततैया के काटने से अपंग होने पर 3 लाख रुपए और मौत होने पर 6 लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान किया है. वन विभाग ने ततैया को भी गुलदार, भालू, मगरमच्छ और सांप की श्रेणी में रखा है.

इस कारण ततैया करती है हमला: देहरादून की वेटरनरी डॉक्टर अदिति का कहना है कि छोटी सी दिखने वाली ततैया बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. बीते कुछ सालों में हमने ऐसे कई केस देखे हैं. कई प्रजातियां इनमें बेहद ही जहरीली होती हैं. जंगल या ऐसी जगह पर अगर आप लोग जा रहे हैं तो कोशिश करें कि गहरे रंग के कपड़े ना पहने. डार्क कपड़े देखकर अमूमन ततैया हमला करती हैं. कई लोग बेहद अधिक इत्र या परफ्यूम लगाकर भी गुजरते हैं. उन्हें भी यह बहुत जल्द काट लेती हैं. इसके डंक में टॉक्सिन होता है. वह एक जहर है. इसके अधिक काटने से ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाता है. हालांकि, काटने पर तुरंत उपचार मिलता है तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है.

मंत्री बोले-बेहद दुखद घटना: वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि टिहरी में जो भी हुआ, वह बेहद दुखद है. हम इस बात की जांच करवा रहे हैं कि ऐसे रिहायशी इलाकों, स्कूल और अन्य जगहों पर ततैया के छत्ते ना हों. हमने इस घटना में अधिकारियों को कहा है कि मुआवजे का काम जल्द से जल्द पूरा करके परिवार को राशि उपलब्ध कराए जाए. हमारी सरकार शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है.

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