नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने स्पाइस जेट को एयरलाइंस में लगे तीन इंजनों को उतारने के सिंगल बेंच के आदेश पर मुहर लगा दिया है. जस्टिस राजीव शकधर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि स्पाइस जेट को उन इंजनों का उपयोग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. बता दें कि जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की सिंगल बेंच ने 14 अगस्त को स्पाइस जेट को निर्देश दिया था कि वो एयरलाइंस में लगे तीन इंजनों को उतारे और उन्हें 15 दिनों के अंदर इंजन कंपनियों को सौंपे.
सिंगल बेंच ने स्पाइस जेट को निर्देश दिया था कि वो इंजन सौंपने के पहले इंजन कंपनियों को दिल्ली एयरपोर्ट पर कंपनियों के अधिकृत प्रतिनिधियों से उनकी जांच कराए. सुनवाई के दौरान इंजन कंपनियों ने कहा था कि स्पाइस जेट ने इस विवाद के समाधान के लिए जो ऑफर दिया था वो उसे स्वीकार्य नहीं था. पहले की सुनवाई के दौरान स्पाइस जेट की ओर से पेश वकील अमित सिब्बल ने कहा था कि ये इंजन हवाई जहाज के साथ हैं और इन इंजनों को देने के लिए हवाई जहाज को उतारना पड़ेगा. इन एयरक्राफ्ट में रोजाना एक हजार यात्री यात्रा कर रहे हैं.
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क्या है पूरा मामला?
स्पाइस जेट ने जिन दो इंजन कंपनियों से इंजन लीज पर लिया था वे हैं ' टीम फ्रांस 01 एसएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएस'. इन दोनों इंजन कंपनियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है. इन कंपनियों का कहना था कि स्पाइस जेट ने उन्हें पिछले दो सालों से एक करोड़ 29 लाख डॉलर का भुगतान नहीं किया है. इसके अलावा लीज की अवधि समाप्त होने के बावजूद स्पाइस जेट इन कंपनियों के तीन इंजनों का इस्तेमाल कर रहा है. इन कंपनियों ने हाईकोर्ट से इन इंजनों का इस्तेमाल रोकने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की.
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