चेन्नई : तमिलनाडु के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मंगलवार को अलग से कृषि बजट पेश किया. इसमें मिट्टी की उर्वरता में सुधार लाने सहित नई पहलों की घोषणा की गई. मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि रासायनिक उर्वरकों, शाकनाशियों और कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता में काफी गिरावट आई है.
उन्होंने समाज के कल्याण के लिए टिकाऊ तथा रसायन-मुक्त कृषि पद्धतियों की ओर बढ़ने की अनिवार्यता को स्वीकार करते हुए एक नई प्रमुख योजना ‘मुख्यमंत्री मन्नुयिर काथु मन्नुयिर कप्पोम योजना’ पेश की. इसे ‘22 घटकों’ के साथ वर्ष 2024-2025 में 206 करोड़ रुपये के परिव्यय पर क्रियान्वित किया जाएगा. मंत्री ने धान की फसल में रासायनिक उर्वरकों को कम करने के कदम, जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए गांवों के पोषण के उपाय आदि संबंधी घोषणाएं भी कीं.
इसके अलावा, पन्नीरसेल्वम ने पारंपरिक धान की किस्मों को प्रोत्साहित करने के लिए बीज वितरण की भी घोषणा की जो मधुमेह से लड़ने में मदद कर सकती है. इसके अलावा उन्होंने मोटा अनाज फसलों के लिए 65.30 करोड़ रुपये अलग से आवंटित करने की घोषणा की. मंत्री ने कहा कि इसके लिए 1.39 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा.
शहरी उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली कृषि उपज और मूल्य वर्धित उत्पादों तक आसान पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए, राज्य निधि से 5 करोड़ रुपये की लागत से 'उझावर संधाई (किसान बाजार)' की तर्ज पर एक सौ 'उझावर आंगड़ी (किसान आउटलेट)' स्थापित किए जाएंगे.