भुवनेश्वर: कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के तहत कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंगलवार को 1990 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी मनोज आहूजा को उनके मूल कैडर में वापस भेजने को मंजूरी दे दी. 25 जून 2024 को कैबिनेट की नियुक्ति समिति के सचिव और स्थापना अधिकारी द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने ओडिशा सरकार के अनुरोध पर मनोज आहूजा, आईएएस (ओआर:90), सचिव, कृषि और किसान कल्याण विभाग को उनके मूल कैडर में वापस भेजने को मंजूरी दे दी है.
वे प्रदीप कुमार जेना का स्थान लेंगे, जिनका छह महीने के विस्तार के बाद कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है. 1990 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी आहूजा वर्तमान में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्यरत हैं. मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने राज्य सरकार के अनुरोध पर उनके मूल कैडर में उनके प्रत्यावर्तन को मंजूरी दे दी.
जानें मनोज आहूजा की ओडिशा के मुख्य सचिव के रूप में संभावित नियुक्ति के पीछे के कारण
ओडिशा सरकार द्वारा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज आहूजा को अगले मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जल्द ही जारी किए जाने की संभावना है. नौकरशाही और राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि आखिर किस वजह से उनके पक्ष में तराजू झुका है.
आहूजा की संभावित पदोन्नति के पीछे कुछ संभावित कारण इस प्रकार हैं:
सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों में से एक: वर्तमान मुख्य सचिव पी के जेना, जिनका छह महीने का विस्तार 30 जून को समाप्त हो रहा है, 1989 बैच के हैं. आहूजा, नितिन चंद्रा, संजीव चोपड़ा और गुडी श्रीनिवास के साथ ओडिशा कैडर के 1990 बैच के हैं. हालांकि वे सभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, लेकिन सरकार ने कथित तौर पर दूसरों के मुकाबले आहूजा को चुना है. उनकी पत्नी आरती आहूजा भी 1990 बैच की हैं, लेकिन वे सेवानिवृत्त हो चुकी हैं.
ओडिशा नौकरशाही की छवि में बदलाव: ओडिशा में नौकरशाही को, खास तौर पर बीजेडी शासन के पिछले कुछ सालों में पक्षपातपूर्ण माना जाता था. उनमें से कुछ को 'बीजेडी बाबू' के तौर पर भी जाना जाता था. वीके पांडियन का मामला, जो 2000 बैच के आईएएस अधिकारियों में से थे और जिन्होंने नवंबर 2023 में बीजेडी में शामिल होने के लिए सेवा से इस्तीफा दे दिया था, उन्होंने एक तरह से नौकरशाही की निष्पक्ष और बहुत बड़े होने की छवि को प्रभावित किया. इससे नई सरकार शायद ऐसे अधिकारी को चुने जो एक क्लासिक नौकरशाह की छवि को दर्शाता हो.
दो अलग-अलग पदों पर किया काम: आहूजा ने राज्य में अलग-अलग पदों पर काम किया है - स्टील और खान तथा खेल और युवा सेवा विभागों में आयुक्त-सह-सचिव और वाणिज्यिक कर आयुक्त - और केंद्र में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, शिक्षा मंत्रालय के अध्यक्ष और कृषि और किसान कल्याण सचिव के तौर पर. उन्हें नियमों का पालन करने वाले के तौर पर जाना जाता है. उनकी छवि साफ-सुथरी है.
विस्तार की संभावना: अगले मुख्य सचिव के रूप में उनकी संभावित नियुक्ति को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा एक नई टीम बनाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है. यह देखते हुए कि पार्टी ने पहली बार ओडिशा में सरकार बनाई है, इसके कई मंत्री पहली बार मंत्री बने हैं, यह जरूरी माना जा रहा है.
आहूजा दिसंबर 2024 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन अगर वे मुख्य सचिव के रूप में शामिल होते हैं तो इस बात की प्रबल संभावना है कि राज्य और केंद्र सरकारें उन्हें विस्तार देंगी, जैसा कि उनके पूर्ववर्ती सुरेश महापात्रा और पी के जेना के मामले में हुआ था.
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