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केरल से एमपी का टिकट! मोदी कैबिनेट के एकमात्र क्रिश्चियन मंत्री मध्यप्रदेश से जाएंगे राज्यसभा - George Kurian Rajyasabha Entry

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 20, 2024, 4:47 PM IST

Updated : Aug 20, 2024, 7:36 PM IST

ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद खाली हुई मध्यप्रदेश की राज्यसभा सीट पर बीजेपी ने अनोखा दाव खेला है. इस सीट से मोदी सरकार के इकलौते ईसाई मंत्री राज्यसभा भेजे जा रहे हैं. तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ के साथ बीजेपी के महासचिव और केरल के नेता जॉर्ज कुरियन ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. अब पार्टी ने उन्हें मध्यप्रदेश की राज्यसभा सीट से उच्च सदन में भेजने का निर्णय लिया है.

George Kurian Rajyasabha Entry from madhya pradesh
मोदी सरकार के एकमात्र क्रिश्चियन मंत्री मध्यप्रदेश से जाएंगे राज्यसभा (Etv Bharat)

भोपाल : जॉर्ज कुरियन बुधवार को मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे. पार्टी सूत्रों के अनुसार इसे लेकर तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी राज्यसभा की सीट खाली हो गई थी. वहीं इस सीट पर 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है. इसी वजह से बीजेपी ने तमाम राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इस सीट से केरल के नेता और मोदी सरकार में मंत्री जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है.

नरोत्तम मिश्रा-केपी यादव रेस से बाहर

जॉर्ज कुरियन के नाम पर मुहर लगते ही राज्यसभा की रेस में आगे चल रहे पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और केपी यादव का पत्ता कट हो गया है. केपी यादव का नाम इस रेस में इसलिए चल रहा था क्योंकि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए लोकसभा की सीट छोड़ी थी और तो और चुनाव प्रचार के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंच उनके बेहतर पुर्नवास का इशारा करके गए थे. लेकिन अब साफ हो गया है कि बीजेपी मध्यप्रदेश से बाहरी चेहरे को भेजने जा रही है. बताया जा रहा है कि पार्टी ने केन्द्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन का नाम तय कर लिया है.

कौन हैं जॉर्ज कुरियन?

केरल से आने वाले जॉर्ज कुरियन 19 साल की उम्र में बीजेपी से जुड़ गए थे. ईसाई परिवार से आने के बाद भी बीजेपी से जुड़ने को लेकर उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा, लेकिन वे लगातार पार्टी से जुड़कर संगठन में काम करते रहे. उन्होंने युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में भी पार्टी में काम किया. कुरियन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे. वे केरल बीजेपी में उपाध्यक्ष हैं और मौजूदा मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री भी हैं.

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बीजेपी ने एक तीर से लगाए कई निशाने

राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल कहते हैं, '' यह पहला मौका नहीं है, जब मध्यप्रदेश से बाहरी नेता को राज्यसभा या लोकसभा भेजा जा रहा हो. लेकिन इस बार जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा भेजकर बीजेपी ने स्थानीय स्तर पर नेताओं को साधने का काम किया है. मध्यप्रदेश से कई नेता थे, जो लगातार राज्यसभा जाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे थे. जॉर्ज कुरियन को मध्यप्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने के निर्णय से स्थानीय नेताओं की यह दौड़ खत्म हो गई है. मध्यप्रदेश से यदि किसी नेता को भेजा जाता तो दूसरे इससे नेताओं में नाराजगी बढ़ सकती थी. उधर मध्यप्रदेश से अल्पसंख्यक वर्ग के नेता को भेजे जाने से पार्टी को इसका लाभ मिलेगा.''

भोपाल : जॉर्ज कुरियन बुधवार को मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे. पार्टी सूत्रों के अनुसार इसे लेकर तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी राज्यसभा की सीट खाली हो गई थी. वहीं इस सीट पर 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है. इसी वजह से बीजेपी ने तमाम राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इस सीट से केरल के नेता और मोदी सरकार में मंत्री जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है.

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जॉर्ज कुरियन के नाम पर मुहर लगते ही राज्यसभा की रेस में आगे चल रहे पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और केपी यादव का पत्ता कट हो गया है. केपी यादव का नाम इस रेस में इसलिए चल रहा था क्योंकि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए लोकसभा की सीट छोड़ी थी और तो और चुनाव प्रचार के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंच उनके बेहतर पुर्नवास का इशारा करके गए थे. लेकिन अब साफ हो गया है कि बीजेपी मध्यप्रदेश से बाहरी चेहरे को भेजने जा रही है. बताया जा रहा है कि पार्टी ने केन्द्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन का नाम तय कर लिया है.

कौन हैं जॉर्ज कुरियन?

केरल से आने वाले जॉर्ज कुरियन 19 साल की उम्र में बीजेपी से जुड़ गए थे. ईसाई परिवार से आने के बाद भी बीजेपी से जुड़ने को लेकर उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा, लेकिन वे लगातार पार्टी से जुड़कर संगठन में काम करते रहे. उन्होंने युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में भी पार्टी में काम किया. कुरियन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे. वे केरल बीजेपी में उपाध्यक्ष हैं और मौजूदा मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री भी हैं.

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बीजेपी ने एक तीर से लगाए कई निशाने

राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल कहते हैं, '' यह पहला मौका नहीं है, जब मध्यप्रदेश से बाहरी नेता को राज्यसभा या लोकसभा भेजा जा रहा हो. लेकिन इस बार जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा भेजकर बीजेपी ने स्थानीय स्तर पर नेताओं को साधने का काम किया है. मध्यप्रदेश से कई नेता थे, जो लगातार राज्यसभा जाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे थे. जॉर्ज कुरियन को मध्यप्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने के निर्णय से स्थानीय नेताओं की यह दौड़ खत्म हो गई है. मध्यप्रदेश से यदि किसी नेता को भेजा जाता तो दूसरे इससे नेताओं में नाराजगी बढ़ सकती थी. उधर मध्यप्रदेश से अल्पसंख्यक वर्ग के नेता को भेजे जाने से पार्टी को इसका लाभ मिलेगा.''

Last Updated : Aug 20, 2024, 7:36 PM IST
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