सीहोर। सोमवार 15 जुलाई को सुबह करीब 6 बजे सीहोर जिले के बुधनी के मिडघाट रेलवे ट्रैक पर बाधिन के तीन शावक ट्रेन की चपेट में आ गए थे. इस दुर्घटना में एक शावक की मृत्यु हो गई थी तथा दो शावक गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घटना के दौरान वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम घटना स्थल पर पहुंची. लेकिन दोनों घायल शावकों की स्थिति को देखते हुए वहां इलाज संभव नहीं था. दोनों को इलाज के लिए वन्य प्राणी चिकित्सालय भोपाल में तत्काल भर्ती कराना जरूरी था. जिसके बाद घायल दोनों शावकों को विशेष ट्रेन से लाकर भोपाल के वन्य प्राणी चिकित्सालय में भर्ती किया गया.
शावकों का रेस्क्यू कर रेलवे ने रचा इतिहास
पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल ने सोमवार को एक अनोखा और प्रशंसनीय 'टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन' संपन्न किया. यह अभियान भोपाल मंडल के इतिहास में पहली बार हुआ, जब रेलवे ने टाइगर रेस्क्यू के लिए विशेष ट्रेन चलाई हो. दरअसल पिछले सोमवार को ट्रेन की चपेट में आने से एक बाघ शावक की मौत हो गई थी. जबकि दो शावक घायल हो गए थे. ये शावक रेलवे ट्रैक के किनारे पड़े थे और संभवतः आंतरिक चोटों के कारण हिल-डुल नहीं पा रहे थे. घटनास्थल मिडघाट और चौका स्टेशन सेक्शन के बीच स्थित दो टनल के बीच था. जहां किसी भी प्रकार का वाहन पहुंच पाना संभव नहीं था. फॉरेस्ट और जिला प्रशासन शावकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी.
कलेक्टर सीहोर की पहल
इस बीच, बाघिन भी आसपास ही घूम रही थी, जिससे शावकों को उठाना असंभव प्रतीत हो रहा था. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए कलेक्टर सीहोर ने भोपाल रेल मंडल के डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी से सहयोग की अपील की. डीआरएम भोपाल ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत महाप्रबंधक शोभना बंधोपाध्याय को स्थिति से अवगत करवाया, जो उस समय भोपाल स्टेशन के निरीक्षण पर थीं. महाप्रबंधक ने त्वरित रूप से 'स्पेशल रेस्क्यू ट्रेन' चलाने की अनुमति प्रदान करते हुए मंडल रेल प्रबंधक को निर्देशित किया.
डीआरएम भोपाल ने वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक से चर्चा कर एक सटीक रणनीति बनाई और 'टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन' चलाने का निर्णय लिया गया. मंगलवार की सुबह 9:30 बजे सीहोर जिला प्रशासन से अपील प्राप्त हुई और रेल प्रशासन ने 'टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन' चलाई. यह ट्रेन वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक और कलेक्टर सीहोर एवं उनकी टीम के साथ रानी कमलापति स्टेशन से 12:25 बजे रवाना हुई और 13:55 पर बुधनी पहुंची, जहां ट्रेन के इंजन को भी रिवर्स करना था.
घायल शवकों को लेकर भोपाल पहुंची स्पेशल ट्रेन
ठीक 14:50 बजे ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पहुंची, जहां फॉरेस्ट और जिला प्रशासन की टीम और चीफ कंजरवेटिव ऑफिसर, डीएफओ, एसडीएम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. ट्रेन सेक्शन में रुकी और दो जीवित शावकों को कोच में चढ़ाया गया. ट्रेन 15:10 बजे घटनास्थल से रवाना हुई. उल्लेखनीय है कि 'टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन' का संचालन महिला ट्रेन मैनेजर के निर्देशानुसार किया जा रहा था. ट्रेन 15:45 पर रानी कमलापति स्टेशन पर पहुंची और शावकों को सकुशल उतार कर फॉरेस्ट और जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंप दिया गया.
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3 घंटे 20 मिनट चला रेस्क्यू ऑपरेशन
इस प्रकार भोपाल मंडल द्वारा मंडल रेल प्रबंधक के निर्देशन में एक अनोखा और साहसी ऑपरेशन किया गया. यह ऑपरेशन कुल 3 घंटे 20 मिनट चला, जिसमें आने और जाने की मिलाकर 132 किलोमीटर की दूरी तय की गई. इस सफल ऑपरेशन ने पश्चिम मध्य रेल की तत्परता और समर्पण को एक बार फिर से सिद्ध किया है. इस पूरी कार्रवाई में सीनियर डीओएम निरीश कुमार राजपूत, वन मंडल अधिकारी मगन सिंह डाबर, एसडीएम राधेश्याम बघेल सहित राजस्व एवं वन विभाग की टीम मौजूद रही.
मध्य प्रदेश सरकार की तत्परता व संवेदनशीलता से रेलवे ट्रेक पर घायल हुए बाघिन के दो शावकों को समय पर उपचार मिलना प्रशंसनीय है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 16, 2024
सीहोर के बुधनी में मिडघाट रेलवे ट्रेक पर हुई दुर्घटना में मध्यप्रदेश सरकार और @RailMinIndia ने समन्वय के साथ बेहद कम समय में एक डिब्बे की स्पेशल ट्रेन की… pic.twitter.com/bFYYFFXfE2
सीएम मोहन यादव ने रेलवे का माना आभार
इस मामले में सीएम मोहन यादव ने रेलवे और अधिकारियों की प्रशंसा की है. सीएम मोहन यादव ने अपने 'X' अकाउंट पर लिखा कि मध्य प्रदेश सरकार की तत्परता व संवेदनशीलता से रेलवे ट्रेक पर घायल हुए बाघिन के दो शावकों को समय पर उपचार मिलना प्रशंसनीय है. सीहोर के बुधनी में मिडघाट रेलवे ट्रेक पर हुई दुर्घटना में मध्यप्रदेश सरकार और रेलमंत्रालय ने समन्वय के साथ बेहद कम समय में एक डिब्बे की स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था कर, दोनों शावकों को बेहतरीन उपचार के लिए भोपाल लाकर अस्पताल में भर्ती कराया है. ईश्वर से दोनों शावकों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं.