नई दिल्ली : इंडिया गठबंधन को लेकर दूसरे राज्यों में चाहे जो भी स्थिति हो, महाराष्ट्र में इनके घटकों के बीच सीटों को लेकर सहमति बनती नजर आ रही है. कम-से-कम कांग्रेस पार्टी ऐसी उम्मीद जरूर कर रही है. कांग्रेस इसे 25 जनवरी को अंतिम रूप देना चाहती है.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ईटीवी भारत को बताया, '25 जनवरी को महाविकास अघाड़ी के घटक दलों शिवसेना, एनसीपी शरद पवार गुट और शिवसेना उद्धव गुट तथा कांग्रेस के बीच दूसरे दौर की बैठक होगी. अगर सीट समझौते को लेकर बातचीत बन जाती है, तो हम इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे. अन्यथा एक और बैठक होगी.'
चव्हाण ने बताया कि महाराष्ट्र की सभी 48 सीटों को लेकर प्रोफाइलिंग की गई है और इसको लेकर विस्तार से गठबंधन के सहयोगियों के साथ बातचीत हो चुकी है.
उन्होंने कहा, 'बातचीत जारी है. कुछ लोग सीटों की संख्या को लेकर अनुमान लगा रहे हैं, लेकिन आप उस पर यकीन न करें. लेकिन यह सही है कि महाविकास अघाड़ी के साथ एक व्यापक सहमति बन चुकी है, सभी दल मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.'
आपको बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कांग्रेस 20 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. उद्धव गुट 18 और एनसीपी शरद पवार गुट 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि, इन पार्टियों की यह भी कोशिश है कि वे प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी और शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी को भी जगह दे सकें.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पिछले कई दिनों से अलग-अलग स्तरों पर महाविकास अघाड़ी के साथ समझौते को लेकर खुलकर बात हुई है और इन बैठकों में कांग्रेस ने 23 सीटों की मांग रखी थी, जबकि शिवसेना उद्धव गुट भी 23 सीटों को लेकर अडिग रहा है. एनसीपी ने 12 सीटों की बात कही है.
कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय गठबंधन समिति के सदस्य अशोक गहलोत बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं. इस विषय को लेकर पिछली बैठक मुंबई में 19 जनवरी को हुई थी. इसमें उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि 25 जनवरी को होने वाली बैठक में एकराय कायम होने की पूरी संभावना है. उनके अनुसार कांग्रेस यह भी चाहती है कि इसके जरिए पार्टी आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और टीएमसी को भी संदेश देना चाहती है, कि सीटों को लेकर अलग-अलग दलों के बीच सहमति कायम की जा सकती है, इसके बावजूद कि यह एक कठिन फैसला होता है.
वैसे आपको बता दें कि आज ही ममता बनर्जी ने प.बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. इसके बाद मीडिया में ऐसी खबरें चलने लगीं कि इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. ममता ने कहा कि उन्हें राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की कोई जनकारी नहीं दी गई है, जबकि उनकी यात्रा बंगाल से गुजर रही है.
ममता का यह बयान और भी अधिक चौंकाने वाला है, क्योंकि एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने कहा था कि ममता बनर्जी के साथ उनके अच्छे संबंध हैं, और सीटों को लेकर उनके साथ सहमति बन जाएगी. हालांकि, कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि यह ममता दीदी की प्रेशर पॉलिटिक्स है और सीटों पर सहमति को लेकर होने वाली बैठक से पहले यह सब होता है.
सूत्र बता रहे हैं कि टीएमसी ने प.बंगाल में कांग्रेस को 42 में से मात्र दो सीटें देने का ऑफर दिया था. इसी तरह से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले ही घोषणा की थी कि यूपी की 80 सीटों में से सात सीटें वह आरएलडी को देने के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ उनकी बातचीत अभी भी जारी है. कुछ ऐसा ही दावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी कर रहे हैं, उनका कई बार ऐसा बयान आया है जिसमें उन्होंने सभी 13 सीटों जीतने का दावा किया है.
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