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आंध्र प्रदेश : पालनाडु जिले में स्कूली छात्रों के नाम मतदाता सूची में शामिल

Big mistake in voter list: आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले से मतदाता सूची में बड़ी गड़बड़ी की खबर सामने आई है. दरअसल, स्कूली छात्रों जिनकी उम्र महज 15 से 16 साल होगी उन्हें मतदाता सूची में शामिल किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Big mistake in voter list
पालनाडु जिले में स्कूली छात्रों के नाम मतदाता सूची में शामिल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 7, 2024, 4:14 PM IST

अमरावती: जैसा कि हम सभी को पता है कि वोट देने का अधिकार 18 वर्ष की आयु पर ही मिलता है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि पालनाडु जिले में स्कूली छात्रों को भी मतदाता सूची में शामिल किया गया है. बताया जा रहा है कि पेदाकुरापाडु निर्वाचन क्षेत्र के पोलिंग बूथ नंबर 28 पर 10 स्कूली छात्रों के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं. विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी का कहना है कि मतदान केंद्र संख्या 28 पर 12 से 16 साल की उम्र के 10 बच्चों को मतदाता के रूप में शामिल किया गया है. विपक्षी नेता इस बात से नाराज हैं कि इस मामले में पूछे जाने पर बीएलओ किरण ने लापरवाही भरा जवाब दिया.

बता दें, वाईएसआरसीपी विधायक नंबूरी शंकरराव का अपनी पार्टी के नेता को केवल वाईएसआरसीपी का समर्थन करने वालों को मतदाता के रूप में पंजीकृत करने का आदेश देने का ऑडियो कुछ दिन पहले वायरल हुआ था. उस वक्त पता चला कि विधायक ने एम्माजीगुडेम के वाईएसआरसीपी नेता से बात की थी. अब उसी एम्माजिगुडेम में आलोचना हो रही है कि वाईएसआरसीपी समर्थकों के बच्चों को मतदाता बनने का मौका दिया गया है, भले ही वे 18 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंचे हों.

पिछले दिनों, साल 2024 के आम चुनावों को देखते हुए आंध्र प्रदेश में सत्ता के लिए सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी उम्मीदवारों में बड़े बदलाव हुए. तीन चरणों में घोषित सूचियों में कुल 51 विधानसभा सीटों के लिए नए प्रभारों की घोषणा की गई . इसमें 24 मौजूदा विधायक और 8 संसदीय सीटों पर प्रभारी बदले गए. इसने तीन सांसदों को टिकट देने से इनकार कर दिया.

प्रभारियों के बदलाव की कवायद के दौरान जहां कई नेताओं को टिकट नहीं मिला, वहीं कुछ समय पहले अप्रत्याशित रूप से नए लोगों को टिकट मिलने से पार्टी में बड़ी बहस छिड़ गई. वाईएसआरसीपी समन्वयकों की तीसरी सूची की घोषणा से साफ है कि पार्टी में सवाल उठाने की आवाज बंद हो जाएगी. पुथलपट्टू विधायक एमएस बाबू ने सीएम जगन से सवाल किया कि क्या दलित के रूप में जन्म लेना हमारा अपराध है?

उन्होंने सवाल किया कि क्या यह पाप है? मैंने क्या गलत किया? सिर्फ दलित सीटों पर पार्टी की नकारात्मकता? अगर कोई पैसे देगा तो क्या आई-पाक किसी का मन बदल देगा? उनकी जगह डॉ. मुथिरेवुला सुनीलकुमार को पार्टी प्रभारी नियुक्त किया गया है. सुनील ने 2014-19 के बीच उसी पुथलपट्टू से वाईएसआरसीपी विधायक के रूप में कार्य किया. 2019 में जिस तरह विधायक एमएस बाबू के साथ अन्याय हुआ, उसी तरह सुनील को भी किनारे कर दिया गया.

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अमरावती: जैसा कि हम सभी को पता है कि वोट देने का अधिकार 18 वर्ष की आयु पर ही मिलता है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि पालनाडु जिले में स्कूली छात्रों को भी मतदाता सूची में शामिल किया गया है. बताया जा रहा है कि पेदाकुरापाडु निर्वाचन क्षेत्र के पोलिंग बूथ नंबर 28 पर 10 स्कूली छात्रों के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं. विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी का कहना है कि मतदान केंद्र संख्या 28 पर 12 से 16 साल की उम्र के 10 बच्चों को मतदाता के रूप में शामिल किया गया है. विपक्षी नेता इस बात से नाराज हैं कि इस मामले में पूछे जाने पर बीएलओ किरण ने लापरवाही भरा जवाब दिया.

बता दें, वाईएसआरसीपी विधायक नंबूरी शंकरराव का अपनी पार्टी के नेता को केवल वाईएसआरसीपी का समर्थन करने वालों को मतदाता के रूप में पंजीकृत करने का आदेश देने का ऑडियो कुछ दिन पहले वायरल हुआ था. उस वक्त पता चला कि विधायक ने एम्माजीगुडेम के वाईएसआरसीपी नेता से बात की थी. अब उसी एम्माजिगुडेम में आलोचना हो रही है कि वाईएसआरसीपी समर्थकों के बच्चों को मतदाता बनने का मौका दिया गया है, भले ही वे 18 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंचे हों.

पिछले दिनों, साल 2024 के आम चुनावों को देखते हुए आंध्र प्रदेश में सत्ता के लिए सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी उम्मीदवारों में बड़े बदलाव हुए. तीन चरणों में घोषित सूचियों में कुल 51 विधानसभा सीटों के लिए नए प्रभारों की घोषणा की गई . इसमें 24 मौजूदा विधायक और 8 संसदीय सीटों पर प्रभारी बदले गए. इसने तीन सांसदों को टिकट देने से इनकार कर दिया.

प्रभारियों के बदलाव की कवायद के दौरान जहां कई नेताओं को टिकट नहीं मिला, वहीं कुछ समय पहले अप्रत्याशित रूप से नए लोगों को टिकट मिलने से पार्टी में बड़ी बहस छिड़ गई. वाईएसआरसीपी समन्वयकों की तीसरी सूची की घोषणा से साफ है कि पार्टी में सवाल उठाने की आवाज बंद हो जाएगी. पुथलपट्टू विधायक एमएस बाबू ने सीएम जगन से सवाल किया कि क्या दलित के रूप में जन्म लेना हमारा अपराध है?

उन्होंने सवाल किया कि क्या यह पाप है? मैंने क्या गलत किया? सिर्फ दलित सीटों पर पार्टी की नकारात्मकता? अगर कोई पैसे देगा तो क्या आई-पाक किसी का मन बदल देगा? उनकी जगह डॉ. मुथिरेवुला सुनीलकुमार को पार्टी प्रभारी नियुक्त किया गया है. सुनील ने 2014-19 के बीच उसी पुथलपट्टू से वाईएसआरसीपी विधायक के रूप में कार्य किया. 2019 में जिस तरह विधायक एमएस बाबू के साथ अन्याय हुआ, उसी तरह सुनील को भी किनारे कर दिया गया.

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