नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 2022 में कर्नाटक में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पी.के. मिश्रा की पीठ ने मामले में कर्नाटक सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया.
देश की सर्वोच्च अदालत ने उच्च न्यायालय के उस आदेश पर भी रोक लगा दी जिसमें सीएम सिद्धरमैया, कांग्रेस महासचिव व कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, राज्य के मंत्रियों एम.बी. पाटिल और रामलिंगा रेड्डी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. साथ ही उन्हें छह मार्च को विशेष अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया.
बेंगलुरु में तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आवास का घेराव करने के लिए मार्च निकालने के बाद कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. प्रदर्शनकारी प्रदेश के तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. यह आंदोलन तब किया गया था जब एक ठेकेदार संतोष पाटिल ने ईश्वरप्पा पर अपने गांव में एक सार्वजनिक कार्य के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस के मुताबिक, मामला सड़क जाम करने और इससे यात्रियों को परेशानी होने से जुड़ा था.
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