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SC ने बहाल की यूट्यूबर सत्ताई की जमानत, कहा- 'चुनाव से पहले कितनों को जेल होगी?' - SC Restores Bail To YT Sattai - SC RESTORES BAIL TO YT SATTAI

SC Grants Bail To Youtuber Sattai: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर सत्ताई दुरईमुरुगन की जमानत बहाल कर दी. सत्ताई पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों वाले वीडियो पोस्ट करने का आरोप था. शीर्ष अदालत ने कहा कि हमें जमानत रद्द करने का कोई आधार नहीं मिला.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 8, 2024, 2:25 PM IST

Updated : Apr 9, 2024, 9:24 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में यूट्यूबर दुरईमुरुगन सत्ताई को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि अगर चुनाव से पहले अदालत यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले सभी लोगों को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देगी, तो कल्पना करें कि कितने लोगों को जेल होगी?

पीठ ने राज्य के वकील से बड़ी तस्वीर देखने का आग्रह किया. अधिवक्ता एम योगेश कन्ना ने शीर्ष अदालत के समक्ष सत्ताई का प्रतिनिधित्व किया. पीठ ने तमिलनाडु के वकील से सवाल किया कि यह कौन तय करेगा कि क्या निंदनीय है?

शीर्ष अदालत ने कहा, 'अपीलकर्ता अंतरिम आदेश के माध्यम से दो साल से अधिक समय से जमानत पर है. हमें नहीं लगता कि विरोध करने और विचार व्यक्त करने से यह कहा जा सकता है कि अपीलकर्ता ने अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है'.

दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा कि हमें जमानत रद्द करने का कोई आधार नहीं मिला.

नवंबर 2021 में, मद्रास उच्च न्यायालय ने उन्हें उस मामले में जमानत दे दी थी, जहां उन्होंने कथित तौर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया था. जून 2022 में, मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने यूट्यूबर को दी गई जमानत रद्द कर दी थी. उन्होंने अदालत को दिए गए एक वचन का उल्लंघन करते हुए स्टालिन के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं. सत्ताई ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया.

शीर्ष अदालत ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया, जिसने उनकी जमानत रद्द कर दी थी. शीर्ष अदालत ने जमानत देने के पहले के आदेश को बहाल कर दिया. साथ ही स्पष्ट किया कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि यदि उचित समझा जाए तो जमानत रद्द करने के लिए आवेदन किया जा सकता है.

पढ़ें: पुलिस का अभियोजन गवाहों को प्रशिक्षित करना शक्ति का घोर दुरुपयोग : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में यूट्यूबर दुरईमुरुगन सत्ताई को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि अगर चुनाव से पहले अदालत यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले सभी लोगों को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देगी, तो कल्पना करें कि कितने लोगों को जेल होगी?

पीठ ने राज्य के वकील से बड़ी तस्वीर देखने का आग्रह किया. अधिवक्ता एम योगेश कन्ना ने शीर्ष अदालत के समक्ष सत्ताई का प्रतिनिधित्व किया. पीठ ने तमिलनाडु के वकील से सवाल किया कि यह कौन तय करेगा कि क्या निंदनीय है?

शीर्ष अदालत ने कहा, 'अपीलकर्ता अंतरिम आदेश के माध्यम से दो साल से अधिक समय से जमानत पर है. हमें नहीं लगता कि विरोध करने और विचार व्यक्त करने से यह कहा जा सकता है कि अपीलकर्ता ने अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है'.

दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा कि हमें जमानत रद्द करने का कोई आधार नहीं मिला.

नवंबर 2021 में, मद्रास उच्च न्यायालय ने उन्हें उस मामले में जमानत दे दी थी, जहां उन्होंने कथित तौर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया था. जून 2022 में, मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने यूट्यूबर को दी गई जमानत रद्द कर दी थी. उन्होंने अदालत को दिए गए एक वचन का उल्लंघन करते हुए स्टालिन के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं. सत्ताई ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया.

शीर्ष अदालत ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया, जिसने उनकी जमानत रद्द कर दी थी. शीर्ष अदालत ने जमानत देने के पहले के आदेश को बहाल कर दिया. साथ ही स्पष्ट किया कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि यदि उचित समझा जाए तो जमानत रद्द करने के लिए आवेदन किया जा सकता है.

पढ़ें: पुलिस का अभियोजन गवाहों को प्रशिक्षित करना शक्ति का घोर दुरुपयोग : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated : Apr 9, 2024, 9:24 AM IST
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