नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम बदलने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी गई थी. न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने दो शहरों के नाम बदलने को चुनौती देने वाली याचिकाकर्ताओं की मांग को खारिज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा.
याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं की वैधता को चुनौती दी थी, जिसमें औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में अलग-अलग लोगों के बीच मतभेद होंगे और कुछ लोग शहरों के नाम में बदलाव से सहमत होंगे जबकि कुछ असहमत होंगे. कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा, 'यह एक तर्कसंगत आदेश है.'
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्य ने दोनों शहरों के नाम बदलने से पहले कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन किया था. बता दें कि मई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो शहरों के नाम बदलने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. राज्य सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर जबकि उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव कर दिया था. इस संबंध में शेख मसूद इस्माइल शेख सहित विभिन्न लोगों ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए शेक्सपियर के रोमियो और जूलियट का उदाहरण दिया था कि, 'नाम में क्या रखा है? जिसे हम गुलाब कहते हैं, उसे किसी अन्य नाम से भी पुकारने पर उसकी खुशबू उतनी ही मीठी होगी.'
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