ETV Bharat / bharat

अडाणी की कंपनी की 1,300 करोड़ रुपये की एलपीएस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने नकारा

SC rejects Adani firms plea on LPS : सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी पावर राजस्थान लिमिटेड की याचिका खारिज कर दी है. अडाणी की कंपनी ने जेवीवीएनएल से देरी से भुगतान पर अधिभार के रूप में 1,300 करोड़ रुपये मांगे थे.

supreme court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By PTI

Published : Mar 18, 2024, 8:03 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल) से विलंबित भुगतान अधिभार के रूप में 1,300 करोड़ रुपये से अधिक की मांग करने वाली अडाणी पावर राजस्थान लिमिटेड की याचिका सोमवार को खारिज कर दी.

जेवीवीएनएल राजस्थान सरकार के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी है. अडाणी पावर राजस्थान लिमिटेड (एपीआरएल) ने जेवीवीएनएल से देरी से भुगतान पर अधिभार के रूप में 1,300 करोड़ रुपये की मांग रखी थी.

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार की पीठ ने इस मामले में एपीआरएल के खिलाफ फैसला सुनाया. पीठ ने कहा कि आवेदन दाखिल करना अडाणी की कंपनी द्वारा देर से भुगतान अधिभार (एलपीएस) के लिए उचित कानूनी माध्यम नहीं था.

पीठ ने कहा, 'इस तरह की राहत (एलपीएस का दावा) एक ऐसे आवेदन में नहीं मांगी जा सकती है जिसे सुनवाई के समय स्पष्टीकरण के लिए दाखिल अर्जी बताया गया था.' इसके साथ ही पीठ ने अडाणी समूह की इकाई एपीआरएल पर 50,000 रुपये की लागत भी लगाई. यह राशि उच्चतम न्यायालय की कानूनी सहायता समिति के पास जमा की जाएगी.

शीर्ष अदालत ने इस मामले में 24 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अडाणी समूह की कंपनी ने जेवीवीएनएल की याचिका पर 30 अगस्त, 2020 को दिए गए फैसले में संशोधन की अपील की थी.

शीर्ष अदालत ने 2020 के अपने फैसले में राजस्थान विद्युत नियामक आयोग और विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेशों को बरकरार रखा था, जिसमें एपीआरएल को क्षतिपूर्ति शुल्क का हकदार बताया गया था लेकिन एलपीएस का नहीं. अडाणी की कंपनी ने बिजली खरीद समझौते के संदर्भ में 30 जून, 2022 से एलपीएस बकाया के रूप में 1,376.35 करोड़ रुपये का भुगतान मांगा था.

ये भी पढ़ें

अगस्ता हेलिकॉप्टर घोटाला: आरोपी मिशेल की जमानत याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल) से विलंबित भुगतान अधिभार के रूप में 1,300 करोड़ रुपये से अधिक की मांग करने वाली अडाणी पावर राजस्थान लिमिटेड की याचिका सोमवार को खारिज कर दी.

जेवीवीएनएल राजस्थान सरकार के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी है. अडाणी पावर राजस्थान लिमिटेड (एपीआरएल) ने जेवीवीएनएल से देरी से भुगतान पर अधिभार के रूप में 1,300 करोड़ रुपये की मांग रखी थी.

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार की पीठ ने इस मामले में एपीआरएल के खिलाफ फैसला सुनाया. पीठ ने कहा कि आवेदन दाखिल करना अडाणी की कंपनी द्वारा देर से भुगतान अधिभार (एलपीएस) के लिए उचित कानूनी माध्यम नहीं था.

पीठ ने कहा, 'इस तरह की राहत (एलपीएस का दावा) एक ऐसे आवेदन में नहीं मांगी जा सकती है जिसे सुनवाई के समय स्पष्टीकरण के लिए दाखिल अर्जी बताया गया था.' इसके साथ ही पीठ ने अडाणी समूह की इकाई एपीआरएल पर 50,000 रुपये की लागत भी लगाई. यह राशि उच्चतम न्यायालय की कानूनी सहायता समिति के पास जमा की जाएगी.

शीर्ष अदालत ने इस मामले में 24 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अडाणी समूह की कंपनी ने जेवीवीएनएल की याचिका पर 30 अगस्त, 2020 को दिए गए फैसले में संशोधन की अपील की थी.

शीर्ष अदालत ने 2020 के अपने फैसले में राजस्थान विद्युत नियामक आयोग और विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेशों को बरकरार रखा था, जिसमें एपीआरएल को क्षतिपूर्ति शुल्क का हकदार बताया गया था लेकिन एलपीएस का नहीं. अडाणी की कंपनी ने बिजली खरीद समझौते के संदर्भ में 30 जून, 2022 से एलपीएस बकाया के रूप में 1,376.35 करोड़ रुपये का भुगतान मांगा था.

ये भी पढ़ें

अगस्ता हेलिकॉप्टर घोटाला: आरोपी मिशेल की जमानत याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.