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सनातन धर्म की टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन को SC से फटकार, 'परिणाम का एहसास होना चाहिए, मंत्री हैं आम आदमी नहीं...' - उदयनिधि स्टालिन को SC की फटकार

SC rebukes Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को 'सनातन धर्म' पर दिए गए बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्टालिन ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया. मंत्री हैं, कोई आम जन नहीं. दरअसल, सितंबर 2023 को चेन्नई के कामराजार एरिना में सनातन उन्मूलन सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जहां स्टालिन ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी. उन्होंने सनातन की तुलना मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस से कर दी थी.

SC rebukes udhayanidhi Stalin over Sanatana Dharma
सनातन धर्म की टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, SC ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन ने जो कहा, उसके परिणाम का एहसास होना चाहिए. स्टालिन मंत्री है, कोई आम आदमी नहीं.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 4, 2024, 1:51 PM IST

Updated : Mar 4, 2024, 5:30 PM IST

नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म पर टिप्पणी के मामले में जमकर फटकार लगाई. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि अपने बयान को लेकर काफी सतर्क रहना चाहिए. आपको बयान के नतीजों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. आप एक मंत्री हैं कोई आम इंसान नहीं. बता दें, उदयनिधि के खिलाफ अलग-अलग राज्यों कर्नाटक, यूपी, जम्मू, महाराष्ट्र आदि में केस दर्ज हैं. वहीं, स्टालिन ने 'सनातन धर्म' के संबंध में अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने का निर्देश देने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग - सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि आपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है. अनुच्छेद 19(1)(ए) और अनुच्छेद 25 अधिकार का दुरुपयोग करते हैं. अब अनुच्छेद 25 के तहत सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा मांग रहे हैं. कोई आम आदमी नहीं, आप एक मंत्री हैं. आपको अपने बयान के परिणाम का पता होना चाहिए. कोर्ट ने आगे कहा कि वे हाई कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं.

सभी एफआईआर एक साथ जोड़ने की अपील
स्टालिन की तरफ से वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल को सभी उच्च न्यायालयों में जाना होगा. वह लगातार इसमें बंधे हुए हैं, यह अभियोजन पक्ष के समक्ष उत्पीड़न है. सिंघवी ने एफआईआर को एक जगह क्लब करने पर जोर देते हुए अर्नब गोस्वामी, नूपुर शर्मा, मोहम्मद जुबैर और अमीश देवगन के मामलों का भी जिक्र किया, जहां सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर को क्लब करने पर सहमति जताई थी. उन्होंने कहा कि वह दर्ज हुए मुकदमों के तथ्यों पर टिप्पणी नहीं कर रहे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पहले भी एक ही मामले से जुड़े मुकदमों को साथ जोड़ता रहा है.

सिंघवी ने दलील दी कि यह बंद दरवाजे के पीछे हुई बैठक थी, सार्वजनिक रैली में नहीं. मामले की खूबियों का असर एफआईआर को क्लब करने की याचिका पर नहीं पड़ेगा. सिंघवी ने आगे कहा, 'मैं गुण-दोष के आधार पर एक शब्द भी नहीं कह रहा हूं, इसलिए यह मत सोचिए कि मैं उचित ठहरा रहा हूं, इनकार कर रहा हूं, आलोचना कर रहा हूं'. दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च तक स्थगित कर दी है.

सनातन पर दिया था विवादित बयान
पिछले साल, सितंबर 2023 में एक सम्मेलन में बोलते हुए, उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है और इसे उन्मूलन किया जाना चाहिए. कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें जड़ से खत्म कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस का विरोध नहीं कर सकते, इसे खत्म करना होगा. इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है. अपने बयान पर आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद, उदयनिधि स्टालिन ने अपनी बात पर कायम रहते हुए जोर दिया कि वह हमेशा सनातन धर्म का विरोध करेंगे.

पढ़ें: तमिलनाडु के लोग भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति को खारिज कर देंगे : उदयनिधि

पढ़ें: 'सनातन धर्म' पर टिप्पणी मामले में डीएमके नेता उदयनिधि को कोर्ट का समन

नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म पर टिप्पणी के मामले में जमकर फटकार लगाई. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि अपने बयान को लेकर काफी सतर्क रहना चाहिए. आपको बयान के नतीजों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. आप एक मंत्री हैं कोई आम इंसान नहीं. बता दें, उदयनिधि के खिलाफ अलग-अलग राज्यों कर्नाटक, यूपी, जम्मू, महाराष्ट्र आदि में केस दर्ज हैं. वहीं, स्टालिन ने 'सनातन धर्म' के संबंध में अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने का निर्देश देने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग - सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि आपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है. अनुच्छेद 19(1)(ए) और अनुच्छेद 25 अधिकार का दुरुपयोग करते हैं. अब अनुच्छेद 25 के तहत सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा मांग रहे हैं. कोई आम आदमी नहीं, आप एक मंत्री हैं. आपको अपने बयान के परिणाम का पता होना चाहिए. कोर्ट ने आगे कहा कि वे हाई कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं.

सभी एफआईआर एक साथ जोड़ने की अपील
स्टालिन की तरफ से वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल को सभी उच्च न्यायालयों में जाना होगा. वह लगातार इसमें बंधे हुए हैं, यह अभियोजन पक्ष के समक्ष उत्पीड़न है. सिंघवी ने एफआईआर को एक जगह क्लब करने पर जोर देते हुए अर्नब गोस्वामी, नूपुर शर्मा, मोहम्मद जुबैर और अमीश देवगन के मामलों का भी जिक्र किया, जहां सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर को क्लब करने पर सहमति जताई थी. उन्होंने कहा कि वह दर्ज हुए मुकदमों के तथ्यों पर टिप्पणी नहीं कर रहे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पहले भी एक ही मामले से जुड़े मुकदमों को साथ जोड़ता रहा है.

सिंघवी ने दलील दी कि यह बंद दरवाजे के पीछे हुई बैठक थी, सार्वजनिक रैली में नहीं. मामले की खूबियों का असर एफआईआर को क्लब करने की याचिका पर नहीं पड़ेगा. सिंघवी ने आगे कहा, 'मैं गुण-दोष के आधार पर एक शब्द भी नहीं कह रहा हूं, इसलिए यह मत सोचिए कि मैं उचित ठहरा रहा हूं, इनकार कर रहा हूं, आलोचना कर रहा हूं'. दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च तक स्थगित कर दी है.

सनातन पर दिया था विवादित बयान
पिछले साल, सितंबर 2023 में एक सम्मेलन में बोलते हुए, उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है और इसे उन्मूलन किया जाना चाहिए. कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें जड़ से खत्म कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस का विरोध नहीं कर सकते, इसे खत्म करना होगा. इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है. अपने बयान पर आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद, उदयनिधि स्टालिन ने अपनी बात पर कायम रहते हुए जोर दिया कि वह हमेशा सनातन धर्म का विरोध करेंगे.

पढ़ें: तमिलनाडु के लोग भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति को खारिज कर देंगे : उदयनिधि

पढ़ें: 'सनातन धर्म' पर टिप्पणी मामले में डीएमके नेता उदयनिधि को कोर्ट का समन

Last Updated : Mar 4, 2024, 5:30 PM IST
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