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महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस - SC Issues Notice to Ajit Pawar

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट की याचिका पर अजित पवार और उनके 40 विधायकों से जवाब मांगा है. नार्वेकर ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी घोषित किया था.

Supreme Court notice to Ajit Pawar
अजित पवार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस (फोटो - IANS/ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 29, 2024, 5:18 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 6:00 PM IST

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उस फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट की याचिका पर अजित पवार और उनके 40 विधायकों से जवाब मांगा, जिसमें उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) घोषित किया गया था.

शरद पवार गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि महाराष्ट्र विधानसभा के बचे हुए छोटे कार्यकाल को ध्यान में रखते हुए इस मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है. राज्य विधानसभा का कार्यकाल इस साल नवंबर में समाप्त हो जाएगा.

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं, ने कहा कि अदालत शरद पवार गुट के सांसदों जयंत पाटिल और जितेंद्र अव्हाड की याचिका पर उद्धव ठाकरे गुट की इसी तरह की याचिका पर सुनवाई के तुरंत बाद सुनवाई करेगी.

पीठ ने कहा कि वह शरद पवार गुट द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करेगी. पीठ ने कहा कि अन्य प्रतिवादियों को 'दस्ती' देने की स्वतंत्रता दी गई है. पीठ ने कहा कि 'हम नोटिस जारी करेंगे, विचारणीयता के आधार सहित सभी आपत्तियों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.' ठाकरे गुट ने भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों के पक्ष में स्पीकर के फैसले के खिलाफ इसी तरह की याचिका दायर की थी.

फरवरी में स्पीकर ने माना था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट, जिसने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की और भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गया, असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है. स्पीकर ने प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उस फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट की याचिका पर अजित पवार और उनके 40 विधायकों से जवाब मांगा, जिसमें उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) घोषित किया गया था.

शरद पवार गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि महाराष्ट्र विधानसभा के बचे हुए छोटे कार्यकाल को ध्यान में रखते हुए इस मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है. राज्य विधानसभा का कार्यकाल इस साल नवंबर में समाप्त हो जाएगा.

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं, ने कहा कि अदालत शरद पवार गुट के सांसदों जयंत पाटिल और जितेंद्र अव्हाड की याचिका पर उद्धव ठाकरे गुट की इसी तरह की याचिका पर सुनवाई के तुरंत बाद सुनवाई करेगी.

पीठ ने कहा कि वह शरद पवार गुट द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करेगी. पीठ ने कहा कि अन्य प्रतिवादियों को 'दस्ती' देने की स्वतंत्रता दी गई है. पीठ ने कहा कि 'हम नोटिस जारी करेंगे, विचारणीयता के आधार सहित सभी आपत्तियों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.' ठाकरे गुट ने भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों के पक्ष में स्पीकर के फैसले के खिलाफ इसी तरह की याचिका दायर की थी.

फरवरी में स्पीकर ने माना था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट, जिसने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की और भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गया, असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है. स्पीकर ने प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

Last Updated : Jul 29, 2024, 6:00 PM IST
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