नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की.
कॉलेजियम में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे. शुक्रवार को हुई एक बैठक में कॉलेजियम ने इस तथ्य पर विचार किया कि वह उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं और अनुसूचित जाति से आने वाले उच्च न्यायालय के एकमात्र मुख्य न्यायाधीश हैं.
कॉलेजियम ने कहा, 'हम इस तथ्य से भी अवगत हैं कि वर्तमान में, सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ में बंबई उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीश हैं. इसलिए, कॉलेजियम सर्वसम्मति से यह सिफारिश करने का निर्णय लेता है कि न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी. वराले को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए.'
कॉलेजियम ने 25 दिसंबर, 2023 को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की सेवानिवृत्ति पर उत्पन्न रिक्ति पर ध्यान दिया. उसने कहा, 'इस बात को ध्यान में रखते हुए कि न्यायाधीशों का कार्यभार काफी बढ़ गया है, यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है कि न्यायालय में हर समय न्यायाधीशों की पूर्ण क्षमता हो. इसलिए, कॉलेजियम ने एक नाम की सिफारिश करके एकमात्र मौजूदा रिक्ति को भरने का निर्णय लिया है.'