नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जेल से अपने कर्तव्यों का पालन करने पर कोई रोक है? केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 जून को कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. वर्तमान में, वह सीबीआई के मामले में जेल में हैं.
जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच एक दोषी के दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसकी सजा की छूट में देरी का आरोप लगाया गया था. सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया था कि, केजरीवाल के हस्ताक्षर के अभाव में पात्र दोषियों की सजा की छूट से संबंधित फाइलें विलंबित हो रही हैं.
पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि, क्या मुख्यमंत्री पर जेल से अपने कर्तव्यों का पालन करने पर कोई रोक है? पीठ ने कहा कि वह इसकी जांच करना चाहती है, क्योंकि इससे सैकड़ों मामले प्रभावित होंगे.
पीठ ने कहा कि कई फाइलें होंगी, क्योंकि अदालत द्वारा मुख्यमंत्री के संबंध में विभिन्न आदेश पारित किए जाते हैं. पीठ ने पूछा, "क्या मुख्यमंत्री को ऐसी महत्वपूर्ण फाइलों पर हस्ताक्षर करने से कोई रोक है?" भाटी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर निर्देश लेकर अदालत को बताएंगे.
सीआरपीसी की धारा 432 के तहत राज्य सरकारें कैदी के आचरण, पुनर्वास, स्वास्थ्य और जेल में बिताए गए समय जैसे कारकों के आधार पर किसी दोषी को दी गई सजा के पूरे या हिस्से को माफ कर सकती हैं.
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