नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सीबीआई से आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के भाई और पूर्व कांग्रेस सांसद वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या की 'केस डायरी' रिकॉर्ड पर पेश करने को कहा. इसके साथ ही न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख तय की. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने जांच एजेंसी से दस्तावेज डिजिटल रूप में दाखिल करने को कहा.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि केस डायरी में 60 खंड हैं. शुरुआत में, याचिकाकर्ता विवेकानन्द रेड्डी की बेटी सुनीता नारेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि मामले में दो-तीन मुद्दों पर विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है. इसके बाद, पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई 22 अप्रैल के लिए निर्धारित की.
उच्च न्यायालय ने हत्या के मामले में विवेकानंद रेड्डी के भतीजे एवं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी को अग्रिम जमानत दे दी थी. दक्षिणी राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च, 2019 की रात विवेकानंद रेड्डी की कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला में उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी. मामले की शुरुआत में राज्य अपराध जांच विभाग की एक विशेष टीम ने जांच की थी, लेकिन जुलाई 2020 में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था.
उच्च न्यायालय ने 31 मई, 2023 को अविनाश रेड्डी को अग्रिम जमानत दे दी थी और उन्हें जांच पूरी होने तक सीबीआई की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया था. अविनाश रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई हैं और सीबीआई हत्या के संबंध में उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी है. उनके पिता वाई एस भास्कर रेड्डी को विवेकानन्द रेड्डी की हत्या के सिलसिले में पिछले साल 16 अप्रैल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
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