पटनाः रविवार को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली. मोदी की तीसरी पारी में बिहार को बड़ा प्रतिनिधित्व मिला है और राज्य से 8 मंत्री बनाए गये हैं. बिहार से बननेवाले मंत्रियों में सतीश चंद्र दुबे भी शामिल हैं. सतीश चंद्र दुबे फिलहाल राज्यसभा के सांसद हैं.
बीजेपी का युवा ब्राह्मण चेहराः चंपारण इलाके के कद्दावर ब्राह्मण नेता के रूप में शुमार सतीश चंद्र दुबे का जन्म 2 मई 1975 को पश्चिम चंपारण के हरसरी गांव में हुआ था. उन्होंने नरकटियागंज के टीपी कॉलेज से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की है. उनके पिता का नाम स्व. इंद्रजीत दुबे है.
पंचायत अध्यक्ष के रूप में शुरू किया सियासी सफरः सतीश चंद्र दुबे ने 1993 में बीजेपी ज्वाइन की और पंचायत अध्यक्ष बने. हालांकि उन्होंने 2000 में शिवसेना के टिकट पर चनपटिया विधानसभा से चुनाव लड़ा और मामूली वोट से जीतने से रह गये. लेकिन 5 साल बाद यानी 2005 में सतीश चंद्र दुबे बीजेपी के टिकट पर चनपटिया से विधायक चुने गये. तब विधानसभा का गठन नहीं हो पाया और 2005 में हुए दोबारा चुनाव में फिर से चनपटिया से विधायक चुने गये.
2014 में बने लोकसभा सांसदः सतीश चंद्र दुबे ने 2010 में भी नरकटियागंज से विधानसभा का चुनाव जीता. वहीं 2014 में उन्होंने वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज कर पहली बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचने में सफल रहे.
2019 में राज्यसभा सांसद बनाए गयेः 2019 में टिकट बंटवारे के दौरान वाल्मीकिनगर सीट जेडीयू के खाते में चली गयी, जिसके कारण सतीश दुबे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाए, लेकिन बीजेपी ने उनकी अहमियत समझते हुए 2019 में ही राज्यसभा का सदस्य बना दिया. 3 जून 2022 को उन्हें दोबारा राज्यसभा जाने का मौका मिला.
ब्राह्मणों को साधने की कवायदः मोदी कैबिनेट में बिहार से जिन 8 मंत्रियों को जगह दी गयी है उनमें एक मात्र ब्राह्मण चेहरा सतीश चंद्र दुबे ही है. सतीश चंद्र दुबे को बड़ा ब्राह्मण चेहरा माना जाता है, खासकर चंपारण इलाके में सतीश चंद्र दुबे की अपनी जाति में गहरी पैठ है.