ETV Bharat / bharat

लाहौर से सर्राफा कारोबार छोड़ देहरादून आए सेवा सिंह, शुरू किया 'मदहोश आर्केस्ट्रा ग्रुप', नई पीढ़ी भी कर रही संगीत प्रेमियों की सेवा - Venus Musicare Centre Dehradun

Story of Sardar Seva Singh who came from Lahore to Dehradun भारत के पाकिस्तान के रूप में बंटवारे ने असंख्य लोगों को विस्थापित किया. जमा जमाया कारोबार और नौकरी खोने तथा हिंसा में कई परिवार बिखर गए. कुछ ने फिर से उठ खड़े होने का हौसला दिखाया. उन्हीं में से एक थे सरदार सेवा सिंह. सेवा सिंह का लाहौर में सराफा का व्यवसाय था. बंटवारे ने सब छीन लिया. लाहौर से देहरादून आए तो संगीत को जीवन के आगे के सफर का साथी बनाया. 1950 में देहरादून में शुरू किए गए 'मदहोश आर्केस्ट्रा ग्रुप' से चलकर नई पीढ़ी में म्यूजिक इंट्रूमेंट के कारोबार तक संगीत का सफर जारी है.

Etv Bharat
Etv Bharat (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 22, 2024, 2:08 PM IST

देहरादून में संगीत साधना (Etv Bharat)

देहरादून: देश की आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहे देहरादून शहर में विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आए सरदार सेवा सिंह ने अपने वायलिन क्लासिकल सिंगिंग को आगे बढ़ाते हुए दून घाटी में पहले म्यूजिक ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की थी. परिवार का पारंपरिक व्यवसाय भले सर्राफा का था, लेकिन देश के तमाम स्वतंत्रता आंदोलनों में अपने वायलिन और क्लासिकल वोकल से भाग लिया.

Lahore to Dehradun
वीनस म्यूजिकेयर सेंटर किफायती दाम में वाद्य यंत्र देता है (Photo- ETV Bharat)

विभाजन के समय लाहौर से आए देहरादून: तत्कालीन भारत के लाहौर निवासी सरदार सेवा सिंह जब विभाजन के बाद दून घाटी में आए, तो उन्होंने अपने वायलिन और क्लासिकल सिंगिंग के शौक को यहां भी जारी रखा. इस तरह से देश की आजादी के बाद दूर घाटी में देहरादून के पहले संगीत ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना सरदार सेवा सिंह ने की. उनकी विरासत को आगे उनके पुत्र बलबीर सिंह और उनके पत्र सुरदीप सिंह और मनदीप सिंह आगे बढ़ा रहे हैं.

Lahore to Dehradun
वाद्य यंत्रों के लिए दिल्ली, मुंबई जाने की जरूरत नहीं (Photo- ETV Bharat)

74 साल लंबा है वीनस म्यूजिकेयर का सुनहरा इतिहास: स्वर्गीय सरदार सेवा सिंह के पुत्र बलबीर सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि विभाजन से पहले लाहौर में उनके परिवार का सर्राफा व्यापार चलता था. विभाजन के बाद जब देहरादून पहुंचे और व्यापार पूरा खत्म हो चुका था, तो उनके पिताजी सरदार सेवा सिंह ने संगीत के अपने शौक को करियर के रूप में लिया. उसी में आगे काम किया. इस तरह से 1950 में देहरादून में पहले संगीत ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की और इसके बाद बलवीर सिंह ने भी संगीत में ही अपना करियर बनाया.

Lahore to Dehradun
वीनस म्यूजिकेयर सेंटर में हर वाद्य यंत्र मिलता है (Photo- ETV Bharat)

वीनस म्यूजिक सेंटर की स्थापना हुई, जिसमें हर तरह के म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट सिखाए जाते थे. सरदार सेवा सिंह के पुत्र बलबीर सिंह ने अपना म्यूजिकल ग्रुप भी बनाया. ग्रुप का नाम था 'मदहोश आर्केस्ट्रा ग्रुप'. इस म्यूजिक ग्रुप ने देहरादून में 70 के दशक में धूम मचाई और यह हर जगह लोकप्रिय होने लगा. उन्होंने बताया कि उनके म्यूजिकल ग्रुप और वीनस म्यूजिकेयर सेंटर का काम उत्तराखंड राज्य गठन तक चलता रहा. उत्तराखंड बनने के बाद उन्होंने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट में सेल और सर्विस का काम भी शुरू किया.

1950 से देहरादून में संगीत सेवाएं दे रहा है वीनस म्यूजिकेयर: अगर आप देहरादून रहते हैं तो आज आपको संगीत से जुड़े छोटे से छोटे और बड़े से बड़ा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट लेने के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं है. वीनस म्यूजिकेयर आपको देहरादून में ही दुनिया के सभी आधुनिक संगीत वाद्य यंत्रों की उपलब्धता करवाता है. स्वर्गीय सरदार सेवा सिंह के पौत्र सुरदीप सिंह बताते हैं कि उन्हें बेहद गर्व महसूस होता है कि वह देहरादून के हर म्यूजिशियन को यह भरोसा देते हैं कि उन्हें अपने किसी भी म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट के लिए दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं है. वह देहरादून में ही सभी तरह की सुविधा उपलब्ध कराते हैं.

Lahore to Dehradun
देहरादून का वीनस म्यूजिकेयर सेंटर प्रसिद्ध है (Photo- ETV Bharat)

सुरदीप बताते हैं कि वह अपने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट और म्यूजिक सर्विसेज की गुणवत्ता में किसी भी तरह का समझौता नहीं करते हैं. यही वजह है कि आज भी इंडिया के बड़े म्यूजिक इंपोर्टर जब भी देश के बाहर से म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट इंपोर्ट करते हैं तो वहां पर विशेषज्ञ के तौर पर उन्हें बुलाया जाता है. उन्होंने बताया कि वीनस म्यूजिक केयर में 3,500 से लेकर के 2 लाख तक के गिटार मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि उनके भले ही महंगे म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट न बिकें, लेकिन वह अपने ग्राहकों को इस बात की संतुष्टि देना चाहते हैं कि देहरादून में हर तरह के म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध हैं.

Lahore to Dehradun
वीनस म्यूजिकेयर सेंटर में गिटारों की पूरी सीरीज मिलेगी (Photo- ETV Bharat)

उत्तराखंड के संगीतज्ञों की राष्ट्रीय मंच पर धूम: उत्तराखंड राज्य में संगीत और संगीतज्ञों की बात करें तो पिछले एक दशक में उत्तराखंड के संगीत और उत्तराखंड के संगीतकारों ने राष्ट्रीय मंच पर अपनी महत्वपूर्ण जगह बनाई है. उत्तराखंड के स्थानीय कलाकारों की बात करें तो स्वर्गीय जीत सिंह नेगी, स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी, स्व. कबूतरी देवी, नरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम भर्तवाण, रेखा धस्माना, मीना राणा, कल्पना चौहान जैसे क्षेत्रीय संगीत कलाकारों ने उत्तराखंड के लोक गायन को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने का काम किया है.

Lahore to Dehradun
वीनस म्यूजिकेयर सेंटर ड्रम की वैराइटी भी है (Photo- ETV Bharat)

मौजूदा समय में युवा गीत संगीत कलाकारों की बात करें तो हाल ही में बॉलीवुड में जुबिन नौटियाल, नेहा कक्कड़, पवनदीप राजन ने अपनी बड़ी पहचान बनाई है. हाल ही में कोक स्टूडियो से रिलीज हुए "सुनचड़ी" में तो उत्तराखंड की लोक कलाकार कमला देवी के गाने ने श्रोताओं का दिल लूटा है.

Lahore to Dehradun
सरदार सेवा सिंह बंटवारे के समय देहरादून आए थे (Photo- ETV Bharat)

क्या कहते हैं म्यूजिक टीचर: देहरादून के बड़े स्कूल में म्यूजिक टीचर सुमित डोगरा ने बताया कि देहरादून में संगीत के लिए बेहद अच्छा माहौल है. यहां पर हर तरह के म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध हैं. अब स्कूलों में भी संगीत की अच्छी पढ़ाई करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि म्यूजिक में नए-नए कोर्स इंट्रोड्यूस हो रहे हैं. साथ उन्होंने नए युवा संगीत के क्षेत्र में रुचि रखने वाले लोगों को संदेश दिया है कि वह तकनीक से ज्यादा संगीत को आत्मीयता से अपने अंदर महसूस करें तब जाकर वह अपने जीवन में एक अच्छा गायक, संगीतकार बन सकते हैं.
ये भी पढ़ें:

देहरादून में संगीत साधना (Etv Bharat)

देहरादून: देश की आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहे देहरादून शहर में विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आए सरदार सेवा सिंह ने अपने वायलिन क्लासिकल सिंगिंग को आगे बढ़ाते हुए दून घाटी में पहले म्यूजिक ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की थी. परिवार का पारंपरिक व्यवसाय भले सर्राफा का था, लेकिन देश के तमाम स्वतंत्रता आंदोलनों में अपने वायलिन और क्लासिकल वोकल से भाग लिया.

Lahore to Dehradun
वीनस म्यूजिकेयर सेंटर किफायती दाम में वाद्य यंत्र देता है (Photo- ETV Bharat)

विभाजन के समय लाहौर से आए देहरादून: तत्कालीन भारत के लाहौर निवासी सरदार सेवा सिंह जब विभाजन के बाद दून घाटी में आए, तो उन्होंने अपने वायलिन और क्लासिकल सिंगिंग के शौक को यहां भी जारी रखा. इस तरह से देश की आजादी के बाद दूर घाटी में देहरादून के पहले संगीत ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना सरदार सेवा सिंह ने की. उनकी विरासत को आगे उनके पुत्र बलबीर सिंह और उनके पत्र सुरदीप सिंह और मनदीप सिंह आगे बढ़ा रहे हैं.

Lahore to Dehradun
वाद्य यंत्रों के लिए दिल्ली, मुंबई जाने की जरूरत नहीं (Photo- ETV Bharat)

74 साल लंबा है वीनस म्यूजिकेयर का सुनहरा इतिहास: स्वर्गीय सरदार सेवा सिंह के पुत्र बलबीर सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि विभाजन से पहले लाहौर में उनके परिवार का सर्राफा व्यापार चलता था. विभाजन के बाद जब देहरादून पहुंचे और व्यापार पूरा खत्म हो चुका था, तो उनके पिताजी सरदार सेवा सिंह ने संगीत के अपने शौक को करियर के रूप में लिया. उसी में आगे काम किया. इस तरह से 1950 में देहरादून में पहले संगीत ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की और इसके बाद बलवीर सिंह ने भी संगीत में ही अपना करियर बनाया.

Lahore to Dehradun
वीनस म्यूजिकेयर सेंटर में हर वाद्य यंत्र मिलता है (Photo- ETV Bharat)

वीनस म्यूजिक सेंटर की स्थापना हुई, जिसमें हर तरह के म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट सिखाए जाते थे. सरदार सेवा सिंह के पुत्र बलबीर सिंह ने अपना म्यूजिकल ग्रुप भी बनाया. ग्रुप का नाम था 'मदहोश आर्केस्ट्रा ग्रुप'. इस म्यूजिक ग्रुप ने देहरादून में 70 के दशक में धूम मचाई और यह हर जगह लोकप्रिय होने लगा. उन्होंने बताया कि उनके म्यूजिकल ग्रुप और वीनस म्यूजिकेयर सेंटर का काम उत्तराखंड राज्य गठन तक चलता रहा. उत्तराखंड बनने के बाद उन्होंने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट में सेल और सर्विस का काम भी शुरू किया.

1950 से देहरादून में संगीत सेवाएं दे रहा है वीनस म्यूजिकेयर: अगर आप देहरादून रहते हैं तो आज आपको संगीत से जुड़े छोटे से छोटे और बड़े से बड़ा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट लेने के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं है. वीनस म्यूजिकेयर आपको देहरादून में ही दुनिया के सभी आधुनिक संगीत वाद्य यंत्रों की उपलब्धता करवाता है. स्वर्गीय सरदार सेवा सिंह के पौत्र सुरदीप सिंह बताते हैं कि उन्हें बेहद गर्व महसूस होता है कि वह देहरादून के हर म्यूजिशियन को यह भरोसा देते हैं कि उन्हें अपने किसी भी म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट के लिए दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं है. वह देहरादून में ही सभी तरह की सुविधा उपलब्ध कराते हैं.

Lahore to Dehradun
देहरादून का वीनस म्यूजिकेयर सेंटर प्रसिद्ध है (Photo- ETV Bharat)

सुरदीप बताते हैं कि वह अपने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट और म्यूजिक सर्विसेज की गुणवत्ता में किसी भी तरह का समझौता नहीं करते हैं. यही वजह है कि आज भी इंडिया के बड़े म्यूजिक इंपोर्टर जब भी देश के बाहर से म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट इंपोर्ट करते हैं तो वहां पर विशेषज्ञ के तौर पर उन्हें बुलाया जाता है. उन्होंने बताया कि वीनस म्यूजिक केयर में 3,500 से लेकर के 2 लाख तक के गिटार मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि उनके भले ही महंगे म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट न बिकें, लेकिन वह अपने ग्राहकों को इस बात की संतुष्टि देना चाहते हैं कि देहरादून में हर तरह के म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध हैं.

Lahore to Dehradun
वीनस म्यूजिकेयर सेंटर में गिटारों की पूरी सीरीज मिलेगी (Photo- ETV Bharat)

उत्तराखंड के संगीतज्ञों की राष्ट्रीय मंच पर धूम: उत्तराखंड राज्य में संगीत और संगीतज्ञों की बात करें तो पिछले एक दशक में उत्तराखंड के संगीत और उत्तराखंड के संगीतकारों ने राष्ट्रीय मंच पर अपनी महत्वपूर्ण जगह बनाई है. उत्तराखंड के स्थानीय कलाकारों की बात करें तो स्वर्गीय जीत सिंह नेगी, स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी, स्व. कबूतरी देवी, नरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम भर्तवाण, रेखा धस्माना, मीना राणा, कल्पना चौहान जैसे क्षेत्रीय संगीत कलाकारों ने उत्तराखंड के लोक गायन को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने का काम किया है.

Lahore to Dehradun
वीनस म्यूजिकेयर सेंटर ड्रम की वैराइटी भी है (Photo- ETV Bharat)

मौजूदा समय में युवा गीत संगीत कलाकारों की बात करें तो हाल ही में बॉलीवुड में जुबिन नौटियाल, नेहा कक्कड़, पवनदीप राजन ने अपनी बड़ी पहचान बनाई है. हाल ही में कोक स्टूडियो से रिलीज हुए "सुनचड़ी" में तो उत्तराखंड की लोक कलाकार कमला देवी के गाने ने श्रोताओं का दिल लूटा है.

Lahore to Dehradun
सरदार सेवा सिंह बंटवारे के समय देहरादून आए थे (Photo- ETV Bharat)

क्या कहते हैं म्यूजिक टीचर: देहरादून के बड़े स्कूल में म्यूजिक टीचर सुमित डोगरा ने बताया कि देहरादून में संगीत के लिए बेहद अच्छा माहौल है. यहां पर हर तरह के म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध हैं. अब स्कूलों में भी संगीत की अच्छी पढ़ाई करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि म्यूजिक में नए-नए कोर्स इंट्रोड्यूस हो रहे हैं. साथ उन्होंने नए युवा संगीत के क्षेत्र में रुचि रखने वाले लोगों को संदेश दिया है कि वह तकनीक से ज्यादा संगीत को आत्मीयता से अपने अंदर महसूस करें तब जाकर वह अपने जीवन में एक अच्छा गायक, संगीतकार बन सकते हैं.
ये भी पढ़ें:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.