मुंबई : शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने इमरजेंसी को सही ठहराया है. राउत ने कहा कि उस समय की परिस्थिति ऐसी थी कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री होते, तो वह भी ऐसा ही करते. संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी का आरएसएस और शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने भी समर्थन किया था.
#WATCH | On June 25 to be observed as Samvidhan Hatya Divas in remembrance of the 1975 Emergency, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, " they have no work left. it has been 50 years, people have forgotten the emergency. why was emergency imposed in this country? some people… pic.twitter.com/2C6I19kDMr
— ANI (@ANI) July 13, 2024
शिवसेना(यू) का यह बयान मोदी सरकार के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उन्होंने 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला किया है. इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाई थी. इमरजेंसी के दौरान जनता के सारे अधिकारों में कटौती कर दी गई थी. विपक्षी पार्टियों के नेताओं को जेल भेज दिया गया था. अखबारों पर सेंसरशिप लागू था.
इस बार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने बार-बार संविधान बचाओ अभियान का जिक्र किया. उन्होंने संसद में शपथ ग्रहण के दौरान भी संविधान की कॉपी लहराई. उनके साथ-साथ इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भी संविधान बचाओ के नारे का समर्थन किया है. भाजपा ने कांग्रेस और शिवसेना (यू) दोनों पर हमला बोला है.
Congress & INDI ALLIANCE says CONGRESS APOLOGISED FOR EMERGENCY
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) July 13, 2024
But reality is Sanjay Raut justifies it
Saying there was anarchy so it was needed
Rashid Alvi says “emergency was as per Constitution”
This is the Emergency Mindset
Do SP , DMK, TMC, RJD agree??
Was Emergency… pic.twitter.com/LmDI01SGOw
संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी उस समय राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी 50 साल पहले लगा था, लोग भूल भी गए हैं, लेकिन वर्तमान सरकार इसे किसी न किसी बहाने चर्चा में लाना चाहती है, क्योंकि वह जनता का ध्यान मूल मुद्दा से भटकाना चाहती है.
इमरजेंसी लगाए जाने के पीछे की घटना का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा, " उस समय रामलीला ग्राउंड से कुछ लोगों ने जवानों और सेनाओं को सरकार के आदेश न मानने का अनुरोध किया था. कुछ लोग चाहते थे कि पूरे देश में अव्यवस्था फैले. ऐसी स्थिति में अगर वाजपेयी भी पीएम रहते, तो यही कदम उठाते. कुछ लोग देश में अलग-अलग जगहों पर बम बना रहे थे. मैं आपको बताना चाहता हूं कि अमित शाह को इमरजेंसी के बारे में पता नहीं है. वैसे लोग जो बार-बार बाल ठाकरे की प्रशंसा करते हैं, उन्हें पता नहीं है कि उन्होंने इसका समर्थन किया था. आरएसएस ने भी समर्थन किया था."
राउत ने कहा कि बाल ठाकरे ने इंदिरा गांधी का मुंबई में स्वागत किया था. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों से वर्तमान सरकार भी संविधान की हत्या कर रही है. संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी के बाद वाजपेयी की भी सरकार बनी, और उससे पहले जनता पार्टी की भी सरकार आई. लेकिन किसी ने ऐसा नहीं कहा कि हम संविधान हत्या दिवस मनाएंगे. और हम जब इस सरकार के बारे में बोलना शुरू करेंगे, जो हर रोज संविधान की हत्या कर रही है, तो वे पूरी तरह से एक्सपोज हो जाएंगे.
ये भी पढ़ें :
हर साल इस दिन मनाया जाएगा 'संविधान हत्या दिवस', सरकार ने की घोषणा, जानें क्या है उद्देश्य
'संविधान हत्या दिवस' मनाने के फैसले पर कांग्रेस बोली, '4 जून मोदी-मुक्ति दिवस'