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उद्धव गुट ने इमरजेंसी का किया समर्थन, पार्टी बोली, 'वाजपेयी पीएम होते, तो वह भी ऐसा ही करते' - Sanjay Raut Supports Emergency

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 13, 2024, 1:30 PM IST

Updated : Jul 13, 2024, 1:37 PM IST

उद्धव ठाकरे गुट ने इमरजेंसी का खुलकर समर्थन किया है. पार्टी ने कहा कि अगर उस समय अटल बिहारी वाजपेयी पीएम होते, तो वह भी ऐसा ही करते. संजय राउत ने कहा कि शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने भी इसका समर्थन किया था.

Shivsena (U), Uddhav Thakre
शिवसेना (यू) सुप्रीमो उद्धव ठाकरे (IANS)

मुंबई : शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने इमरजेंसी को सही ठहराया है. राउत ने कहा कि उस समय की परिस्थिति ऐसी थी कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री होते, तो वह भी ऐसा ही करते. संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी का आरएसएस और शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने भी समर्थन किया था.

शिवसेना(यू) का यह बयान मोदी सरकार के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उन्होंने 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला किया है. इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाई थी. इमरजेंसी के दौरान जनता के सारे अधिकारों में कटौती कर दी गई थी. विपक्षी पार्टियों के नेताओं को जेल भेज दिया गया था. अखबारों पर सेंसरशिप लागू था.

इस बार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने बार-बार संविधान बचाओ अभियान का जिक्र किया. उन्होंने संसद में शपथ ग्रहण के दौरान भी संविधान की कॉपी लहराई. उनके साथ-साथ इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भी संविधान बचाओ के नारे का समर्थन किया है. भाजपा ने कांग्रेस और शिवसेना (यू) दोनों पर हमला बोला है.

संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी उस समय राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी 50 साल पहले लगा था, लोग भूल भी गए हैं, लेकिन वर्तमान सरकार इसे किसी न किसी बहाने चर्चा में लाना चाहती है, क्योंकि वह जनता का ध्यान मूल मुद्दा से भटकाना चाहती है.

इमरजेंसी लगाए जाने के पीछे की घटना का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा, " उस समय रामलीला ग्राउंड से कुछ लोगों ने जवानों और सेनाओं को सरकार के आदेश न मानने का अनुरोध किया था. कुछ लोग चाहते थे कि पूरे देश में अव्यवस्था फैले. ऐसी स्थिति में अगर वाजपेयी भी पीएम रहते, तो यही कदम उठाते. कुछ लोग देश में अलग-अलग जगहों पर बम बना रहे थे. मैं आपको बताना चाहता हूं कि अमित शाह को इमरजेंसी के बारे में पता नहीं है. वैसे लोग जो बार-बार बाल ठाकरे की प्रशंसा करते हैं, उन्हें पता नहीं है कि उन्होंने इसका समर्थन किया था. आरएसएस ने भी समर्थन किया था."

राउत ने कहा कि बाल ठाकरे ने इंदिरा गांधी का मुंबई में स्वागत किया था. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों से वर्तमान सरकार भी संविधान की हत्या कर रही है. संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी के बाद वाजपेयी की भी सरकार बनी, और उससे पहले जनता पार्टी की भी सरकार आई. लेकिन किसी ने ऐसा नहीं कहा कि हम संविधान हत्या दिवस मनाएंगे. और हम जब इस सरकार के बारे में बोलना शुरू करेंगे, जो हर रोज संविधान की हत्या कर रही है, तो वे पूरी तरह से एक्सपोज हो जाएंगे.

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मुंबई : शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने इमरजेंसी को सही ठहराया है. राउत ने कहा कि उस समय की परिस्थिति ऐसी थी कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री होते, तो वह भी ऐसा ही करते. संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी का आरएसएस और शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने भी समर्थन किया था.

शिवसेना(यू) का यह बयान मोदी सरकार के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उन्होंने 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला किया है. इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाई थी. इमरजेंसी के दौरान जनता के सारे अधिकारों में कटौती कर दी गई थी. विपक्षी पार्टियों के नेताओं को जेल भेज दिया गया था. अखबारों पर सेंसरशिप लागू था.

इस बार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने बार-बार संविधान बचाओ अभियान का जिक्र किया. उन्होंने संसद में शपथ ग्रहण के दौरान भी संविधान की कॉपी लहराई. उनके साथ-साथ इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भी संविधान बचाओ के नारे का समर्थन किया है. भाजपा ने कांग्रेस और शिवसेना (यू) दोनों पर हमला बोला है.

संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी उस समय राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी 50 साल पहले लगा था, लोग भूल भी गए हैं, लेकिन वर्तमान सरकार इसे किसी न किसी बहाने चर्चा में लाना चाहती है, क्योंकि वह जनता का ध्यान मूल मुद्दा से भटकाना चाहती है.

इमरजेंसी लगाए जाने के पीछे की घटना का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा, " उस समय रामलीला ग्राउंड से कुछ लोगों ने जवानों और सेनाओं को सरकार के आदेश न मानने का अनुरोध किया था. कुछ लोग चाहते थे कि पूरे देश में अव्यवस्था फैले. ऐसी स्थिति में अगर वाजपेयी भी पीएम रहते, तो यही कदम उठाते. कुछ लोग देश में अलग-अलग जगहों पर बम बना रहे थे. मैं आपको बताना चाहता हूं कि अमित शाह को इमरजेंसी के बारे में पता नहीं है. वैसे लोग जो बार-बार बाल ठाकरे की प्रशंसा करते हैं, उन्हें पता नहीं है कि उन्होंने इसका समर्थन किया था. आरएसएस ने भी समर्थन किया था."

राउत ने कहा कि बाल ठाकरे ने इंदिरा गांधी का मुंबई में स्वागत किया था. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों से वर्तमान सरकार भी संविधान की हत्या कर रही है. संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी के बाद वाजपेयी की भी सरकार बनी, और उससे पहले जनता पार्टी की भी सरकार आई. लेकिन किसी ने ऐसा नहीं कहा कि हम संविधान हत्या दिवस मनाएंगे. और हम जब इस सरकार के बारे में बोलना शुरू करेंगे, जो हर रोज संविधान की हत्या कर रही है, तो वे पूरी तरह से एक्सपोज हो जाएंगे.

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Last Updated : Jul 13, 2024, 1:37 PM IST
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