कोलकाता : कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में संदेशखाली जा रहे पार्टी के एक दल को पुलिस ने शुक्रवार को कथित तौर पर रोक दिया. संदेशखाली में ग्रामीण कई दिनों से पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा कथित तौर पर उत्पीड़न किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
चौधरी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जा रहे थे. उन्हें पुलिस ने शुरु में सरबेरिया में और दोबारा रामपुर गांव में रोका. पुलिस ने भारतीय दंड प्रक्रिया की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए कांग्रेस के दल को संदेशखाली जाने की अनुमति नहीं दी. अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है और सवाल किया कि क्यों विपक्षी पार्टियों को संदेशखाली जाने नहीं दिया जा रहा है.
चौधरी ने सवाल किया, 'क्यों विपक्षी पार्टियों को संदेशखाली में दाखिल होने से रोका जा रहा है? राज्य सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? क्यों वे मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं?' रामपुर गांव में रोके जाने के बाद चौधरी और कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए.
इस बीच, संदेशखाली में प्रदर्शन शुक्रवार को लगातार आठवें दिन भी जारी है। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं जो तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उसके साथियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं. इन महिलाओं ने शेख और उसके साथियों पर जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
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