संभल : शाही जामा मस्जिद के सामने निर्माणाधीन सत्यव्रत पुलिस चौकी को लेकर किए जा रहे तमाम दावों पर पूर्ण विराम लग गया है. सत्यव्रत पुलिस चौकी वक्फ की संपत्ति पर नहीं बन रही है, बल्कि यह सरकारी भूमि पर बनाई जा रही है. इसका खुलासा मंगलवार को SP ऑफिस पहुंचे अब्दुल समद के परिजनों ने किया है. समद के परिजन ही अभी तक जमीन की देखभाल करते आए हैं. उन्होंने जमीन पर किसी तरह के दावे को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही एक शपथ पत्र भी पुलिस को सौंपा है.
बता दें कि संभल की शाही जामा मस्जिद के सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण कार्य हो रहा है. बीते वर्ष 27 दिसंबर से नवीन पुलिस चौकी का निर्माण होने के बाद से ही पुलिस चौकी की भूमि पर दावा किया जा रहा था कि यह वक्फ की संपत्ति पर बनाई जा रही है. जिसे लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सरकार को घेरने की कोशिश की थी. उन्होंने वक्फ संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी पोस्ट किए थे. हालांकि 30 दिसंबर को समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की ओर से भी संभल जिला प्रशासन को 20 बिंदुओं पर आधारित दस्तावेज सौंपे गए थे. जिसमें बताया गया था कि वर्ष 1929 में अब्दुल समद नाम के शख्स ने अपनी संपत्तियों को वक्फ को दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने इन दस्तावेजों की जांच कराई तो वे फर्जी निकले. वहीं इस बीच मंगलवार को सत्यव्रत पुलिस चौकी को लेकर एक और खुलासा हुआ है. यहां मृतक अब्दुल समद के 90 वर्षीय नाती मुहम्मद खालिद निवासी मियां सराय ने SP संभल के नाम ₹100 के शपथ पत्र पर बताया कि जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी वक्फ संपत्ति नहीं है. न ही इस चौकी की जमीन से उनका कोई मतलब है. वह तो केवल इस भूमि की देखरेख करते थे.
बताया कि जब उन्हें पता चला कि यह सरकारी जमीन है तो उन्होंने इसकी देखभाल करना छोड़ दिया. शपथ पत्र के मुताबिक मुहम्मद खालिद ने बताया कि सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन पर ना तो उनका और ना ही उनके परिवार के किसी सदस्य का कोई मालिकाना हक है. यही नहीं, कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था इस भूमि पर वक्फ होने या फिर निजी संपत्ति होने का दावा नहीं कर सकती है. बताया कि सत्यव्रत पुलिस चौकी की भूमि कभी उनकी या फिर उनके खानदान की नहीं रही है. अब यहां पर पुलिस चौकी बन रही है, इससे उनका परिवार काफी खुश है. क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से यहां पुलिस चौकी बन रही है. ऐसे में यहां शांति व्यवस्था बनी रहेगी.
वहीं मृतक अब्दुल समद के वंशज मोहम्मद सलीम ने बताया कि शाही जामा मस्जिद के सामने जो पुलिस चौकी बन रही है, वह उनकी जमीन नहीं है. उनके बुजुर्ग इसकी देखरख करते थे. परन्तु अब उन्हें पता चला कि यह सरकारी जमीन है तो उन्हें कोई एतराज नहीं है कि वहां चौकी बन रही है. उनके बुजुर्ग वहां सिर्फ देखरेख करते थे. बताया कि वह अब्दुल समद के खानदान के हैं. अब हमारे परिवार का इस प्रॉपर्टी से कोई लेना देना नहीं है.