राजनांदगांव: डोंगरगढ़ के चंद्रिगिरी पर्वत पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने देह त्याग किया था. महाराज के ब्रह्म लोक गमन के बाद आचार्य के अनुयायीे उनका समाधि स्थल चंद्रिगिरी पर्वत पर बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं. 18 फरवरी को जैन धर्म के बड़े गुरुओं में से एक श्री विद्यासागर जी महाराज ने शरीर त्याग किया था. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना उत्तराधिकारी श्री समय सागर जी महाराज घोषित किया है. श्री समय सागर जी महाराज जब डोंगरगढ़ पहुंचेंगे तब समाधि स्थल बनाने का काम शुरु हो सकता है.
चंद्रगिरी पर्वत पर बनेगा समाधि स्थल: विद्यासागर जी महाराज के उत्तराधिकारी श्री समय सागर जी महाराज महाराष्ट्र से होते हुए डोंगरगढ़ पहुंचेंगे. माना जा रहा है कि महाराज 22 फरवरी से 23 फरवरी के बीच डोंगरगढ़ पहुंचेंगे. महाराज के पहुंचने पर ही समाधि स्थल बनाए जाने का काम शुरु किया जा सकता है. समाधि स्थल बनाए जाने के दौरान देशभर से जैन समाज के लोग चंद्रगिरी पर्वत पर पहुंचेंगे. समाधि स्थल बनाए जाने की तैयारियां शुरु भी हो चुकी हैं.
सात्विक जीवन जीते थे विद्यासागर जी महाराज: जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का जन्म कर्नाटक के बेलगांव में हुआ था. महाराज की रुचि शुरु से ही धर्म कर्म और प्रवचन में रही. माता पिता के साथ वो हर दिन मंदिर में दर्शन के लिए जाते थे. महाराज के अनुयायी कहते हैं कि आचार्य ने शक्कर, नमक, मिर्च, मसाले और दवाओं का पूरी तरह से त्याग कर रखा था. महाराज का ब्रह्म लोक गमन जैन समाज के लिए बड़ी क्षति के समान है.