हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आगामी 22 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध कांवड़ मेले की विधिवत शुरुआत होने वाली है. कांवड़ मेले की शुरुआत होने से पहले साधु संतों ने कांवड़ यात्रा के नियमों का पोस्टर लॉन्च किया है. पोस्टर के माध्यम से कांवड़ियों से वैदिक विधि विधान के साथ कांवड़ यात्रा करने की अपील की गई है.
गंगा घाट पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के नेतृत्व में साधु संतों ने मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से कांवड़ मेला संपन्न होने की कामना भी की. इस दौरान साधु संतों ने कहा कि कांवड़ यात्रा करने वाले शिवभक्त भगवा वस्त्रों में जल लेने हरिद्वार आएं. किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें. कांवड़ यात्रा के दौरान राष्ट्रध्वज का अपमान और फिल्मी गीतों पर नाच गाना भी ना किया जाए. बता दें कि साधु संतों द्वारा कांवड़ यात्रा के इन्हीं सब नियमों से लिखे पोस्टर जगह जगह लगाए जाएंगे. कांवड़ियों से नियमों के अनुसार प्रशासन का सहयोग करते हुए कांवड़ यात्रा करने की अपील की जाएगी.
श्री अखंड परशुराम अखाड़े के कार्यकर्ताओं ने प्रेमनगर आश्रम घाट पर मां गंगा एवं भगवान शिव का दुग्धाभिषेक कर कांवड़ मेला निर्विघ्न एवं सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना की. इस दौरान कांवड़ नियमों का पोस्टर भी जारी किया गया. ये पोस्टर कांवड़ मेले के दौरान अन्य राज्यों में भी वितरित किए जाएंगे. श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि कांवड़ मेला सनातन धर्म का मुख्य पर्व है. प्रतिवर्ष होने वाले कांवड़ मेले में देश के विभिन्न राज्यों से करोड़ों श्रद्धालु गंगा जल लेने हरिद्वार आते हैं. कठिन यात्रा कर गंगाजल ले जाने वाले कांविड़यों की सुविधा के लिए सरकार को सभी व्यवस्थाएं करनी चाहिए.
कांवड़ियों की सुविधा के लिए मार्गों और पार्किंग स्थलों पर बोर्ड लगाए जाएं. कांवड़ यात्रा मार्ग में पेयजल और शौचालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. पंडित अधीर कौशिक ने कांवड़ियों से अपील की है कि कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक यात्रा के सभी नियमों का पालन करें. बहनों से तिलक कराकर यात्रा पर रवाना हों. निर्धारित मार्ग पर चलें. शुद्ध सात्विक भोजन करें. फिल्मी गीतों पर किसी प्रकार हुड़दंगबाजी और नृत्य ना करें. गूलर के पेड़ के नीचे से ना निकलें. कांवड़ यात्रा के दौरान राष्ट्रध्वज का अपमान ना करें.
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