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कौन है BSP का पूर्व MLC हाजी इकबाल, जिसकी 4000 करोड़ रुपए की यूनिवर्सिटी ईडी ने कुर्क की - Haji Iqbal ED Glocal University

सहारनपुर में पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल की करोड़ों की ग्लोकल यूनिवर्सिटी को ईडी ने जब्त कर लिया. पढ़िए कौन है हाजी इकबाल, काली कमाई से कुछ ही सालों में कैसे हासिल कर ली बढ़ी शोहरत...

हाजी इकबाल की काली पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है.
हाजी इकबाल की काली पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. (PHOTO Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 15, 2024, 2:15 PM IST

Updated : Jun 16, 2024, 6:18 AM IST

सहारनपुर : खनन कारोबार की काली कमाई से शोहरत का महल खड़ा करने वाले पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी को ईडी ने जब्त कर लिया है. विवादों से इकबाल का पुराना नाता रहा है. यूपी में साल 2007 से लेकर 2012 के बीच मायावती शासन में इकबाल का सिक्का चलता था. उसके दरबार में बड़े से बड़े मंत्री और विधायक भी नतमस्तक रहते थे. लोगों में खौफ पैदा कर मिर्जापुर इलाके में उसने 121 एकड़ में ग्लोकल यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी. विवि को बनाने के लिए उसने बरसाती नदियों तक पर कब्जा जमाया. विवि की कीमत करीब 4440 करोड़ रुपये है.

अवैध खनन के साथ हाजी इकबाल उर्फ बाला मनी लॉन्ड्रिंग से भी अपना खजाना भर रहा था. बसपा के अलावा सपा सरकार में भी उसका वर्चस्व रहा. वह पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा खनन माफिया माना जाता था. सब कुछ जानते हुए भी सरकारें उस पर कार्रवाई से कतराती रहीं. इससे उसकी हैसियत में लगातार इजाफा होता गया.

बसपा सरकार में इकबाल ने कौड़ियों के दाम में चीनी मिल खरीद लीं. मामला साल 2010 से लेकर 2011 के बीच का है. करीब 11 चीनी मिलों की बेहद कम कीमतों पर बिक्री की गई थी. इससे राज्य और केंद्र सरकार को एक हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. सहारनपुर में भी वह कई चीनी मिलें चला रहा था. इससे भी उसने अरबों की कमाई की. साल 2017 में उसके बुरे दिनों की शुरुआत हुई. पुलिस ने इकबाल समेत उसके छोटे भाई महमूद अली, चारों बेटों और रिश्तेदारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया.

अवैध खनन, मनी लॉन्ड्रिंग, जमीनों पर कब्जे, रेप जैसे गंभीर आरोप लगे: हाजी के बुरे दिन तब शुरू हुए जब उस पर एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होने लगे. इस समय पर उस पर करीब 40 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने अपनी क्राइम फाइल में उसे गैंग लीडर दर्ज कर रखा था. पुलिस ने महमूद अली, उसके चारों बेटों और कुछ रिश्तेदारों को पकड़ा, लेकिन इकबाल आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका. हालांकि करीब एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल, उसके भाई और बेटों को राहत दे दी थी। सर्वोच्च अदालत ने इनके ऊपर कायम गैंगरेप, लूट, गैंगस्टर, धोखाधड़ी का मुकदमा वापस लेने का दवाब बनाने समेत मामलों में एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया था.

साल 2022 में सहारनपुर पुलिस की ओर से इकबाल की करीब 107 करोड़ की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट में कुर्क कर लिया गया था. इनकी अनुमानित कीमत 36 करोड़ 40 लाख 13 हजार 137 थी. सीएम योगी ने केंद्र सरकार से पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके बाद सीबीआई ने भी केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी. इसके बाद इकबाल पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया.

साल 2021 में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने चीनी मिल घोटाले में भी हाजी इकबाल पर एक्शन लिया था. उस दौरान भी करीब 1 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की गई थी. नम्रता मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड के अलावा गिरीशो कंपनी इकबाल के नियंत्रण में थीं. उसने विभिन्न शेल कंपनियों के जरिए चीनी मिलों का अधिग्रहण किया था. हाजी इकबाल के अलावा उसके परिवार सदस्यों ने भी बोली में भाग लिया था.

पुलिस की ओर से साल 2022 में हाजी इकबाल समेत उसके 6 साथियों पर मिर्जापुर थाने में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा लिखा गया था. हाजी इकबाल पर सहारनपुर के कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं. बेटे अब्दुल वाहिद, जावेद पर 12 मुकदमे थे. इसी कड़ी में तीसरे नंबर के बेटे अफजाल पर 3 जबकि चौथे नंबर के बेटे आलीशान पर 7 मुकदमे दर्ज किए गए थे.

पिछसे साल 2023 में हाजी इकबाल की 11 करोड़ की कोठी पर जब्त की गई थी. सहारनपुर में उसके कई घरों के बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया था. अब उसकी करोड़ों की यूनिवर्सिटी भी जब्त की गई है. ईडी के अनुसार इकबाल ने अवैध खनन की काली कमाई से विश्वविद्यालय का निर्माण कराया. पूर्व एमएलसी फरार है. उसके दुबई में छिपे होने की आशंका है, जबकि उसके 4 बेटे और भाई सलाखों के पीछे हैं.

विदेशी स्टूडेंट भी कर रहे पढ़ाई, संकट में छात्रों का भविष्य: यूनिवर्सिटी पर इतनी बड़ी कार्रवाई से हजारों छात्रों का भविष्य संकट में पड़ गया है. ग्लोकल विश्वविद्यालय की प्रशासनिक व्यवस्था सरकार अपने हाथ में लेगी या फिर यहां विद्यार्थियों को किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किया जाएगा, इस पर आगामी समय में तस्वीर साफ हो पाएगी. एनएचआरएम घोटाले का भी हजारों करोड़ रुपये विवि में लगा था.

इस समय ग्लोकल यूनिवर्सिटी में फिलहाल बीबीए, एमबीए, बीसीए, एमसीए, एलएलबी, बीएएमएस, बीटेक, एमटेक, बीएससी और एमएससी कोर्स कराए जा रहे हैं. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में बी-फार्मा, डी-फार्मा, एम-फार्मा, बीए, एमए, एमबीबीएस और पीएचडी समेत अन्य कोर्स भी चल रहे हैं. सभी कोर्सेज के करीब चार हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. खास बात ये है गोलिकल यूनिवर्सिटी में स्थानीय के छात्रों के साथ-साथ बड़ी संख्या में विदेशी छात्र विभिन्न कोर्सेज कर रहे हैं.

हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन बिगड़ती छवि को बचाने को जद्दोजद कर रहा है, लेकिन आए दिन कोई न कोई नया विवाद खड़ा हो जाता है. यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक वर्तमान में यूनिवर्सिटी में जरीब 700 लोगों का स्टाफ है. सबसे बड़ा संकट छात्रों के भविष्य पर पड़ता नजर आ रहा है. वहीं मां शाकंभरी विश्वविद्यालय अभी नया शुरू हुआ है. ऐसे में वहां पर इतने विद्यार्थियों को अटैच करना संभव नहीं है.

हाजी फरार, बेटे भाई जेल में: बताया जा रहा है की हाजी इकबाल खुद फरार है. चर्चा यह है कि वह विदेश भाग चुका है. उसके बेटे और भाई जेल में हैं. हाजी की ग्लोकल यूनिवर्सिटी इससे पहले भी कई बार विवादों में आ चुकी है. हाल ही में एक व्यक्ति ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया था. आरोप था कि उसने ग्लोकल यूनिवर्सिटी में कुछ दाखिले कराए थे. इसके एवज में मोटी रकम जमा कराई थी. बाद में यूनिवर्सिटी की तरफ से छात्रों को फर्जी डिग्री दे दी गई.

यह भी पढ़ें : कमिश्नर ने लिया फीडबैक, लोगों ने घूसखोर पुलिसवालों के नाम बताए खटाखट खटाखट खटाखट... 56 पर एक्शन

सहारनपुर : खनन कारोबार की काली कमाई से शोहरत का महल खड़ा करने वाले पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी को ईडी ने जब्त कर लिया है. विवादों से इकबाल का पुराना नाता रहा है. यूपी में साल 2007 से लेकर 2012 के बीच मायावती शासन में इकबाल का सिक्का चलता था. उसके दरबार में बड़े से बड़े मंत्री और विधायक भी नतमस्तक रहते थे. लोगों में खौफ पैदा कर मिर्जापुर इलाके में उसने 121 एकड़ में ग्लोकल यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी. विवि को बनाने के लिए उसने बरसाती नदियों तक पर कब्जा जमाया. विवि की कीमत करीब 4440 करोड़ रुपये है.

अवैध खनन के साथ हाजी इकबाल उर्फ बाला मनी लॉन्ड्रिंग से भी अपना खजाना भर रहा था. बसपा के अलावा सपा सरकार में भी उसका वर्चस्व रहा. वह पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा खनन माफिया माना जाता था. सब कुछ जानते हुए भी सरकारें उस पर कार्रवाई से कतराती रहीं. इससे उसकी हैसियत में लगातार इजाफा होता गया.

बसपा सरकार में इकबाल ने कौड़ियों के दाम में चीनी मिल खरीद लीं. मामला साल 2010 से लेकर 2011 के बीच का है. करीब 11 चीनी मिलों की बेहद कम कीमतों पर बिक्री की गई थी. इससे राज्य और केंद्र सरकार को एक हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. सहारनपुर में भी वह कई चीनी मिलें चला रहा था. इससे भी उसने अरबों की कमाई की. साल 2017 में उसके बुरे दिनों की शुरुआत हुई. पुलिस ने इकबाल समेत उसके छोटे भाई महमूद अली, चारों बेटों और रिश्तेदारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया.

अवैध खनन, मनी लॉन्ड्रिंग, जमीनों पर कब्जे, रेप जैसे गंभीर आरोप लगे: हाजी के बुरे दिन तब शुरू हुए जब उस पर एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होने लगे. इस समय पर उस पर करीब 40 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने अपनी क्राइम फाइल में उसे गैंग लीडर दर्ज कर रखा था. पुलिस ने महमूद अली, उसके चारों बेटों और कुछ रिश्तेदारों को पकड़ा, लेकिन इकबाल आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका. हालांकि करीब एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल, उसके भाई और बेटों को राहत दे दी थी। सर्वोच्च अदालत ने इनके ऊपर कायम गैंगरेप, लूट, गैंगस्टर, धोखाधड़ी का मुकदमा वापस लेने का दवाब बनाने समेत मामलों में एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया था.

साल 2022 में सहारनपुर पुलिस की ओर से इकबाल की करीब 107 करोड़ की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट में कुर्क कर लिया गया था. इनकी अनुमानित कीमत 36 करोड़ 40 लाख 13 हजार 137 थी. सीएम योगी ने केंद्र सरकार से पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके बाद सीबीआई ने भी केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी. इसके बाद इकबाल पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया.

साल 2021 में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने चीनी मिल घोटाले में भी हाजी इकबाल पर एक्शन लिया था. उस दौरान भी करीब 1 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की गई थी. नम्रता मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड के अलावा गिरीशो कंपनी इकबाल के नियंत्रण में थीं. उसने विभिन्न शेल कंपनियों के जरिए चीनी मिलों का अधिग्रहण किया था. हाजी इकबाल के अलावा उसके परिवार सदस्यों ने भी बोली में भाग लिया था.

पुलिस की ओर से साल 2022 में हाजी इकबाल समेत उसके 6 साथियों पर मिर्जापुर थाने में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा लिखा गया था. हाजी इकबाल पर सहारनपुर के कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं. बेटे अब्दुल वाहिद, जावेद पर 12 मुकदमे थे. इसी कड़ी में तीसरे नंबर के बेटे अफजाल पर 3 जबकि चौथे नंबर के बेटे आलीशान पर 7 मुकदमे दर्ज किए गए थे.

पिछसे साल 2023 में हाजी इकबाल की 11 करोड़ की कोठी पर जब्त की गई थी. सहारनपुर में उसके कई घरों के बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया था. अब उसकी करोड़ों की यूनिवर्सिटी भी जब्त की गई है. ईडी के अनुसार इकबाल ने अवैध खनन की काली कमाई से विश्वविद्यालय का निर्माण कराया. पूर्व एमएलसी फरार है. उसके दुबई में छिपे होने की आशंका है, जबकि उसके 4 बेटे और भाई सलाखों के पीछे हैं.

विदेशी स्टूडेंट भी कर रहे पढ़ाई, संकट में छात्रों का भविष्य: यूनिवर्सिटी पर इतनी बड़ी कार्रवाई से हजारों छात्रों का भविष्य संकट में पड़ गया है. ग्लोकल विश्वविद्यालय की प्रशासनिक व्यवस्था सरकार अपने हाथ में लेगी या फिर यहां विद्यार्थियों को किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किया जाएगा, इस पर आगामी समय में तस्वीर साफ हो पाएगी. एनएचआरएम घोटाले का भी हजारों करोड़ रुपये विवि में लगा था.

इस समय ग्लोकल यूनिवर्सिटी में फिलहाल बीबीए, एमबीए, बीसीए, एमसीए, एलएलबी, बीएएमएस, बीटेक, एमटेक, बीएससी और एमएससी कोर्स कराए जा रहे हैं. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में बी-फार्मा, डी-फार्मा, एम-फार्मा, बीए, एमए, एमबीबीएस और पीएचडी समेत अन्य कोर्स भी चल रहे हैं. सभी कोर्सेज के करीब चार हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. खास बात ये है गोलिकल यूनिवर्सिटी में स्थानीय के छात्रों के साथ-साथ बड़ी संख्या में विदेशी छात्र विभिन्न कोर्सेज कर रहे हैं.

हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन बिगड़ती छवि को बचाने को जद्दोजद कर रहा है, लेकिन आए दिन कोई न कोई नया विवाद खड़ा हो जाता है. यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक वर्तमान में यूनिवर्सिटी में जरीब 700 लोगों का स्टाफ है. सबसे बड़ा संकट छात्रों के भविष्य पर पड़ता नजर आ रहा है. वहीं मां शाकंभरी विश्वविद्यालय अभी नया शुरू हुआ है. ऐसे में वहां पर इतने विद्यार्थियों को अटैच करना संभव नहीं है.

हाजी फरार, बेटे भाई जेल में: बताया जा रहा है की हाजी इकबाल खुद फरार है. चर्चा यह है कि वह विदेश भाग चुका है. उसके बेटे और भाई जेल में हैं. हाजी की ग्लोकल यूनिवर्सिटी इससे पहले भी कई बार विवादों में आ चुकी है. हाल ही में एक व्यक्ति ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया था. आरोप था कि उसने ग्लोकल यूनिवर्सिटी में कुछ दाखिले कराए थे. इसके एवज में मोटी रकम जमा कराई थी. बाद में यूनिवर्सिटी की तरफ से छात्रों को फर्जी डिग्री दे दी गई.

यह भी पढ़ें : कमिश्नर ने लिया फीडबैक, लोगों ने घूसखोर पुलिसवालों के नाम बताए खटाखट खटाखट खटाखट... 56 पर एक्शन

Last Updated : Jun 16, 2024, 6:18 AM IST
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