ETV Bharat / bharat

इकलौते भाई के अंतिम संस्कार के लिए आगे आई बहन, मुक्तिधाम पहुंचकर दी मुखाग्नि - Sagar Sister Performed Last Rites - SAGAR SISTER PERFORMED LAST RITES

एमपी के सागर जिले में परंपराओं को तोड़ एक बहन ने अपने भाई का अंतिम संस्कार किया. ब्रेन हेमरेज से मौत होने के बाद भाई को मुखाग्नि देने कोई नहीं था, तब छोटी बहन ने भाई का अंतिम संस्कार किया.

SAGAR SISTER PERFORMED LAST RITES
बहन ने किया अंतिम संस्कार (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 20, 2024, 7:40 PM IST

बहन ने किया अंतिम संस्कार (ETV Bharat)

सागर। एमपी का बुंदेलखंड का इलाका पिछड़ेपन और रूढ़िवादी परंपराओं के लिए जाना जाता है, लेकिन बदलते दौर के साथ बुंदेलखंड भी बदल रहा है. धीरे-धीरे रूढ़िवादी परंपराओं की बेड़ियों को तोड़ रहा है. आपने अभी तक ऐसे कई मामले सुने होंगे, जिनमें बेटियां अपने पिता को मुखाग्नि देती हैं, लेकिन ताजा मामला शहर के रामपुरा वार्ड में सामने आया है. जहां अपने इकलौते भाई के निधन पर बहन ने न सिर्फ मुखाग्नि दी, बल्कि अंतिम संस्कार की तमाम परंपराओं को निभाया. इस भावुक पल पर जो भी मुक्तिधाम में मौजूद था, वह दुखी नजर आया और भाई बहन के प्रेम का ये प्रसंग देख आंखें भर आई.

ब्रेन हेमरेज से हुई भाई की मौत

दरअसल, सागर शहर के रामपुरा वार्ड के 40 साल के संतोष रजक का 2 दिन पहले निधन हो गया था. उन्हें ब्रेन हेमरेज के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. संतोष रजक के पिता का पहले ही निधन हो चुका था और वह दो बहनों के इकलौते भाई थे. संतोष के निधन के बाद उनके परिवार में सिर्फ दो बहने ही थीं. ऐसे में उनके निधन के बाद समस्या खड़ी हो गई कि उनका अंतिम संस्कार कौन करे. आखिरकार सभी रिश्तेदार और समाज के लोगों ने विचार विमर्श करके तय किया कि संतोष का अंतिम संस्कार छोटी बहन नीतू करेगी.

SAGAR SISTER PERFORMED LAST RITES
भाई को मुखाग्नि देती बहन (ETV Bharat)

अंतिम संस्कार कौन करेगा, यह फैसला हो जाने के बाद संतोष की अंतिम यात्रा उनके घर से निकली और शहर के नरयावली नाका श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम यात्रा का ये पल काफी भावुक कर देने वाला था, क्योंकि अंतिम यात्रा में अपने भाई के निधन पर एक छोटी बहन अंतिम संस्कार की सभी परंपराएं निभा रही थी.

यहां पढ़ें...

बेटी ने निभाया बेटे जैसा फर्ज, मुक्ति धाम पहुंच पिता का किया अंतिम संस्कार

मातृभूमि की सेवा में छिंदवाड़ा के विक्की ने किए प्राण न्योछावर, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जन सैलाब

भाई का अंतिम संस्कार कर मिसाल बनी नीतू

बुंदेलखंड में एक भाई के निधन पर बहन द्वारा अंतिम संस्कार करना एक बड़ी बात है, क्योंकि अंतिम संस्कार में महिलाएं मुक्ति धाम नहीं जाती हैं. परंपरा है कि सिर्फ पुरुष अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं, लेकिन अपने भाई संतोष के निधन पर बहन नीतू ने न सिर्फ अपने भाई का अंतिम संस्कार किया. बल्कि अंतिम संस्कार के तमाम रीति रिवाज और परंपराओं को इस तरह निभाया. जिस तरह कोई पुरुष अपने परिजनों के निधन पर अंतिम संस्कार में निभाता है. रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़कर एक बहन द्वारा भाई के अंतिम संस्कार का यह पल काफी भावुक था.

बहन ने किया अंतिम संस्कार (ETV Bharat)

सागर। एमपी का बुंदेलखंड का इलाका पिछड़ेपन और रूढ़िवादी परंपराओं के लिए जाना जाता है, लेकिन बदलते दौर के साथ बुंदेलखंड भी बदल रहा है. धीरे-धीरे रूढ़िवादी परंपराओं की बेड़ियों को तोड़ रहा है. आपने अभी तक ऐसे कई मामले सुने होंगे, जिनमें बेटियां अपने पिता को मुखाग्नि देती हैं, लेकिन ताजा मामला शहर के रामपुरा वार्ड में सामने आया है. जहां अपने इकलौते भाई के निधन पर बहन ने न सिर्फ मुखाग्नि दी, बल्कि अंतिम संस्कार की तमाम परंपराओं को निभाया. इस भावुक पल पर जो भी मुक्तिधाम में मौजूद था, वह दुखी नजर आया और भाई बहन के प्रेम का ये प्रसंग देख आंखें भर आई.

ब्रेन हेमरेज से हुई भाई की मौत

दरअसल, सागर शहर के रामपुरा वार्ड के 40 साल के संतोष रजक का 2 दिन पहले निधन हो गया था. उन्हें ब्रेन हेमरेज के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. संतोष रजक के पिता का पहले ही निधन हो चुका था और वह दो बहनों के इकलौते भाई थे. संतोष के निधन के बाद उनके परिवार में सिर्फ दो बहने ही थीं. ऐसे में उनके निधन के बाद समस्या खड़ी हो गई कि उनका अंतिम संस्कार कौन करे. आखिरकार सभी रिश्तेदार और समाज के लोगों ने विचार विमर्श करके तय किया कि संतोष का अंतिम संस्कार छोटी बहन नीतू करेगी.

SAGAR SISTER PERFORMED LAST RITES
भाई को मुखाग्नि देती बहन (ETV Bharat)

अंतिम संस्कार कौन करेगा, यह फैसला हो जाने के बाद संतोष की अंतिम यात्रा उनके घर से निकली और शहर के नरयावली नाका श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम यात्रा का ये पल काफी भावुक कर देने वाला था, क्योंकि अंतिम यात्रा में अपने भाई के निधन पर एक छोटी बहन अंतिम संस्कार की सभी परंपराएं निभा रही थी.

यहां पढ़ें...

बेटी ने निभाया बेटे जैसा फर्ज, मुक्ति धाम पहुंच पिता का किया अंतिम संस्कार

मातृभूमि की सेवा में छिंदवाड़ा के विक्की ने किए प्राण न्योछावर, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जन सैलाब

भाई का अंतिम संस्कार कर मिसाल बनी नीतू

बुंदेलखंड में एक भाई के निधन पर बहन द्वारा अंतिम संस्कार करना एक बड़ी बात है, क्योंकि अंतिम संस्कार में महिलाएं मुक्ति धाम नहीं जाती हैं. परंपरा है कि सिर्फ पुरुष अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं, लेकिन अपने भाई संतोष के निधन पर बहन नीतू ने न सिर्फ अपने भाई का अंतिम संस्कार किया. बल्कि अंतिम संस्कार के तमाम रीति रिवाज और परंपराओं को इस तरह निभाया. जिस तरह कोई पुरुष अपने परिजनों के निधन पर अंतिम संस्कार में निभाता है. रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़कर एक बहन द्वारा भाई के अंतिम संस्कार का यह पल काफी भावुक था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.