Sagar Kapuria Village Mango Garden: फलों के राजा आम की देश में कई तरह की वैरायटी है. जिनकी अपनी-अपनी खासियत और स्वाद है और उसी के अनुसार उनकी कीमत तय होती है. हर इलाके के आम की अपनी अलग पहचान है. लेकिन सागर के इस किसान के पास देश भर के 32 तरह के बेहतरीन आमों की वैरायटी एक ही जगह पर मिल जाएंगी. बुंदेलखंड के युवा किसान ने सालों की मेहनत से कपूरिया गांव में एक ऐसा बगीचा तैयार किया है. जिसमें देश के अलग-अलग इलाकों के आमों की 32 वैरायटी के 400 आम के पेड़ हैं. खास बात ये है कि युवा किसान आकाश चौरसिया ने स्थानीय प्रजातियों के आम के संरक्षण के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों की जानी मानी वैरायटी को खुद तैयार किया है.
4 एकड़ में 32 किस्मों के 400 पेड़
आकाश चौरसिया बताते हैं कि ''मुझे आमों का बगीचा तैयार करने में काफी मेहनत और सब्र से काम लेना पड़ा. पहले आमों की उन वैरायटी का संरक्षण किया, जो विरासत में मिली थी. फिर दक्षिण भारत से लेकर देश के हर हिस्से में होने वाले आमों की अलग-अलग वैरायटी को यहां लगाने की कोशिश की. ग्राफ्टिंग और बूटी विधि के जरिए यहां कुल 4 एकड़ में आम के करीब 400 पेड़ हैं. जिनमें केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, राजस्थान और बंगाल के आमों के वैरायटी का बगीचा लगाया है.''
यहां इन वैरायटी के मिलते हैं आम
- केशर
- रसपुरी
- माल्गोवा
- हिमसागर
- रत्ना
- वनराज
- किशनभोग
- माल्दा
- लंगड़ा
- चोसा
- दशहरी
- बॉम्बेग्रीन
- तोतापरी
- बादाम
- नीलम
- आम्रपाली
- मल्लिका
- देशी चुसिया
- बगिनपाल्ली
- सफेदा
- अल्फ़ान्सो
- फजली
- सिंदूरी
- इमाम
- मनकुराद
- पहरी
- किलीचुंदन
- रूमानी
- बेगानपाल्ली
- कस्तूरी
- हापुष
- कलमी
बेहद खास हैं ये आम
इन आमों में से केसर आम जूनागढ़ गुजरात के गिरनार पहाड़ियों में होने वाला आम है. इसका स्वाद काफी मीठा होता है. 'अल्फ़ान्सो' महाराष्ट्र के रत्नागिरी में होने वाला आम है. जिसको खास जलवायु की जरूरत होती है. ये आम पूरी दुनिया में मशहूर है. 'हिम सागर' पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की खास प्रजाति है. मालगोवा आम तमिलनाडु के सेलम की प्रजाति है, जो आकार में गोल होती है. मनकुरद आम गोवा की प्रजाति है, जिसमें फ़ाइबर अधिक होता है और पूरा मीठा होता है.''
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कीट और बीमारियों से इस तरह करते हैं बचाव
आकाश के मुताबिक, '' पौधों की खास देखभाल के लिए कीट और बीमारी का ध्यान देना जरूरी है. खासकर सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण पत्तों पर काले दाग आ जाते हैं और यही समय पौधे के फूलने का होता है. इसी कारण फूल में भी काले दाग आ जाते हैं और फूल झड़ने लगते हैं. इसके लिए 250 ग्राम चूना को 15 लीटर पानी में घोलकर लगातार 2 स्प्रे 3-4 दिन के अंतर से कर सकते हैं. तो काले दाग खत्म हो जाते हैं. इसके अलावा जमीन के जरिए पौधे पर आने वाले कीट जैसे चीटिंया, दीमक वगैरह पौधे को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसलिए एक किलो चूना को एक लीटर पानी में मिलाइए और आधा किलो खड़ा नमक और आधा किलो गोंद डालकर पेस्ट की तरह तैयार करिए. फिर जमीन से तीन फीट ऊपर तक पेड़ में लेप कर दीजिए. इसके कारण जमीन से जो कीट पौधे पर चढ़कर पत्ते, फूल और फल को नुकसान पहुंचाते हैं, उनकी रोकथाम हो जाएगी.