मुंबई: बांग्लादेश की पृष्ठभूमि पर सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार को चुनौती दी है. उन्होंने एक बयान में कहा कि शेख हसीना प्रधानमंत्री के तौर पर विफल रही हैं. उन्होंने उद्धव ठाकरे के दिल्ली दौरे की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि "बांग्लादेश में हिंसा के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद वे भारत आ गई हैं."
राउत ने कहा कि "राजनीतिक गलियारों में इस पर चर्चा शुरू हो गई है. शेख हसीना ने लोकतंत्र की माला खींचते हुए तानाशाही तरीके से देश चलाया." सांसद संजय राउत ने सत्ताधारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत के मौजूदा राजनीतिक नेताओं को इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए. मंगलवार सुबह सरकार ने बांग्लादेश मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.
संजय राउत से जब शेख हसीना के हिंडन एयरबेस पर अभी भी मौजूद होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि "सरकार को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. सरकार से पूछे बिना उनका हेलीकॉप्टर नहीं उतर सकता. इस देश के शेख हसीना और उनके परिवार के साथ अच्छे संबंध रहे हैं. लेकिन प्रधानमंत्री के तौर पर वे विफल रही हैं. लोकतंत्र की आड़ में जो लोग हमारे देश में तानाशाही लाना चाहते हैं, वे आजादी को भी खतरा पहुंचाते हैं."
राउत ने आगे कहा कि "चाहे वे कोई भी हों, लोग उन्हें माफ नहीं करते. लोग सड़कों पर उतर आते हैं. बांग्लादेश में भी भारत जैसी ही स्थिति है. वहां भी विपक्ष की आवाज दबा दी गई. चुनावों में घोटाले हुए. विरोधियों को जेल में डाल दिया गया. विरोधियों की हत्या कर दी गई. संसद में कई भयानक कानून पारित किए गए. लोग महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं."