गोरखपुर: पांच दिन के प्रवास पर गोरखपुर पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार सीएम योगी से मुलाकात कर सकते हैं. माना जा रहा है कि शनिवार को गोरखपुर पहुंच रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विशेष मुलाकात होगी. जिसमें प्रमुख बिंदुओं पर बातचीत और चर्चाएं हो सकती हैं. इस दौरान उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को मिली हार पर भी चर्चा हो सकती है.
12 जून को गोरखपुर पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार की शाम आरएसएस प्रमुख ने सरस्वती विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल प्रांगण में पथ संचलन की सलामी ली. यह पथ संचलन 2 किलोमीटर की दूरी तक संघ के स्वयंसेवकों के द्वारा तय किया गया. इसके पहले संघ प्रमुख दिन में विकास वर्ग में शामिल हुए संघ के गोरखपुर, कानपुर, अवध और काशी क्षेत्र के संघ पदाधिकारी को संबोधित किया. इस दौरान मोहन भागवत ने कहा कि संघ का विस्तार समय की जरूरत है, इसमें सभी को जुट जाना होगा. आगामी वर्ष 2025 संघ का शताब्दी वर्ष है, इसमें कोशिश होनी चाहिए कि हम ब्लॉक इकाई से लेकर ग्रामीण इकाई तक मजबूती से अपने आप को स्थापित कर ले जाएं. संघ प्रमुख अपनी यात्रा में जहां कार्यकर्ताओं को विकास की नीतियों से अवगत करा रहे हैं.
जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर सरस्वती विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल में 3 जून से कार्यकर्ता विकास वर्ग आयोजन चल रहा है. जिसमें संघ प्रमुख हिस्सा लेने के लिए बुधवार की शाम गोरखपुर पहुंच गये थे. 16 जून तक इस स्कूल में ही प्रवास करेंगे और कार्यकर्ता विकास कार्यक्रम के अलावा के किसी अन्य कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे. 17 जून की सुबह को वह गोरखपुर से रवाना हो जाएंगे. मोहन भागवत स्वयंसेवकों को विकास का टिप्स दे रहे हैं.
गोरखपुर में आयोजित हुए इस विकास का वर्ग कार्यक्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के कानपुर, गोरक्ष प्रांत, अवध और काशी प्रांत के करीब 280 स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं. सभी प्रतिभागियों का स्कूल में ही प्रवास है. इनके रहने- खाने का इंतजाम भी यही है. इस दौरान यह किसी से संपर्क में नहीं आ सकते. बता दें कि संघ प्रमुख बनने के बाद मोहन भागवत गोरखपुर में छठवीं बार पहुंचे हैं. पहली बार कार्यकारी मंडल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए थे. जिसमें देशभर के संघ के पदाधिकारी गोरखपुर में इकट्ठा हुए थे. इसके पहले और पिछली बार 20 मार्च 2022 को गोरक्ष प्रांत के स्वयंसेवकों की बैठक को संबोधित करने के लिए तीन दिन के लिए गोरखपुर आए थे.