नई दिल्ली: आज राज्यसभा में सभापति की अनुमति से उठाये जाने वाले मामलों के अंतगर्त राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने निजी कंपनियों में कर्मचारियों के लिए खराब महौल पर चिंता जताये हुए सरकार से कानून बनाने की मांग की.
उन्होंने राज्यसभा में कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने अनीता ऑगस्टीन का हाल ही में लिखा गया पत्र पढ़ना बेहद परेशान करने वाला और चिंताजनक था. जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनकी बेटी अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मृत्यु उनकी फर्म में टॉक्सिक वर्क क्लचर में अत्यधिक काम करने के कारण हुई.
कई कर्मचारियों ने यह भी कहा है कि कई कंसल्टेंसी और अन्य निजी फर्मों में यह एक प्रचलित स्थिति है. उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य होना चाहिए. हमारे देश में कर्मचारियों को अनुचित व्यवहार, कम वेतन दिए जाने और अतिरिक्त घंटे काम कराए जाने से बचाने के लिए और कठोर कानून बनाये जाने चाहिए.
Important - Regarding the recent death of an employee at the firm EY due to overworking
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) September 19, 2024
It has been extremely disturbing and concerning to read the recent letter of Anita Augustine where she described how her daughter Anna Sebastian Perayil passed away due to being made to… pic.twitter.com/h3LVsFvr7P
उन्होंने कहा कि सभी निजी कंपनियों और नियोक्ताओं में इन विषाक्त कार्य प्रथाओं को तुरंत बंद किए जाने की आवश्यकता है. सभी कर्मचारियों को उचित वेतन और विनियमित कार्य घंटे मिलना चाहिए. इससे पहले उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर भी इस मामले पर चिंता जताते हुए महाराष्ट्र के श्रम सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि उस फर्म में काम करने की परिस्थितियों की तत्काल जांच की जाए जहां अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल काम करती थीं.
उन्होंने लिखा कि फर्म की जांच होनी चाहिए कि काम की किन परिस्थितियों के कारण अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत हुई. उन्होंने लिखा कि वह भारत के हर दूसरे कर्मचारी के साथ न्याय की हकदार है, जो इन निजी फर्मों के कठोर और विषाक्त माहौल के कारण पीड़ित है.