बापटला: आंध्र प्रदेश के बापटला शहर से बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. वेल्लाथुरी राघवेंद्र राव, जो बैंक में सोने के मूल्यांकनकर्ता के रूप में काम कर रहे था. राघवेंद्र ने 21 ग्राहकों के नाम पर नकली सोना गिरवी रखकर करोड़ों का चूना लगा दिया. हाल ही में, जब आरबीआई के प्रतिनिधियों ने बैंक में ऑडिट किया तो पता चला कि जमानत के तौर पर नकली सोना लेकर करोड़ों रुपये निकाले गए.
बापटला टाउन पुलिस ने बैंक प्रबंधक श्री हरीश द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता राघवेंद्र राव सहित 21 ग्राहकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस ने बताया कि उसे हाल ही में बापटला पुलिस ने गांजा तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक साल पहले बापटला में एक बैंक शाखा खोली थी. वेल्लातुरी राघवेंद्र राव, स्वर्ण मूल्यांकक के रूप में एक बैंक के कर्तव्यों में शामिल हो गए. स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता के रूप में वह सोने की गुणवत्ता की जांच करने लगा. उसने एक सुनियोजित योजना के तहत नकली सोने के आभूषणों को असली सोना प्रमाणित कर रूपए ले लिए.
राघवेंद्र द्वारा दी गई पुष्टि के आधार पर, बैंक अधिकारियों ने बिना सोचे-समझे करोड़ों के गोल्ड लोन स्वीकृत कर दिए. इस साल दिसंबर से लेकर 5 फरवरी तक लोन की मारामारी मची रही. राघवेंद्र ने 21 खातों के नाम पर नकली सोना गिरवी रखकर कई बार में अवैध तरीके से बैंक से एक करोड़ 77 लाख 62 हजार रुपये ले लिए. राघवेंद्र की टीम ने 21 खाताधारकों को कुछ भुगतान कर करोड़ों का लोन ले लिया. बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि मूल्यांकनकर्ता द्वारा पुष्टि दिए जाने के बाद वे धोखाधड़ी का पता लगाने में असमर्थ थे.
राघवेंद्र गुंटूर जिला जेल में रिमांड कैदी है. पिछले महीने की 13 तारीख को, राघवेंद्र अपने दोस्तों राहुल, तेजा, सोनू और कुछ अन्य लोगों के साथ शहर के बाहरी इलाके में एक रेस्तरां में शराब पी रहे थे, जब प्रतिद्वंद्वी गिरोह के साथ झड़प में गोरंटला वेंकट सुमंत की मौत हो गई थी. इसके बाद वह लंबे समय तक फरार रहा. 20 किलो गांजा ले जाते समय सीसीएस पुलिस ने राघवेंद्र और विजयसाई को गिरफ्तार कर पिछले महीने की 13 तारीख को रिमांड पर भेजा था.