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उत्तराखंड में गजब हाल! कहीं धधक रहे जंगल तो कहीं पर जमे झरने, बर्फबारी को लेकर भी आया बड़ा अपडेट - UTTARAKHAND WEATHER UPDATES

क्रिसमम और न्यू ईयर पर बर्फबारी की इंतजार कर रहे पर्यटकों के लिए बड़ी खबर.

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उत्तराखंड में गजब हाल! (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

किरनकांत शर्मा, देहरादून: उत्तर भारत इस वक्त जबरदस्त ठंड की चपेट में है. उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाके में भी बर्फबारी के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है. उत्तराखंड में ठंड का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में नदिया और झरने भी जम गए है. वही कुछ हिस्सों में इनती कड़ाके की ठंड के बीच जंगल भी आग में जल रहे है, जिसने चिंता भी बढ़ा रखी है.

उत्तराखंड में आमूमन उच्च हिमालयी क्षेत्रों में नवंबर महीन में बर्फबारी हो जाती थी, लेकिन इस बार दिसंबर के पहले हफ्ते तक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का नाम तक भी नहीं था. बर्फ से ढकी रहने वाली पहाड़ियों पर नवंबर महीने में नाम मात्र की बर्फ थी, लेकिन दिसंबर के दूसरे हफ्ते में उत्तराखंड में अच्छा खासा हिमपात हुआ, जिससे पर्यटन कारोबारियों के साथ-साथ काश्तकारों के भी चेहरे खिल गए है, लेकिन निचले हिमालयी क्षेत्र में कोई खास बर्फबारी नहीं हुई है. हालांकि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी भी पहाड़ के लिए पर्याप्त नहीं बताई जा रही है.

पानी की सप्लाई लाइन जमी: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आने वाले बदरीनाथ और गंगोत्री धाम में तो बर्फबारी के बाद तापमान माइनस एक डिग्री से भी नीचे चला गया था. इस कारण पानी की सप्लाई लाइन भी जम गई थी. वही गंगोत्री धाम में तो गंगा के जमने की फोटो भी सामने आई है.

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उत्तराखंड के कुछ इलाकों में तापमान माइनस में चला गया है. (ETV Bharat)

उत्तराखंड में झरने जमे: कई जगहों तो ऐसा देखने में आ रहा है कि दिन में कड़क धूप के साथ झरने बहने लगते है, लेकिन सुबह और शाम को तापमान कम होने पर झरने जम जा रहे है. इसी तरह से नदियों का भी हाल है. धूप के बाद पानी चलने लगता है तो सुबह और शाम की ठंड में यह पानी जाम हो रहा है.

कड़ाके की ठंड में भी जंगलों में लगी आग: एक तरफ जहां नदियां और झरने जम रहे है तो वही पहाड़ की एक दूसरी तस्वीर भी सामने आ रही है. अल्मोड़ा और पौड़ी जैसे जिलों में ठंड और बर्फबारी के बीच जंगलों में आग लगने की घटना भी सामने आ रही है. बीते 10 दिनों में इस दोनों ही जिलों में जंगल कई बार धधक चुके है. पौड़ी गढ़वाल में अभी भी कई जंगलों के जलने की खबर सामने आई है, जिन पर वन विभाग की टीम ने काबू पा लिया था.

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उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद नदियां भी जम गई. (ETV Bharat)

कसार देवी के जंगल भी आग की चपेट में: अल्मोड़ा जिले के सीरिया पानी इलाके में कसार देवी के जंगल भी आग की चपेट में है. यहां पर आग हवा की वजह से बड़े इलाके में फैल गई थी. बाद में फायर ब्रिगेड और वन विभाग के साथ-साथ एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और मुश्किल से आग पर काबू पाया. कसार देवी के जंगल में लगातार तीन दिनों तक सोमवार से लेकर बुधवार तक धधके रहे.

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जंगलों में लगी आग का बुझाते हुए कर्मचारी. (ETV Bharat)

अल्मोड़ा के अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्र ने बताया कि आग की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी भेज गई थी. आग तेजी से रिहायशी इलाके की तरह बढ़ रही थी, लेकिन फायर यूनिट ने चार हौज पाइप लगाकर आग पर काबू पाया. हालांकि अभीतक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है.

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उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग. (ETV Bharat)

बर्फबारी के लिए अभी करना होगा इंतजार: वही मौसम विभाग की माने तो उत्तराखंड में लोगों को बर्फबारी के लिए अभी हफ्ते भर का इंतजार करने पड़ सकता है. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मौसम वैज्ञानिक बिक्रम सिंह के अनुसार 26 तारीख के बाद कुछ बारिश और बर्फबारी की हो सकती है. नया साल पर मौसम पर्यटक स्थलों पर महरबान रहेगा.

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किरनकांत शर्मा, देहरादून: उत्तर भारत इस वक्त जबरदस्त ठंड की चपेट में है. उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाके में भी बर्फबारी के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है. उत्तराखंड में ठंड का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में नदिया और झरने भी जम गए है. वही कुछ हिस्सों में इनती कड़ाके की ठंड के बीच जंगल भी आग में जल रहे है, जिसने चिंता भी बढ़ा रखी है.

उत्तराखंड में आमूमन उच्च हिमालयी क्षेत्रों में नवंबर महीन में बर्फबारी हो जाती थी, लेकिन इस बार दिसंबर के पहले हफ्ते तक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का नाम तक भी नहीं था. बर्फ से ढकी रहने वाली पहाड़ियों पर नवंबर महीने में नाम मात्र की बर्फ थी, लेकिन दिसंबर के दूसरे हफ्ते में उत्तराखंड में अच्छा खासा हिमपात हुआ, जिससे पर्यटन कारोबारियों के साथ-साथ काश्तकारों के भी चेहरे खिल गए है, लेकिन निचले हिमालयी क्षेत्र में कोई खास बर्फबारी नहीं हुई है. हालांकि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी भी पहाड़ के लिए पर्याप्त नहीं बताई जा रही है.

पानी की सप्लाई लाइन जमी: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आने वाले बदरीनाथ और गंगोत्री धाम में तो बर्फबारी के बाद तापमान माइनस एक डिग्री से भी नीचे चला गया था. इस कारण पानी की सप्लाई लाइन भी जम गई थी. वही गंगोत्री धाम में तो गंगा के जमने की फोटो भी सामने आई है.

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उत्तराखंड के कुछ इलाकों में तापमान माइनस में चला गया है. (ETV Bharat)

उत्तराखंड में झरने जमे: कई जगहों तो ऐसा देखने में आ रहा है कि दिन में कड़क धूप के साथ झरने बहने लगते है, लेकिन सुबह और शाम को तापमान कम होने पर झरने जम जा रहे है. इसी तरह से नदियों का भी हाल है. धूप के बाद पानी चलने लगता है तो सुबह और शाम की ठंड में यह पानी जाम हो रहा है.

कड़ाके की ठंड में भी जंगलों में लगी आग: एक तरफ जहां नदियां और झरने जम रहे है तो वही पहाड़ की एक दूसरी तस्वीर भी सामने आ रही है. अल्मोड़ा और पौड़ी जैसे जिलों में ठंड और बर्फबारी के बीच जंगलों में आग लगने की घटना भी सामने आ रही है. बीते 10 दिनों में इस दोनों ही जिलों में जंगल कई बार धधक चुके है. पौड़ी गढ़वाल में अभी भी कई जंगलों के जलने की खबर सामने आई है, जिन पर वन विभाग की टीम ने काबू पा लिया था.

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उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद नदियां भी जम गई. (ETV Bharat)

कसार देवी के जंगल भी आग की चपेट में: अल्मोड़ा जिले के सीरिया पानी इलाके में कसार देवी के जंगल भी आग की चपेट में है. यहां पर आग हवा की वजह से बड़े इलाके में फैल गई थी. बाद में फायर ब्रिगेड और वन विभाग के साथ-साथ एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और मुश्किल से आग पर काबू पाया. कसार देवी के जंगल में लगातार तीन दिनों तक सोमवार से लेकर बुधवार तक धधके रहे.

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जंगलों में लगी आग का बुझाते हुए कर्मचारी. (ETV Bharat)

अल्मोड़ा के अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्र ने बताया कि आग की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी भेज गई थी. आग तेजी से रिहायशी इलाके की तरह बढ़ रही थी, लेकिन फायर यूनिट ने चार हौज पाइप लगाकर आग पर काबू पाया. हालांकि अभीतक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है.

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उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग. (ETV Bharat)

बर्फबारी के लिए अभी करना होगा इंतजार: वही मौसम विभाग की माने तो उत्तराखंड में लोगों को बर्फबारी के लिए अभी हफ्ते भर का इंतजार करने पड़ सकता है. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मौसम वैज्ञानिक बिक्रम सिंह के अनुसार 26 तारीख के बाद कुछ बारिश और बर्फबारी की हो सकती है. नया साल पर मौसम पर्यटक स्थलों पर महरबान रहेगा.

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Last Updated : 3 hours ago
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