शिवमोग्गा : कर्नाटक के शिवमोगा जिले में POCSO एक्ट के मामले साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं. बच्चों की सुरक्षा के लिए बने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन सालों में जिले में कुल 468 मामले दर्ज किए गए हैं.
इनमें से कॉलेज की लड़कियों के खिलाफ हिंसा के मामले सबसे ज्यादा हैं. कुछ मामलों में लड़कियों के साथ परिचितों द्वारा छेड़छाड़ की गई. वहीं कुछ अन्य मामलों में तरह-तरह के लालच देकर मासूमों के साथ यह कृत्य किया गया है. वही, कुछ जगहों पर पड़ोसियों द्वारा भी शोषण किया गया.
468 मामलों में बाल विवाह और नाबालिगों के गर्भवती होने के मामले भी शामिल हैं क्योंकि यदि नाबालिग लड़कियों की शादी कर दी जाती हैं और वे गर्भवती हो जाती हैं तो बेशक यह POCSO एक्ट का मामला बनता है. बाल यौन शोषण और पॉक्सो एक्ट को लेकर स्कूल और कॉलेज स्तर पर काफी जागरूकता पैदा की जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
पिछले 3 सालों में यौन शोषण के मामलों का विवरण
2022: 117 मामले दर्ज किए गए, 65 मामले निपटाए गए और 52 मामले लंबित हैं.
2023: 152 मामले दर्ज किए गए, 51 मामले निपटाए गए और 101 मामले लंबित हैं.
2024: मार्च तक 44 मामले दर्ज.
बाल विवाह मामलों का विवरण
2022: 54 मामले दर्ज किए गए, 26 मामले निपटाए गए, 26 मामले निपटारे के लिए लंबित हैं.
2023: 66 मामले दर्ज किए गए, 11 मामले निपटाए गए और 55 मामले लंबित हैं.
2024: मार्च तक 35 मामले दर्ज किए गए.
जिला बाल संरक्षण अधिकारी की प्रतिक्रिया
जिला बाल संरक्षण अधिकारी मंजूनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि शिवमोगा जैसे सुशिक्षित और सुरक्षित जिले में इतने सारे POCSO केस दर्ज हो रहे हैं. यह काफी आश्चर्यजनक है. इसके लिए हमारा विभाग उन जगहों को चिन्हित कर रहा है, जहां से POCSO एक्ट केस और बाल विवाह के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं. विभाग उन जगहों को हॉटस्पॉट के रूप में देख रहा है और वहां के स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
इस मामले में आगे अधिकारी मंजूनाथ ने कहा कि POCSO एक्ट मामले में 3 से 5 साल तक की सजा हो सकती है. गंभीर मामलों में 14 से 20 साल की सजा. बाल विवाह पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा 2 साल की सजा भी हो सकती है. बाल विवाह और POCSO एक्ट मामलों के लिए हमारे पास चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 है. अगर आपको बच्चों को लेकर कोई समस्या है तो आप इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि बाल विवाह के मामलों में अगर 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी होती है और शादी के बाद यदि वह गर्भवती हो जाती है, तो यह स्वाभाविक रूप से POCSO एक्ट का मामला बन जाता है, बाल विवाह और POCSO एक्ट के मामले ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में देखे जाते हैं.