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कोलकाता रेप-मर्डर केस में नहीं थम रहा विरोध प्रदर्शन, BJP सड़क पर उतरी, पुलिस से हुई झड़प - Kolkata Doctor Case

Kolkata Doctor Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर बीजेपी-टीएमसी आमने-सामने हैं. वहीं, आज बीजेपी कार्यकर्ता और जूनियर डॉक्टर अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. वहीं, कोलकाता हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार से नबान्ना मार्च के दौरान 4 लोगों की गिरफ्तारी के दस्तावेज पेश करने को कहा है.

kolkata rape murder case
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी (AFP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2024, 3:38 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या मामले को लेकर ममता सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है. राज्य सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को इस मामले के खिलाफ सिलीगुड़ी, अलीपुरद्वार में जमकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. कूचबिहार में डीएम कार्यालय का घेराव करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प होने की खबर प्राप्त हुई है.

ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या मामले को लेकर BJP का प्रदर्शन
इस दौरान बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा कि, विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश कर रही है. हालांकि, वे लोग बैरिकेड को तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि, उन्हें मुद्दे का समाधान चाहिए. जब तक ऐसा नहीं होता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

वहीं, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्याकांड के खिलाफ अलीपुरद्वार में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. अलीपुर में डीएम कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया.

जूनियर डॉक्टरों ने रैली निकाली, पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग की
दूसरी तरफ राज्य में ट्रेनी डॉक्टर के रेप मर्डर मामले को लेकर विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार तक एक रैली निकाली और पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने 14 अगस्त को कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई बर्बरता को रोकने में पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाया. आंदोलनकारी चिकित्सकों ने 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा जांच सीबीआई को सौंपे जाने से पहले, राज्य द्वारा संचालित अस्पताल में 9 अगस्त को एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले की जांच के दौरान पुलिस द्वारा अपर्याप्त कदम उठाए जाने का भी आरोप लगाया.

पुलिस ने रैली को पुलिस मुख्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए उत्तर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से लालबाजार की ओर जाने वाली बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रेलिंग लगा दी. आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण मार्च निकालेंगे.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर क्या कहा...
वहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह 27 अगस्त को आर जी कर अस्पताल में एक डॉक्टर की बलात्कार-हत्या के विरोध में राज्य सचिवालय नबान्ना तक मार्च के सिलसिले में चार लोगों की गिरफ्तारी से संबंधित सभी दस्तावेज पेश करे. अदालत ने उनकी गिरफ्तारी और 24 घंटे बाद रिहाई के औचित्य पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने में उचित प्रक्रियाओं का पालन किया था.

राज्य ने अदालत को बताया कि यह हावड़ा शहर पुलिस की ओर से एक निवारक गिरफ्तारी थी, जिसने अनुमान लगाया था कि ये लोग 'पश्चिम बंग छात्र समाज' के बैनर तले नबान्ना तक विरोध मार्च के दौरान गंभीर गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं. न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने सवाल किया कि किस विशिष्ट गड़बड़ी की आशंका थी और 27 अगस्त के विरोध मार्च से 24 घंटे पहले लोगों को क्यों रिहा किया गया. अदालत ने राज्य को मंगलवार तक गिरफ्तारियों के संबंध में सभी प्रासंगिक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया है.

याचिकाकर्ताओं के वकील राजदीप मजूमदार ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारियां गैरकानूनी हैं और उन्होंने कहा कि वे चार व्यक्तियों को हिरासत में रखने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और मुआवजे के लिए अदालत से आदेश की मांग कर रहे हैं.

विधानसभा में विशेष सत्र
इसी सिलसिले में ममता ने आज सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इस सत्र में सीएम ममता बनर्जी एक विधेयक पेश करेंगी, जिसमें रेप के दोषियों को दस दिन के अंदर फांसी की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है.

ये भी पढ़ें: प बंगाल: विधानसभा का विशेष सत्र, रेप के दोषियों को दस दिन में मौत की सजा, ममता पेश करेंगी बिल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या मामले को लेकर ममता सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है. राज्य सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को इस मामले के खिलाफ सिलीगुड़ी, अलीपुरद्वार में जमकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. कूचबिहार में डीएम कार्यालय का घेराव करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प होने की खबर प्राप्त हुई है.

ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या मामले को लेकर BJP का प्रदर्शन
इस दौरान बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा कि, विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश कर रही है. हालांकि, वे लोग बैरिकेड को तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि, उन्हें मुद्दे का समाधान चाहिए. जब तक ऐसा नहीं होता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

वहीं, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्याकांड के खिलाफ अलीपुरद्वार में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. अलीपुर में डीएम कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया.

जूनियर डॉक्टरों ने रैली निकाली, पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग की
दूसरी तरफ राज्य में ट्रेनी डॉक्टर के रेप मर्डर मामले को लेकर विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार तक एक रैली निकाली और पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने 14 अगस्त को कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई बर्बरता को रोकने में पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाया. आंदोलनकारी चिकित्सकों ने 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा जांच सीबीआई को सौंपे जाने से पहले, राज्य द्वारा संचालित अस्पताल में 9 अगस्त को एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले की जांच के दौरान पुलिस द्वारा अपर्याप्त कदम उठाए जाने का भी आरोप लगाया.

पुलिस ने रैली को पुलिस मुख्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए उत्तर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से लालबाजार की ओर जाने वाली बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रेलिंग लगा दी. आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण मार्च निकालेंगे.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर क्या कहा...
वहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह 27 अगस्त को आर जी कर अस्पताल में एक डॉक्टर की बलात्कार-हत्या के विरोध में राज्य सचिवालय नबान्ना तक मार्च के सिलसिले में चार लोगों की गिरफ्तारी से संबंधित सभी दस्तावेज पेश करे. अदालत ने उनकी गिरफ्तारी और 24 घंटे बाद रिहाई के औचित्य पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने में उचित प्रक्रियाओं का पालन किया था.

राज्य ने अदालत को बताया कि यह हावड़ा शहर पुलिस की ओर से एक निवारक गिरफ्तारी थी, जिसने अनुमान लगाया था कि ये लोग 'पश्चिम बंग छात्र समाज' के बैनर तले नबान्ना तक विरोध मार्च के दौरान गंभीर गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं. न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने सवाल किया कि किस विशिष्ट गड़बड़ी की आशंका थी और 27 अगस्त के विरोध मार्च से 24 घंटे पहले लोगों को क्यों रिहा किया गया. अदालत ने राज्य को मंगलवार तक गिरफ्तारियों के संबंध में सभी प्रासंगिक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया है.

याचिकाकर्ताओं के वकील राजदीप मजूमदार ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारियां गैरकानूनी हैं और उन्होंने कहा कि वे चार व्यक्तियों को हिरासत में रखने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और मुआवजे के लिए अदालत से आदेश की मांग कर रहे हैं.

विधानसभा में विशेष सत्र
इसी सिलसिले में ममता ने आज सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इस सत्र में सीएम ममता बनर्जी एक विधेयक पेश करेंगी, जिसमें रेप के दोषियों को दस दिन के अंदर फांसी की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है.

ये भी पढ़ें: प बंगाल: विधानसभा का विशेष सत्र, रेप के दोषियों को दस दिन में मौत की सजा, ममता पेश करेंगी बिल

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