ETV Bharat / bharat

हरियाणा में सामाजिक-आर्थिक आधार पर लागू आरक्षण को हाईकोर्ट ने ठहराया असंवैधानिक, रुकी भर्तियों का रास्ता साफ - Haryana Socio Economic Reservation

Haryana Socio Economic Reservation: हरियाणा की सरकारी नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर दिये गये आरक्षण को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दे दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले से प्रदेश में लंबे समय से रुकी भर्ती का रास्ता साफ हो गया है.

Haryana Socio Economic Reservation
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (File Photo)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 31, 2024, 4:55 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने सरकार के नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले से प्रदेश की रुकी हुई नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछले आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया था.

सरकार के फैसले में क्या था?

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार के सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के विरोध में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका में बताया गया था कि प्रदेश सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर सामाजिक और आर्थिक आधार पर नौकरियों में आरक्षण दिया है. इस आरक्षण के तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर ना हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक का लाभ देने का प्रावधान किया गया था.

HC ने आरक्षण को संविधान के खिलाफ बताया

हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुरूप सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. हाईकोर्ट ने सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी. अब हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए यह साफ कर दिया कि सामाजिक आर्थिक आधार पर आरक्षण का फैसला संविधान के खिलाफ है. हाईकोर्ट ने इस प्रावधान को रद्द करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया है. याचिका के निपटारे के साथ ही प्रदेश में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार का EWS छात्रों को आरक्षण का फैसला, जानें क्या कहते हैं युवा

ये भी पढ़ें- सेना में अग्निवीर भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित, यहां देखें रिजल्ट, जानें कब होगा मेडिकल-फिजिकल टेस्ट

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने सरकार के नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले से प्रदेश की रुकी हुई नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछले आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया था.

सरकार के फैसले में क्या था?

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार के सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के विरोध में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका में बताया गया था कि प्रदेश सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर सामाजिक और आर्थिक आधार पर नौकरियों में आरक्षण दिया है. इस आरक्षण के तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर ना हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक का लाभ देने का प्रावधान किया गया था.

HC ने आरक्षण को संविधान के खिलाफ बताया

हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुरूप सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. हाईकोर्ट ने सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी. अब हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए यह साफ कर दिया कि सामाजिक आर्थिक आधार पर आरक्षण का फैसला संविधान के खिलाफ है. हाईकोर्ट ने इस प्रावधान को रद्द करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया है. याचिका के निपटारे के साथ ही प्रदेश में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार का EWS छात्रों को आरक्षण का फैसला, जानें क्या कहते हैं युवा

ये भी पढ़ें- सेना में अग्निवीर भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित, यहां देखें रिजल्ट, जानें कब होगा मेडिकल-फिजिकल टेस्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.