उत्तर कन्नड़: अंकोला तालुक में शिरुरू पहाड़ी ढहने वाली जगह पर ऑपरेशन लगातार जारी है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया रविवार को पहाड़ी ढहने वाले इलाके का दौरा करेंगे और उसका निरीक्षण करेंगे. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में बारिश के कारण सड़कें और घर ढह गए हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं, इसलिए राहत कार्य तत्काल किए जाने चाहिए.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे कल उत्तर कन्नड़ जिले में अंकोला पहाड़ी ढहने और पुल का निरीक्षण करने जा रहे हैं. 16 जुलाई को हुए भूस्खलन में कुल 10 लोग लापता हो गए थे. गुरुवार तक भूस्खलन में लापता हुए लोगों के कुल 7 शव बरामद किए गए. बचाव दल लगातार पहाड़ी ढहने वाले क्षेत्र और गंगावली नदी में तीन और लोगों की तलाश कर रहे हैं.
सीएम शिरुरू के दौरे को लेकर पहाड़ी ढहने वाले इलाके का दौरा कर निरीक्षण करने वाले मंत्री मंकल वैद्य ने कहा कि 'पिछले 5 दिनों से लगातार ऑपरेशन चल रहा है. मैं भी तीन दिनों से यहां हूं. अंकोला विधायक सतीश सैल भी यहां हैं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी कल पहुंचेंगे. हम जल्द से जल्द ऑपरेशन कर रहे हैं. यह कोई छोटी घटना नहीं है. इसलिए दो दिन और लगने की संभावना है.'
उन्होंने कहा कि 'मौसम संबंधी समस्याओं के कारण शिपयार्ड में हेलीकॉप्टर का संचालन संभव नहीं हो पाया है. इससे नदी में लापता लॉरी और तीन लोगों की तलाश में बाधा उत्पन्न हुई है. सूरतकल से रडार मशीन भी मंगाई गई है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. भारी बारिश के कारण पानी में मिट्टी मिल गई है. इसलिए रडार से पता लगाना संभव नहीं है. हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं.'
लॉरी चालक के फोन की घंटी बजने की सूचना फैलने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री मंकल वैद्य ने कहा कि 'मैंने भी पहाड़ी पर चढ़कर आसपास की जगह देखी है. वहां लॉरी का कोई निशान नहीं है. लापता लोगों की तलाश में लगातार अभियान चलाया जा रहा है.' मंत्री ने कहा कि 'हाईवे का काम करने वाली आईआरबी कंपनी ही इस आपदा का कारण है. आईआरबी कंपनी को यहां हुए नुकसान का मुआवजा देना चाहिए. लेकिन हमें सरकार ने दिया है. उन्हें मुआवजा देना चाहिए.'
जिला कलेक्टर लक्ष्मीप्रिया ने कहा कि 'शिरुरू पहाड़ी ढहने वाले क्षेत्र में सड़क पर मिट्टी साफ करने का काम पूरा हो गया है. राजमार्ग का एक हिस्सा साफ हो गया है. लेकिन वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई है. भारी बारिश के कारण मिट्टी को पूरी तरह से साफ करने और यातायात के लिए इसे संभव बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सागादेरी गांव के पास गंगावली नदी में एक गैस टैंकर में लगभग 15 टन गैस को एचपीसीएल, बीपीसीएल, राज्य आपदा प्रबंधन दल और अग्निशमन दलों की मदद से पूरी तरह से खाली कर दिया गया. इस क्षेत्र के ग्रामीण अपने घर वापस आ सकते हैं.'
जिला पुलिस अधीक्षक नारायण ने बताया कि 'भूस्खलन वाले क्षेत्र से अब तक 7 शव बरामद किए जा चुके हैं. एक लॉरी और चालक के पानी में फंसे होने की आशंका है. इस संबंध में जिला बम निरोधक दस्ते के मेटल डिटेक्टर से वाहन की जांच की कार्रवाई की गई है.'