ETV Bharat / bharat

मुस्लिम विवाह अधिनियम निरस्त किया जाना UCC की ओर पहला कदम: अजमल - मुस्लिम विवाह अधिनियम

AIUDF president Badruddin Ajmal : एआईयूडीएफ के अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त किया जाना यूसीसी की दिशा में पहला कदम है. पढ़िए पूरी खबर...

AIUDF president Badruddin Ajmal
एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल
author img

By PTI

Published : Feb 24, 2024, 6:44 PM IST

गुवाहाटी : आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार को दावा किया कि असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त करना असम में समान नागरिक संहिता (UCC) लाने की दिशा में पहला कदम है, लेकिन यह राज्य में भाजपा सरकार की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. असम मंत्रिमंडल ने इस कानून को निरस्त करने की शुक्रवार रात मंजूरी दे दी.

अजमल ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, 'वे मुसलमानों को भड़काने और मतदाताओं को अपने पक्ष में ध्रुवीकृत करने की कोशिश कर रहे हैं.' धुबरी से सांसद अजमल ने कहा कि अधिनियम को निरस्त करना राज्य में यूसीसी शुरू करने की दिशा में भाजपा सरकार का पहला कदम है, लेकिन इससे असम में भाजपा सरकार का पतन हो जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम निश्चित रूप से अधिनियम को निरस्त करने का विरोध करेंगे, लेकिन चुनाव के बाद. हम अभी चुप रहेंगे.'

कानून निरस्त होने के बाद मुस्लिम विवाह कराने वाले काजी को उनके पुनर्वास के लिए दिए जाने वाले दो लाख रुपये के एकमुश्त मुआवजे का उल्लेख करते हुए अजमल ने कहा कि काजी भिखारी नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'मीडिया के माध्यम से मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे सरकार से एक भी पैसा न लें.'

लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बारे में एआईयूडीएफ प्रमुख अजमल ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगा. उन्होंने कहा, 'चुनाव में तीन सीटें जीतने के बाद हमारी पार्टी गठबंधन का समर्थन करेगी.' असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करने के लिए स्वतंत्रता-पूर्व के इस अधिनियम को निरस्त कर दिया गया है. सरमा ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'इस अधिनियम में विवाह पंजीकरण की तब भी अनुमति देने के प्रावधान शामिल थे, भले ही दूल्हा और दुल्हन 18 और 21 वर्ष की कानूनी उम्र के ना हुए हों, जो कि कानून द्वारा आवश्यक है.'

ये भी पढ़ें - असमिया और मुसलमानों को बांटना चाहते हैं सीएम हिमंत बिस्वा: बदरुद्दीन अजमल

गुवाहाटी : आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार को दावा किया कि असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त करना असम में समान नागरिक संहिता (UCC) लाने की दिशा में पहला कदम है, लेकिन यह राज्य में भाजपा सरकार की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. असम मंत्रिमंडल ने इस कानून को निरस्त करने की शुक्रवार रात मंजूरी दे दी.

अजमल ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, 'वे मुसलमानों को भड़काने और मतदाताओं को अपने पक्ष में ध्रुवीकृत करने की कोशिश कर रहे हैं.' धुबरी से सांसद अजमल ने कहा कि अधिनियम को निरस्त करना राज्य में यूसीसी शुरू करने की दिशा में भाजपा सरकार का पहला कदम है, लेकिन इससे असम में भाजपा सरकार का पतन हो जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम निश्चित रूप से अधिनियम को निरस्त करने का विरोध करेंगे, लेकिन चुनाव के बाद. हम अभी चुप रहेंगे.'

कानून निरस्त होने के बाद मुस्लिम विवाह कराने वाले काजी को उनके पुनर्वास के लिए दिए जाने वाले दो लाख रुपये के एकमुश्त मुआवजे का उल्लेख करते हुए अजमल ने कहा कि काजी भिखारी नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'मीडिया के माध्यम से मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे सरकार से एक भी पैसा न लें.'

लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बारे में एआईयूडीएफ प्रमुख अजमल ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगा. उन्होंने कहा, 'चुनाव में तीन सीटें जीतने के बाद हमारी पार्टी गठबंधन का समर्थन करेगी.' असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करने के लिए स्वतंत्रता-पूर्व के इस अधिनियम को निरस्त कर दिया गया है. सरमा ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'इस अधिनियम में विवाह पंजीकरण की तब भी अनुमति देने के प्रावधान शामिल थे, भले ही दूल्हा और दुल्हन 18 और 21 वर्ष की कानूनी उम्र के ना हुए हों, जो कि कानून द्वारा आवश्यक है.'

ये भी पढ़ें - असमिया और मुसलमानों को बांटना चाहते हैं सीएम हिमंत बिस्वा: बदरुद्दीन अजमल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.