हैदराबादः नॉदर्न बाल्ड इबिस पक्षी सीरिया, तुर्किया और यूरोप के कई देशों में एक समय बड़े पैमाने पर पाये जाते थे. वर्तमान समय में मध्य यूरोप के देशों में इसकी प्रजाति विलुप्त हो चुका है. इन दिनों नॉदर्न बाल्ड इबिस पक्षियों का झुंड मध्य यूरोप में कई झुंड में नजर आ रहे हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि ये पक्षियां करीबन 300 साल के बाद इस इलाके में दिख रहे हैं. वहीं वैज्ञानिक लाइट एयर क्राफ्ट के माध्यम से ऑस्ट्रिया से स्पेन ले जाने के लिए इनके परंपरागत मार्ग को दिखाने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें सफलता भी मिली है. लाइट एयर क्राफ्ट के पीछे 3 दर्जन के करीब नॉदर्न बाल्ड इबिस पक्षी ऑस्ट्रिया से स्पेन की ओर बढ़ रहे हैं.
😍 Quand collaboration rime avec #conservation !
— Bioparc conservation (@BioparConservat) August 26, 2024
🪂 Pour la 2ème année consécutive la #migration assistée par #ULM de l'équipe de Waldrappteam & de leurs #ibis chauves a commencé le 13 août dernier, direction l'#Andalousie !!! 🇪🇸
📆 6 étapes, c'est déjà 500 km de parcouru ! pic.twitter.com/SxnEWIOgjf
वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे पहले भी इन पक्षियों को पूर्वजों के प्रवासन मार्ग याद दिलाने के लिए प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें हर बार असफलता ही हाथ लगी. पूर्व में ज्यादातार बार रास्ते में नॉदर्न बाल्ड इबिस पक्षियों की रास्ते में दम तोड़ दिया था.
पूर्व में बड़ी संख्या में नॉदर्न बाल्ड इबिस पक्षी अंडे देने के लिए हर साल 2800 किलोमीटर की दूरी तय कर स्पेन से ऑस्ट्रिया जाते थे. बच्चे बड़े होने पर यानि लंबी उड़ान के लिए सक्षम होने के बाद ये वापस स्पेन लौट जाते थे. पर्यावरणीय परिवर्तन व अन्य कारणों से नॉदर्न बाल्ड इबिस पक्षी की आबादी को नुकसान पहुंचा और ये अपने मूल प्रवास में लौट नहीं पाये.
पक्षियों के मूल प्रवास की ओर ले जाने के लिए दुनिया का यह पहला प्रयास है. नॉदर्न बाल्ड इबिस पक्षी को लाइट एयर क्राफ्ट से स्पैन की ओर ले जाने का काम वाल्डरैपटीम कंजर्वेशन एंड रिसर्च संस्था की ओर से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है. पक्षियों को मूल प्रवास मार्ग याद दिलाने के लिए अगर यह प्रवास सफल रहा तो दुनिया के कई हिस्से में विलुप्त होने की राह पर पहुंच चुकी पक्षियों को न सिर्फ बचाया जा सकता है. बल्कि उन्हें संरक्षित कर उनकी आबादी को उनके मूल आश्रय में बढ़ाया जा सकता है.