नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा 2024 के लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के तुरंत बाद कांग्रेस का बड़ा बयान सामने आया. कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र की लड़ाई शुरू हो गई है और सबसे पुरानी पार्टी इसके लिए तैयार है. कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हारकर 10 साल से सत्ता से बाहर है, पार्टी को उम्मीद है कि पिछले साल गठित इंडिया ब्लॉक के आधार पर पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को हरा देगी. मतदाताओं ने आह्वान कर दिया है. लोकतंत्र की लड़ाई शुरू हो गई है और हम इसके लिए तैयार हैं.
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि यह कोई आम चुनाव नहीं है. यह भारत के लिए बहुत खास चुनाव है क्योंकि यह तय करेगा कि देश गरीब-समर्थक नीतियों पर चलेगा या अमीर-समर्थक नीतियों पर. यह चुनाव यह भी तय करेगा कि देश बीआर अंबेडकर के संविधान के आधार पर चलेगा या किसी तानाशाह के गुणगान से. मतदाता इस बार तानाशाह के अहंकार को झटका देंगे.
वहीं, एआईसीसी सचिव अभिषेक दत्त के अनुसार, राहुल गांधी की सामाजिक न्याय योजना पार्टी के चुनाव अभियान का आधार बनेगी. दत्त ने कहा कि लोग राहुल गांधी और उनके वादों को गंभीरता से लेते हैं और वे ऐसी पार्टी को वोट देना चाहते हैं जो युवाओं के बारे में सोचती हो. उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी ने अपने राष्ट्रव्यापी यात्राओं के जरिए लोगों की दो चिंताओं को उजागर किया है. पहला युवाओं को नौकरी चाहिए और किसानों को सुरक्षा चाहिए.
यह देखते हुए कि 2024 के लोकसभा चुनावों में 18 मिलियन नए मतदाता होंगे, दत्त ने याद दिलाया कि पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देने के लिए मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष कर दी थी. छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि राहुल गांधी की पांच गारंटी लोगों के साथ उनकी बातचीत पर आधारित है.
कांग्रेस मीडिया प्रमुख ने सबसे पुरानी पार्टी के शासन पर सवाल उठाने के लिए पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं है. जब उन्होंने स्वयं पूर्वोत्तर में संघर्षग्रस्त मणिपुर का दौरा नहीं किया और चुनावी बांड की बिक्री में भ्रष्टाचार होने दिया. खेड़ा ने दावा किया कि लोग केंद्र से तंग आ चुके हैं और दो महीने में देश को इस सरकार से छुटकारा दिला देंगे. चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का स्वागत करते हुए, कांग्रेस नेता ने नफरत फैलाने वाले भाषणों पर चुनाव आयोग की चेतावनी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि चुनाव आयोग को ऐसे बयानों पर नजर रखनी चाहिए.
खेड़ा ने कहा ने कहा 'हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि नफरत फैलाने वाले भाषणों के सबसे ज्यादा मामले बीजेपी शासित राज्यों में हुए हैं.भाजपा नेता फर्जी खबरें फैलाने के लिए जाने जाते हैं. मुझे नहीं पता कि चुनाव आयोग ने उन मामलों में क्या कार्रवाई की, लेकिन हमें उम्मीद है कि इस बार चुनाव आयोग निष्पक्ष रहेगा. भले ही शिकायत पीएम या एचएम के खिलाफ हो, हम चुप नहीं बैठेंगे और आदर्श आचार संहिता को अक्षरश: लागू करेंगे.'
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के पूर्ण समर्थन के चुनाव आयोग के दावे पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विपक्ष मशीनों की भूमिका पर चिंता व्यक्त करता रहा है और अतीत में इस मुद्दे पर सार्वजनिक जागरूकता पैदा करता रहा है.