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नशेड़ी चूहे! थाना के मालखाना में रखे गांजा-भांग चट कर गए चूहे, ढूंढ़ रही पुलिस - Rat ate Ganja in Dhanbad

Rat ate Ganja and Bhang. बिहार के थानों में जब्त शराब के चूहे के द्वारा पी जाने की कहानी तो आपको याद ही होगी. अब झारखंड में भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है. यहां पर चूहे थाना के मालखाने से गांजा और भांग खा गए हैं.

Rat ate Ganja and Bhang in Dhanbad
Rat ate Ganja and Bhang in Dhanbad
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 8, 2024, 5:05 PM IST

थाना के मालखाना में रखे गांजा-भांग चट कर गए चूहे

धनबाद: क्या जिले के चूहे अब नशेड़ी हो गए हैं? क्या उन्हे मादक पदार्थों की लत लग गई है? यह बात इसलिए पूछी जा रही है क्योंकि पुलिस की रिपोर्ट में कुछ इसी तरह बात लिखी गई है. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक थाना में रखे गांजा और भांग को चूहे हजम कर गए.

धनबाद पुलिस की ओर से इस बाबत कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई है. जिसमें बताया गया है कि एनडीपीएस के तहत जब्त 9 किलो गांजा और 10 किलो भांग को चूहों ने खत्म कर दिया है. चूहों के इस कृत्य के लिए थाना में एक अलग से सनहा भी दर्ज किया गया है. मामले के अनुसंधानकर्ता राजगंज थाना के पुलिस अधिकारी द्वारा यह रिपोर्ट न्यायालय में सौंपी गई है.

बचाव पक्ष के वकील अभय भट्ट ने बताया कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश राम शर्मा की अदालत में राजगंज थाना के अनुसंधानकर्ता पुलिस अधिकारी जय प्रकाश प्रसाद ने यह रिपोर्ट सौंपी है. लोक अभियोजक अवधेश कुमार ने पुलिस की तरफ से न्यायालय को बताया है कि एनडीपीएस के तहत जब्त की गई 9 किलो गांजा और 10 किलो भांग को चूहों ने साफ कर दिया. इसके लिए एक अलग से थाना में सनहा भी दर्ज किया गया है.

वकील अभय भट्ट ने बताया कि 14 दिसंबर 2018 को एनडीपीएस एक तहत एक मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की ट्रायल चल रही है. अनुसंधानकर्ता को गवाही के लिए अदालत में बुलाया गया था. साथ ही जब्त समानों को लाने के लिए कहा गया था. जिसके बाद पुलिस ने यह रिपोर्ट सौंपी है. उन्होंने बताया कि जब्त मादक पदार्थों के नहीं मिलने से उनके मुवक्किल को इसका लाभ मिल सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस जाकर उन चूहों को खोजे, जिन्होंने इसे खत्म किया है.

अभय भट्ट ने बताया कि राजगंज थाना में एनडीपीएस के तहत तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जिसमें शंभू प्रसाद अग्रवाल उसके बेटे और भतीजे कर्ण प्रसाद अग्रवाल को आरोपी बनाया था. पुलिस का कहना था कि गुप्त सूचना मिली थी कि शंभू अग्रवाल अपने घर में मादक पदार्थों की खरीद बिक्री करता है. सूचना के आधार पर तत्कालीन डीएसपी व रायगंज थानेदार ने उसके आवास की घेराबंदी कर छापेमारी की थी.

घर से शंभू प्रसाद अग्रवाल और उसके छोटे बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वहीं उसके भतीजे करण अग्रवाल मौके से फरार हो गए थे. छोटा बेटा जुवेनाइल था. इसलिए जुवेनाइल कोर्ट में उसका मामला चल रहा है. शंभू प्रसाद अग्रवाल और कारण प्रसाद अग्रवाल का ट्रायल प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा की अदालत में चल रहा है. पुलिस का आरोप है कि शंभू अग्रवाल के घर में चौकी के नीचे से 9 किलो गांजा और 10 किलो भांग बरामद हुआ था. जिसे पुलिस ने थाना के मलखाना में रखा था. पूर्व में कोर्ट में पुलिस द्वारा प्रोड्यूस किया गया था. कोर्ट में प्रोड्यूस के बाद पुलिस को इसे संभाल कर रखने के लिए दिया गया था. जो अब गायब है.

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धनबाद पुलिस की ओर से इस बाबत कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई है. जिसमें बताया गया है कि एनडीपीएस के तहत जब्त 9 किलो गांजा और 10 किलो भांग को चूहों ने खत्म कर दिया है. चूहों के इस कृत्य के लिए थाना में एक अलग से सनहा भी दर्ज किया गया है. मामले के अनुसंधानकर्ता राजगंज थाना के पुलिस अधिकारी द्वारा यह रिपोर्ट न्यायालय में सौंपी गई है.

बचाव पक्ष के वकील अभय भट्ट ने बताया कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश राम शर्मा की अदालत में राजगंज थाना के अनुसंधानकर्ता पुलिस अधिकारी जय प्रकाश प्रसाद ने यह रिपोर्ट सौंपी है. लोक अभियोजक अवधेश कुमार ने पुलिस की तरफ से न्यायालय को बताया है कि एनडीपीएस के तहत जब्त की गई 9 किलो गांजा और 10 किलो भांग को चूहों ने साफ कर दिया. इसके लिए एक अलग से थाना में सनहा भी दर्ज किया गया है.

वकील अभय भट्ट ने बताया कि 14 दिसंबर 2018 को एनडीपीएस एक तहत एक मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की ट्रायल चल रही है. अनुसंधानकर्ता को गवाही के लिए अदालत में बुलाया गया था. साथ ही जब्त समानों को लाने के लिए कहा गया था. जिसके बाद पुलिस ने यह रिपोर्ट सौंपी है. उन्होंने बताया कि जब्त मादक पदार्थों के नहीं मिलने से उनके मुवक्किल को इसका लाभ मिल सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस जाकर उन चूहों को खोजे, जिन्होंने इसे खत्म किया है.

अभय भट्ट ने बताया कि राजगंज थाना में एनडीपीएस के तहत तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जिसमें शंभू प्रसाद अग्रवाल उसके बेटे और भतीजे कर्ण प्रसाद अग्रवाल को आरोपी बनाया था. पुलिस का कहना था कि गुप्त सूचना मिली थी कि शंभू अग्रवाल अपने घर में मादक पदार्थों की खरीद बिक्री करता है. सूचना के आधार पर तत्कालीन डीएसपी व रायगंज थानेदार ने उसके आवास की घेराबंदी कर छापेमारी की थी.

घर से शंभू प्रसाद अग्रवाल और उसके छोटे बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वहीं उसके भतीजे करण अग्रवाल मौके से फरार हो गए थे. छोटा बेटा जुवेनाइल था. इसलिए जुवेनाइल कोर्ट में उसका मामला चल रहा है. शंभू प्रसाद अग्रवाल और कारण प्रसाद अग्रवाल का ट्रायल प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा की अदालत में चल रहा है. पुलिस का आरोप है कि शंभू अग्रवाल के घर में चौकी के नीचे से 9 किलो गांजा और 10 किलो भांग बरामद हुआ था. जिसे पुलिस ने थाना के मलखाना में रखा था. पूर्व में कोर्ट में पुलिस द्वारा प्रोड्यूस किया गया था. कोर्ट में प्रोड्यूस के बाद पुलिस को इसे संभाल कर रखने के लिए दिया गया था. जो अब गायब है.

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