रायपुर : छत्तीसगढ़ में 2022 की तुलना में 2023 में बलात्कार के मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है. गुरुवार को इस मामले में कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव के सवाल पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया.राज्य में पिछले साल हत्या, डकैती और बलात्कार के 9295 मामले दर्ज किए गए. जो आंकड़े गृहमंत्री ने दिए वो बेहद डराने वाले हैं.क्योंकि छत्तीसगढ़ में साल 2023 में रेप के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई.
2023 में रेप के मामले हुए दोगुने : गृहमंत्री विजय शर्मा ने सदन को बताया कि ''2021 में बलात्कार के 1093 मामले, 2022 में 1246 और 2023 में 2564 मामले दर्ज किए गए. 2021 से 2023 के दौरान हत्या के 2967 मामले, डकैती के 1425 और बलात्कार के 4903 मामले दर्ज किए गए. जहां तक हत्या के अपराध की बात है. 2021 में 1007 मामले, 2022 में 1013 और 2023 में 947 मामले दर्ज किए गए.''
डकैती के मामलों में आई गिरावट : विजय शर्मा के मुताबिक ''राज्य में 2023 में डकैती के मामलों में गिरावट देखी गई. 2021 में 553, 2022 में 495 और 2023 में 377 मामले डकैती के दर्ज किए गए. इन 9295 मामलों में से 627 में आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.'' आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को बढ़ते अपराध को लेकर घेरा था. जिसमें महिला उत्पीड़न,रेप,चाकूबाजी और डकैती जैसी घटनाओं को लेकर मुद्दा बनाया गया था.लेकिन विधानसभा में रेप के जो आंकड़े सरकार ने पेश किये हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं.
जेलों में क्षमता से अधिक कैदी: इसके साथ ही विधानसभा में प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रदेश की जेलों के बारे में जानकारी दी. बीजेपी विधायक संपत अग्रवाल के सवाल में विजय शर्मा ने कहा कि "राज्य में पांच केंद्रीय, 20 जिला और आठ उप जेल हैं. सभी पांच केंद्रीय, 14 जिला और पांच उप जेलों सहित इनमें से चौबीस जेलें क्षमता से अधिक भरी हुई हैं. नौ जेलों में क्षमता से कम कैदी हैं. इस साल 31 जनवरी तक केंद्रीय, जिला और उप जेलों में 14 हजार 383 की क्षमता के मुकाबले 18 हजार 442 कैदी बंद थे.
जेल की क्षमता से अधिक कैदी : इसके साथ ही विजय शर्मा ने कहा कि "रायपुर के केंद्रीय जेल में 1,586 की क्षमता की तुलना में 3076 कैदी हैं, जबकि दुर्ग के केंद्रीय जेल में 2006 की क्षमता की तुलना में 2031 कैदी हैं. बिलासपुर के केंद्रीय जेल में 2870 कैदी हैं.जेल की क्षमता केवल 2290 कैदियों को रखने की है. जगदलपुर (बस्तर) की केंद्रीय जेल में 1462 कैदी हैं. अंबिकापुर की जेल में 2013 कैदी हैं, जबकि जेल की क्षमता 1451 और 1320 है."
नौ जेलों के बैरक निर्माण को मंजूरी : आपको बता दें कि इस दौरान गृहमंत्री ने नौ जेलों में बैरक के निर्माण के लिए 1हजार 195 लाख रुपये की मंजूरी दी. इनमें अंबिकापुर, जगदलपुर में केंद्रीय जेल, राजनांदगांव, कबीरधाम, सूरजपुर, जशपुर, गरियाबंद में जिला जेल और मनेंद्रगढ़ और नारायणपुर में उप जेल शामिल हैं. बात अगर सरकारी आंकड़ों की करें तो राज्य सरकार की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं क्योंकि मौजूदा क्षमता 14,383 की तुलना में वहां 18,000 से अधिक कैदी बंद हैं.