रामपुर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां को डूंगरपुर बस्ती में लूटपाट-मारपीट और तोड़फोड़ के एक और मामले में रामपुर की अदालत ने आज 10 साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 14 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
डूंगरपुर प्रकरण में अबरार नाम के व्यक्ति ने सपा नेता आजम खां समेत रिटायर सीओ आले हसन खान और बरकत अली ठेकेदार के खिलाफ 6 दिसंबर 2019 को थाना गंज में मुकदमा दर्ज कराया था. अबरार के मुताबिक आजम खां, आले हसन खां और बरकत अली ने उनके साथ मारपीट की थी.
घर में तोड़फोड़ की और जान से मारने की धमकी दी. इसके साथ ही मकान को ध्वस्त करा दिया था. ये घटना 6 दिसम्बर 2016 की थी और 2019 में थाना गंज में मामला दर्ज कराया गया था, जिसको लेकर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है.
इस मामले में कल यानी 29 मई को कोर्ट ने आजम खां और बरकत अली को दोषी करार दिया था. उसके बाद सजा को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज रामपुर की एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने आजम खां को 10 साल और बरकत अली को 7 साल कैद की सजा सुनाई है.
आले हसन खान की पत्रावली इस मामले से अलग कर दी गई थी. क्योंकि, आले हसन का उच्च न्यायालय से स्टे चल रहा है. संयोग देखिये कि जमानत मिलने के बाद कल मंगलवार को ही आजम खां की पत्नी छह माह बाद जेल से बाहर आई थीं, वहीं आज उनके पति को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है.
सीतापुर जेल में बंद है सपा नेता: आजम खां फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं. बुधवार को सुनवाई के दौरान वह जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे। दरअसल, 2019 में डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने इलाके को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, मारपीट समेत अन्य धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। अब तक चार मुकदमों में फैसला आ चुका है। दो मामलों में उन्हें बरी किया जा चुका है, जबकि एक और मामले में आज़म खां को सात साल की सजा मिली है।
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