हैदराबाद: दुनिया में कितने भी मीडिया प्रमुख हों. रामोजी राव की छाप खास है.! रामोजी राव मूल पत्रकार थे जिन्होंने मीडिया के माध्यम से प्रभावित किया. ईनाडु, जो लगातार सच बोलता है, ईटीवी, ईटीवी भारत जो आपको हर पल की जानकारी देता है..! यह वही है, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल... वह जिस भी माध्यम में कदम रखता है... वह सनसनीखेज है.!! हमेशा ही नया..! रामोजी राव, एक ऐसे योद्धा, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में कई प्रयोग किए.
मीडिया कोई व्यवसाय नहीं है. यह मीडिया ही है जो समाज को जागृत करता है! रामोजी राव का ऐसा मानना था! 1969 में उन्होंने मासिक पत्रिका अन्नदाता के माध्यम से मीडिया क्षेत्र में अपना पहला कदम रखा.
एक किसान परिवार में जन्मे रामोजी राव खेती की दुनिया के पथ प्रदर्शक थे! 'अन्नदाता' पत्रिका के माध्यम से उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों और किसानों के बीच एक अटूट सेतु का निर्माण किया. खेती के उन्नत तरीके, तकनीकी तरीके, नई मशीनें...अनंत जानकारी दी. तेलुगु किसानों ने रूढ़िवादिता छोड़ी और प्रयोग करना शुरू किया. इसने करोड़ों किसानों को कृषि विज्ञान का फल प्रदान किया है.
1974 में मीडिया इंजस्ट्री में रखा कदम : 1974 में रामोजी राव ने मीडिया इंडस्ट्री में अगला कदम बढ़ाया. वही सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला ईनाडु आज लोकप्रिय है.! विशाखापट्टनम केंद्र है. मधुमय तेलुगु भाषा का चरित्र. यह निरंतर बदलते परिवर्तन का अक्षयपात्र बन गया है.
तेलुगु मिट्टी अपने चारों ओर घूमने लगी है. ईनाडु इसका कारण है. रामोजी राव का मानना है कि केवल परिवर्तन ही स्थायी है. सार्वजनिक मुद्दों के प्रति प्रतिबद्धता, सत्य के प्रति निष्ठा जो हमेशा बुनियादी विशेषताओं के रूप में शामिल की जाती है, आज तेलुगु पाठकों के दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई है. असंख्य तेलुगु पाठकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि ईनाडु को जिसने ढाला है, वह सर्वोत्कृष्ट है.
यही कारण है कि 1976 की पहली छमाही में जो सर्कुलेशन 48,339 प्रतियां था, चरण दर चरण वृद्धि हुई है. और उस स्तर पर पहुंच गया है जहां 2011 की पहली छमाही में कोई नहीं पहुंच पाया. हालांकि कई लोगों को संदेह था कि कोरोना के दौरान अखबारों का काम खत्म हो गया है...इनाडु ने उन सभी अटकलों को खत्म कर दिया है. यहां तक कि ईनाडु 23 केंद्रों में छपता है और सबसे अधिक प्रसार वाले तेलुगु दैनिक के रूप में प्रकाशित होता है.
रामोजी राव के ईनाडु ने तेलुगु अखबारों की दिशा बदल दी. ईनाडु से पहले अखबार न तो दोपहर को और न ही शाम को पाठक तक पहुंचते थे. रामोजी राव ने उस स्थिति को बदल दिया. पत्रिका वितरण प्रणाली से लेकर एजेंटों की नियुक्ति तक सभी क्षेत्रों में एक नया चलन पैदा हुआ है. रामोजी राव ने दैनिक समाचार पत्र को सुबह होने से पहले पाठक के घर तक पहुंचाने का अध्याय शुरू किया.
ईनाडु में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों, नेताओं की घोषणाओं और सार्वजनिक सभाओं में भाषणों से पेट भरने की रूढ़ि समाप्त हो गई है. तेलुगु पत्रकारिता ने ग्रामीण राह पकड़ ली है. रामोजी राव का मानना था कि असली खबरें देश और राज्य की राजधानियों से नहीं आनी चाहिए, बल्कि अखबारों को सुदूर गांवों में असहाय लोगों की कठिनाइयों को प्राथमिकता देनी चाहिए.
ईनाडु उस विश्वास के प्रति प्रतिबद्ध था. तद्नुसार स्थानीय जनसमस्याओं को महत्व देना प्रथम अंक से प्रारंभ हुआ. तब से लेकर आज तक.. स्थानीय लोगों के जीवन से जुड़ी खबरें ईनाडु के लिए प्राथमिकता हैं.
ईनाडु सिर्फ खबर नहीं, तेलुगु लोगों का गौरव ध्वज है! 1978-83 के बीच कांग्रेस नेतृत्व ने पांच वर्षों में आंध्र प्रदेश के चार मुख्यमंत्रियों को बदल दिया. उस समय लोगों ने तेलुगु राष्ट्र के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए एक नई राजनीतिक शक्ति के रूप में तेलुगु देशम के उदय का स्वागत किया. जनमत का सम्मान करने वाले ईनाडु ने तेलुगु देशम पार्टी का स्वागत किया.
लेकिन यह कभी भी व्यक्तियों को प्राथमिकता नहीं देता. 1983 के विधानसभा चुनावों के अगले दिन अपने संपादकीय में, रामोजीराव ने स्पष्ट किया कि उद्देश्य तानाशाही का विरोध करना है... कि हम तेलुगु देशम के साथ खड़े हैं, और जब वह पार्टी सत्ता में आएगी... तो इसकी सराहना की जाएगी. यह अच्छा करता है और गलत करने पर चेतावनी देता है. एनटीआर के शासनकाल में हुई गलतियां आज बेबाकी से उजागर हो गईं..!
जब 1984 में कांग्रेस ने एनटीआर सरकार को उखाड़ फेंका, तो ईनाड ने लोकतंत्र की बहाली के लिए लड़ाई लड़ी. 2003 में तत्कालीन विपक्षी नेता वाईएस राजशेखर रेड्डी के मार्च को व्यापक रूप से कवर किया गया था. इसके बाद कांग्रेस ने घोटालों का खुलासा किया. 2019 में जगन की पदयात्रा को ईनाडु ने कवर किया था. सत्ता में आने के बाद इनाडु ने जगन की अराजकता को दिखाकर नव्यंध्र में लोकतंत्र बहाल करने में अपनी भूमिका निभाई. पाठकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ते रहना है...यही ईनाडु की यात्रा का आदर्श वाक्य है. इसी क्रम में संस्करण में कई परिवर्तन किए गए.
यह लोगों के लिए और अधिक सुलभ होता जा रहा है. ईनाडु ने पहले संस्करण की शुरुआत के बाद से अपने चार साल के प्रसार में अग्रणी पत्रिका आंध्र प्रभा के सर्कुलेशन को पीछे छोड़ दिया! कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. पाठकों की संख्या में वृद्धि करके यह सर्कुलेशन में नए शिखर पर पहुंच गया जहां कोई अन्य तेलुगु दैनिक नहीं पहुंच सका. इसका कारण रामोजीराव के कई प्रयोग हैं.
इसमें जिला संस्करण प्रमुख हैं! स्थानीय समाचारों को प्राथमिकता देने, निम्न वर्ग की समस्याओं को प्रतिबिंबित करने के लिए रामोजी राव द्वारा लाए गए लघु संस्करणों ने भारी धूम मचाई.
प्रेस विज्ञप्ति के क्षेत्र में, प्रवृत्ति का अनुसरण करने के बजाय... ईनाडु ने एक नया चलन बनाया है. विज्ञापनों के लिए सरकार पर निर्भर रहने की आवश्यकता से छुटकारा दिलाते हुए, लोगों के लिए लाभकारी वर्गीकृत विज्ञापनों की संस्कृति पहली बार तेलुगु में शुरू की गई..! रविवार को ईनाडु विभिन्न सूचनाओं का आनंद लेने के लिए एक विविध पूरक संस्करण प्रस्तुत कर रहा है. इसके बाद, इसे चित्रों के एक आकर्षक संग्रह के रूप में एक पुस्तक के रूप में संकलित किया गया है.
प्रगतिशील संपादक रामोजी राव ने महसूस किया कि समाज को उन महिलाओं की समस्याओं और उनकी सफलता की कहानियों को जानना चाहिए जिनके साथ भेदभाव किया जाता रहा है. सितंबर 1992 में....ऐसे 'वसुंधरा पेज' की शुरुआत हुई.
ईनाडु महिलाओं के लिए एक विशेष पृष्ठ वाली पहली घरेलू पत्रिका है. इसके अलावा, तेलुगु प्रेस क्षेत्र में पहली बार छात्रों के लिए प्रतिभा पेज,...... जो लोग व्यावसायिक समाचार चाहते हैं उनके लिए एक व्यावसायिक पेज, आधुनिक कृषि तकनीक वाला 'रायथे राजू' किसानों के लिए शुरू किया गया है.! पाठकों की नब्ज टटोलने में ईनाडु कभी पीछे नहीं रहता. यह नवीन विषयों के साथ अलग-अलग पृष्ठ प्रदान करता है, जो पहले साप्ताहिक और मासिक पत्रिकाओं में होते थे.
छात्रों के सुनहरे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने वाला 'चाडुवु', स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला सुखीभावा, खेल सूचना चैंपियन, ई-नाडु पेज- वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का दर्पण.
फाइनेंशियल गाइड : फाइनेंशियल गाइड श्री, ई ताराम युवाओं को प्रेरित करते हैं, बच्चों के लिए हाय बुज्जी... इस तरह ईनाडु आज सभी समुदायों को दिलचस्प समाचार और जानकारी प्रदान कर रहा है. जो पाठक के दिल को छू जाती हैं, ईनाड के कार्टून, जो विशिष्ट रूप से राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाते हैं, इसके करोड़ों प्रशंसक हैं.
ईनाडु की यात्रा में एक और अनुभूति है...खोजी पत्रकारिता.! गरीबों को लोगों के पूर्वाग्रह के रूप में, गरीबों को कमजोरों के हथियार के रूप में... आज प्रकाशित कई खबरों में सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की कड़ी निंदा की गई है... अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाया गया है.
ईनाडु ने गरीब लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की. 1992 में नेल्लोर जिले के डोबागुंटा में ईनाडु उन महिलाओं के लिए एक आधार के रूप में खड़ा हुआ, जिन्होंने देशी शराब का विरोध किया और पूरे राज्य में शराब निषेध आंदोलन को गति दी.
यह नहीं सोचा कि कौन शामिल होगा? किसी के कुछ करने का इंतज़ार किए बिना...लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया. 1995 में ईनाडु द्वारा चलाए गए श्रमिक आंदोलन ने गांव-गांव को भागीदार बनाया.
इसने ग्रामीणों को सड़कों और नहरों की मरम्मत के लिए स्वेच्छा से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पीड़ितों की मदद करना आज मानवता का प्रमाण है. तूफान के दौरान संगठन के राहत कोष की घोषणा....पाठकों को बिना किसी शुल्क के पीड़ितों को दान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है...तूफान के पीड़ितों के लिए घर बनाने के लिए...ईनाडु के मार्क की मानवता..! यही कारण है कि ईनाडु आज और हमेशा के लिए तेलुगु लोगों का दिल है..!
रामोजी राव ने ईनाडु के पूरक के रूप में सितारा सिनेमा साप्ताहिक की शुरुआत की, जो उच्च पत्रकारिता मूल्यों का प्रतीक है. 3 अक्टूबर 1976 को सितारा को फिल्म उद्योग के विशेष संग्रह के रूप में फिल्म प्रशंसकों के सामने प्रस्तुत किया गया. रामोजी राव ने न केवल समाचार और लेख प्रदान करने के लिए बल्कि मूल्यवान फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए भी सितारा को आकार दिया है. 1980 से लगातार तीन वर्षों तक सीथारा अवार्ड्स का कार्यक्रम आयोजित किया गया और प्रतिभाशाली अभिनेताओं और तकनीशियनों को सम्मानित किया गया.
साहित्यिक पत्रिकाएं चलाईं : 1978 में साहित्य प्रेमियों की प्यास बुझाने के लिए चतुर, विपुला मासिक पत्रिकाएं प्रारम्भ की गईं. चतुर मासिक के उपन्यास के साथ विपुला विभिन्न भाषाओं में कहानियों का संग्रह लेकर आई... साहित्य के क्षेत्र में एक अभिनव प्रयोग. रामोजी राव ने 4 दशकों तक साहित्यिक पत्रिकाएं चलाईं, जिसे कई लोग असंभव मानते थे.
1999 में शुरू की गई थी वेबसाइट : ईनाडु, जो प्रौद्योगिकी को अपनाने में सबसे आगे था...सभी तेलुगु दैनिक समाचार पत्रों से पहले इंटरनेट में प्रवेश कर गया. 1999 में दुनिया भर के तेलुगु लोगों को Eanadu समाचार प्रदान करने की महत्वाकांक्षा के साथ Eenadu.net वेबसाइट शुरू की गई थी. इसके माध्यम से नवीनतम समाचार त्वरित एवं समय-समय पर उपलब्ध कराए जाते हैं. एक अंग्रेजी दैनिक भी दो दशकों तक सफलतापूर्वक चला. न्यूजटाइम की शुरुआत 26 जनवरी 1984 को हुई थी. उस पार्टी के 20 साल के शासन में...सैकड़ों पत्रकारों को मौका दिया गया था.
रामोजी राव ने न केवल तेलुगु पत्रकारिता के क्षेत्र में नई जमीन तोड़ी है... ईनाडु अखबार में अंग्रेजी शब्दों को बदलने के बजाय उनके विकल्प के रूप में तेलुगु शब्द बनाए गए हैं.
ईटीवी ने आज कई नए शब्दों को लोकप्रिय बनाया है. तेलुगु भाषा की सेवा में, रामोजी राव एक अन्य प्रमुख तेलुगु वेलुगु मासिक पत्रिका है. शहद की मीठी बातें और साहित्य की मिठास चारों में साझा है. बच्चों में रचनात्मकता पैदा करने और उसे पोषित करने के लिए बालभारतम पत्रिका भी चलाई गई
अगर आज प्रिंट मीडिया में यह सनसनी है तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रामोजी राव द्वारा शुरू किया गया ईटीवी तेलुगु टीवी ऐसा माना जाता है. ईटीवी ने दृश्य मीडिया में रूढ़िवादिता को बदल दिया है. 27 अगस्त 1995 को तेलुगु में पहले 24 घंटे के चैनल के रूप में शुरू हुआ...! नाम भले ही मनोरंजन का हो, लेकिन यह घर-घर मनोरंजन के लिए नए-नए कार्यक्रम प्रसारित करता है. इसने उन दर्शकों को जो सप्ताह में एक धारावाहिक का आनंद लेते थे दैनिक धारावाहिकों वाले टीवी से चिपका दिया.
तीन गाने और छह मूवी शो... ईटीवी सिनेमा मनोरंजन के चक्कर में नहीं फंसा है. भोर 'अन्नदाता' को फसल का जागरण सिखाती है. दिवंगत एसपी बाला सुब्रमण्यम के नेतृत्व में... रामोजी राव ने 'पतुथा तेयागा' कार्यक्रम की शुरुआत की थी.
इस शो ने फिल्म इंडस्ट्री को सैकड़ों गायक दिए हैं! यह आज भी पेश किया जा रहा है. स्टार वुमन.. जैसा प्रोग्राम गिनीज बुक में शामिल हो चुका है. जबरदस्त कॉमेडी शो दर्शकों को खूब हंसा रहा है. रियलिटी डांस शो 'धी' दर्शकों के बीच कदमताल कर रहा है. कहा जाता है कि रामोजी राव ने लोगों को ईटीवी कार्यक्रम दिए ताकि लोग मनोरंजन की फुहार में सराबोर हो जाएं
मानवीय संबंधों को महत्व देते हुए और अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए, ईटीवी नेटवर्क का विभिन्न राज्यों में विस्तार किया गया है. अप्रैल 2000 में ईटीवी बांग्ला की शुरुआत हुई. तीन महीने के भीतर एक मराठी चैनल सामने आया. ठीक अगले पांच महीने. ईटीवी कन्नड़ में कस्तूरी जैसी महक आती है.
2003 में ETV-2 न्यूज़ चैनल लॉन्च किया : अगस्त 2001 में ईटीवी ने उर्दू में प्रसारण शुरू किया. जनवरी 2002 में रामोजी राव ने एक ही दिन में छह चैनल शुरू करके मीडिया इतिहास में एक और सनसनी पैदा कर दी. ईटीवी एक बड़ा नेटवर्क बन गया है जो क्षेत्रीय भाषा के चैनलों के साथ लोगों तक पहुंचता है. ईटीवी जो एक मनोरंजक तेलुगु ड्रामा था उसे रामोजी राव ने सूचना क्रांति में बदलने का फैसला किया. तेलुगु धरती पर जानकारी फैलाने के लिए दिसंबर 2003 में ETV-2 न्यूज़ चैनल लॉन्च किया गया था.
राज्य के बंटवारे के बाद अब ईटीवी आंध्र प्रदेश और ईटीवी तेलंगाना के नाम से दोनों राज्यों के लिए अलग-अलग 24 घंटे की न्यूज स्ट्रीम शुरू की गई है. यह समय-समय पर नवीनतम समाचारों, विश्लेषणों और वास्तविक जीवन की कहानियों से मनोरंजन करता है. ईटीवी का मतलब है सनसनीखेज से दूर और तथ्यों के करीब...विश्वसनीयता के लिए ब्रांड एंबेसडर बनना. ईटीवी ने वो भरोसा कमाया है जो स्क्रीन पर दिखता है.
रामोजी राव ने दर्शकों की पसंद के अनुसार समय-समय पर ईटीवी नेटवर्क का विस्तार किया. ईटीवी प्लस, ईटीवी सिनेमा, ईटीवी अभिरुचि और ईटीवी आध्यात्मिक चैनल....विभिन्न कार्यक्रमों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. रामोजी राव, जो भविष्य को पहले से भांप सकते थे... उन्होंने तेलुगु में सबसे बड़ा डिजिटल मीडिया विभाग बनाया. वही........ ईटीवी भारत 13 भाषाओं में समाचार पेश करने वाला सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफॉर्म होने के नाते, ईटीवी भारत का सूचना हथियार बन गया है.
रामोजी राव का विचार न केवल बड़ों को बल्कि बच्चों को भी मनोरंजन प्रदान करना है. उसी से जन्म हुआ ईटीवी बाला भारत का. 4 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को शामिल करने के लिए 12 भाषाओं में कार्टून कार्यक्रम पेश किए जा रहे हैं.
ईटीवी ने ओटीटी प्लेटफॉर्म में प्रवेश किया है जो भविष्य के मनोरंजन पर राज करेगा. ईटीवी नेटवर्क के सभी कार्यक्रमों के साथ... रोमांचक वेब श्रृंखला, अतीत के सभी फिल्मी सितारों को ईटीवी विन ओटीटी ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है.