पटनाः मोदी 3.0 में सभी वर्गों और जातियों को साधने की कवायद की गयी है. बिहार में अति पिछड़ी जाति के बड़े नेताओं में शुमार रामनाथ ठाकुर को केंद्रीय कैबिनेट में जगह देकर इस वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है. जेडीयू कोटे से मंत्री बनाए गये रामनाथ ठाकुर 2014 से लगातार राज्यसभा सदस्य हैं और नीतीश कुमार के विश्वस्त सहयोगियों में एक हैं.
3 मार्च 1950 को जन्मः भारतरत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर का जन्म 3 मार्च 1950 को समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम में हुआ था. 1988 में पहली बार बिहार विधानपरिषद् के लिए चुने गये रामनाथ ठाकुर ने लालू कैबिनेट और नीतीश कैबिनेट में मंत्री के रूप में काम किया है.
लालू कैबिनेट में गन्ना उद्योग मंत्री रहेः रामनाथ ठाकुर को पहली बार लालू कैबिनेट में जगह मिली थी और उन्हें गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया था. इसके बाद 24 नवंबर 2005 से 26 नवंबर 2010 तक रामनाथ ठाकुर ने नीतीश कैबिनेट में राजस्व एवं भूमि सुधार, विधि, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री के रूप में काम किया.
अति पिछड़े समाज के बड़े चेहरेः रामनाथ ठाकुर के पिता जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के अति पिछड़ा समाज के बड़े चेहरे थे और अब रामनाथ ठाकुर भी अति पिछड़ा समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. रामनाथ ठाकुर अप्रैल 2014 से लगातार राज्यसभा सांसद हैं. फिलहाल राज्यसभा सांसद के रूप में उनका ये दूसरा टर्म है.
पिता के जिंदा रहते नहीं मिली राजनीति में एंट्रीःबिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर के जिंदा रहते रामनाथ ठाकुर की राजनीति में एंट्री नहीं हो सकी थी. जननायक के निधन के बाद ही रामनाथ ठाकुर को राजनीति में जगह मिली. कर्पूरी ठाकुर के बेटे होने के कारण बिहार की राजनीति में रामनाथ ठाकुर की विशेष पूछ है.
अति फिछड़ा समाज को मैसेज देने की कोशिशः रामनाथ ठाकुर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता है. नीतीश कुमार पिछड़े और अति पिछड़े समाज को साधने के लिए रामनाथ ठाकुर को हमेशा बड़े अभियान में लगाते रहे हैं.अब एक बार फिर केंद्र में मंत्री बनाकर रामनाथ ठाकुर के माध्यम से नीतीश कुमार ने अति पिछड़े समाज को बड़ा संदेश दिया है.
ये भी पढ़ेंः'हमारी सरकार जननायक कर्पूरी ठाकुर से प्रेरणा लेकर काम कर रही', PM मोदी ने रामनाथ ठाकुर को किया फोन
जब कर्पूरी ठाकुर ने वंशवाद का हवाला देकर कटवा दिया था अपने बेटे का टिकट