अयोध्याः श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के 6 महीने में ही छत टपकने लगने लगा है. मानसून की पहली बारिश में छत टपकने से गर्भगृह के सामने जलभराव हो गया. जिससे पुजारियों और श्रद्धालुओं को परेशानी हुई. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने मानसून की पहली बरसात में पानी के रिसाव होने पर राम जन्मभूमि राम मंदिर के भव्य निर्माण करने वाले संस्था के इंजीनियरों पर सवाल खड़ा कर दिया है.
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि देश के बड़े-बड़े इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं. 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई है. लेकिन यह किसी को ज्ञान नहीं रहा कि जब पानी बरसेगा तो उसके छत से पानी टपकेगा. इसके पहले भी बरसात होती थी, लेकिन कभी भी इस तरह के हालात नहीं हुए है. जैसा इस बार हुआ है. इस बार जैसा पानी आंगन में गिरा, वह बहुत आश्चर्यजनक रहा. जब ऐसे-ऐसे इंजीनियर विश्व प्रसिद्ध मंदिर बना रहे हो और बारिश का पानी अंदर जाए तो आश्चर्यजनक है.
सत्येंद्र दास ने कहा कि इंजीनियर लोग किस प्रकार की व्यवस्था किए हैं, जिसके कारण पानी भर रहा है, यह बहुत ही निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि इस बार के बरसात में गर्भगृह के ठीक सामने पुजारी के स्थान पर और वीवीआईपी दर्शन करने वाले स्थान पर भर गया था. जब सुबह पुजारी और श्रद्धालु पहुंचे तो पानी भरा था. काफी मशक्कत के बाद पानी बाहर निकाला गया. इसके बाद राम लला की आरती हो सकी.
बता दें कि शनिवार देर रात दो से पांच बजे तक बारिश हुई थी. जिसके बाद गर्भगृह के सामने मंडप में चार इंच पानी भर गया था. जिसकी वजह से रविवार सुबह चार बजे की आरती टार्च की रोशनी में करनी पड़ी.