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रामायण पर आधारित होगा राम दरबार, सिंहासन पर विराजेंगे भगवान राम और माता सीता... चरणों में होंगे भक्त हनुमान, भाइयों के भी स्थान तय - Ayodhya Ram Mandir

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 9:51 PM IST

राम मंदिर के प्रथम तल पर बन रहे राम दरबार में लगने वाली मूर्तियों के बारे में निर्णय लिया गया है कि, रामायण पर आधारित राम दरबार होगा. सिंहासन पर बैठेंगे राम-सीता, चरणों में होंगे भक्त हनुमान, भाइयों के भी स्थान तय कर दिए गए हैं

रामदरबार के लगने वाली मूर्तियों के स्थान तय
रामदरबार के लगने वाली मूर्तियों के स्थान तय (PHOTO credits ETV BHARAT)

अयोध्या: राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित होने वाले राम दरबार की मूर्ति की मुद्रा पर धार्मिक समिति ने निर्णय ले लिया है. रामचरितमानस में लिखी चौपाइयों के आधार पर राम दरबार का वर्णन किया गया है. जिसमें भगवान राम माता सीता के साथ राज सिंहासन पर विराजमान होंगे. वहीं सिंहासन के पीछे दोनों छोर पर लक्ष्मण और शत्रुघ्न खड़े होंगे और सिंहासन के आगे की तरफ हनुमान जी और भरत चरणों में बैठे हुए मुद्रा में श्रद्धालुओं को दर्शन देंते नजर आएंगे.

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रथम तल पर मंदिर निर्माण के साथ राम दरबार को स्थापित किए जाने के लिए प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत ने धार्मिक समिति के सदस्यों और संतों के साथ मंथन शुरू कर दिया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के व्यवस्था प्रमुख गोपाल जी राव ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया है कि, राजस्थान के जयपुर में राम मंदिर के परकोटे में बन रहे मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियों का कार्य शुरू हो चुका है.

राम दरबार में भगवान श्री राम और माता सीता सिंहासन पर बैठे होंगे, जिनके आगे दाहिने और बाएं तरफ हनुमान जी और भारत की नीचे बैठे रहेंगे. तो वहीं सिंहासन के पीछे लक्ष्मण और शत्रुघ्न खड़े मुद्रा में दर्शन होगा. गोपाल जी ने बताया कि, राम मंदिर में दर्शन के साथ मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है. जिसके लिए लगभग 2000 मजदूर कार्य कर रहे हैं. प्रथम तल का कार्य पूर्ण होने की ओर है तो वहीं दूसरे मंजिल का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है. चार मंडपों का कार्य पूरा हो चुका है, पांचवें मंदिर के निर्माण का कार्य भी अंतिम चरण में है. जिसके बाद शिखर का कार्य प्रारंभ होगा. इसके साथ-साथ परकोटा और मंडप का कार्य भी चल रहा है.

राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार का दर्शन करने के लिए ट्रस्ट से अनुमति लेनी होगी. ट्रस्ट के मुताबिक प्रथम तल पर सभी दर्शनार्थ जाएं ऐसी योजना की अपेक्षा नहीं की गई है. इसके लिए कुछ ही लोगों की व्यवस्था बनाया जाएगा. एक लाख दर्शनार्थ प्रथम तल पर जाएंगे तो दर्शन में भी समस्या होगी. इसलिए कुछ लोगों को ही अवसर दिया जाएगा. बांकी सभी श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर सकेंगे.

ये भी पढ़ें:अयोध्या राम मंदिर; अभी 25 और मूर्तियां होंगी स्थापित, राम दरबार का कैसा होगा स्वरूप, क्या होगी मूर्तियों की मुद्रा - Ayodhya Ram Mandir

अयोध्या: राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित होने वाले राम दरबार की मूर्ति की मुद्रा पर धार्मिक समिति ने निर्णय ले लिया है. रामचरितमानस में लिखी चौपाइयों के आधार पर राम दरबार का वर्णन किया गया है. जिसमें भगवान राम माता सीता के साथ राज सिंहासन पर विराजमान होंगे. वहीं सिंहासन के पीछे दोनों छोर पर लक्ष्मण और शत्रुघ्न खड़े होंगे और सिंहासन के आगे की तरफ हनुमान जी और भरत चरणों में बैठे हुए मुद्रा में श्रद्धालुओं को दर्शन देंते नजर आएंगे.

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रथम तल पर मंदिर निर्माण के साथ राम दरबार को स्थापित किए जाने के लिए प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत ने धार्मिक समिति के सदस्यों और संतों के साथ मंथन शुरू कर दिया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के व्यवस्था प्रमुख गोपाल जी राव ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया है कि, राजस्थान के जयपुर में राम मंदिर के परकोटे में बन रहे मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियों का कार्य शुरू हो चुका है.

राम दरबार में भगवान श्री राम और माता सीता सिंहासन पर बैठे होंगे, जिनके आगे दाहिने और बाएं तरफ हनुमान जी और भारत की नीचे बैठे रहेंगे. तो वहीं सिंहासन के पीछे लक्ष्मण और शत्रुघ्न खड़े मुद्रा में दर्शन होगा. गोपाल जी ने बताया कि, राम मंदिर में दर्शन के साथ मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है. जिसके लिए लगभग 2000 मजदूर कार्य कर रहे हैं. प्रथम तल का कार्य पूर्ण होने की ओर है तो वहीं दूसरे मंजिल का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है. चार मंडपों का कार्य पूरा हो चुका है, पांचवें मंदिर के निर्माण का कार्य भी अंतिम चरण में है. जिसके बाद शिखर का कार्य प्रारंभ होगा. इसके साथ-साथ परकोटा और मंडप का कार्य भी चल रहा है.

राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार का दर्शन करने के लिए ट्रस्ट से अनुमति लेनी होगी. ट्रस्ट के मुताबिक प्रथम तल पर सभी दर्शनार्थ जाएं ऐसी योजना की अपेक्षा नहीं की गई है. इसके लिए कुछ ही लोगों की व्यवस्था बनाया जाएगा. एक लाख दर्शनार्थ प्रथम तल पर जाएंगे तो दर्शन में भी समस्या होगी. इसलिए कुछ लोगों को ही अवसर दिया जाएगा. बांकी सभी श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर सकेंगे.

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