नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने सीएम आवास पर हुई बदसलूकी और मारपीट मामले में राहुल गांधी और शरद पवार को लेटर लिखा है. स्वाति मालीवाल ने उनसे मिलने का समय मांगा है. उनका कहना है कि उन्होंने इंडिया गठबंधन के सभी सीनियर लीडर्स को लेटर लिखा है. लेटर को उन्होंने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट भी किया है.
अपने सोशल मीडिया X हैंडल पर उन्होंने लिखा
'पिछले 18 सालों से मैंने जमीन पर काम किया है और 9 सालों में महिला आयोग में 1.7 लाख केस में सुनवाई की है. बिना किसी से डरे और बिना किसी के आगे झुके महिला आयोग को बहुत ऊंचे मुकाम पर खड़ा किया, पर बहुत दुख की बात है कि पहले मुझे मुख्यमंत्री के घर पर बुरी तरह पीटा गया, फिर मेरा चरित्र हरण किया गया."
अपनी चिट्ठी में स्वाति मालीवाल ने यह भी लिखा है कि 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट और बदलसूली की. बीते एक महीने में मेरी जिंदगी एक पीड़ित के जैसी हो गई है जब वो इंसाफ की लड़ाई लड़ती है. मेरे साथ जिस तरह की विक्टिम शेमिंग और चरित्र हनन किया जा रहा है उससे देश की अन्य महिलाएं अपने साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने से डरेंगी उनकी हिम्मत कमजोर पड़ेगी. उन्होंने आगे लिखा कि आपसे मुलाकात के लिए समय मिलने की उम्मीद है आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा.
स्वाति मालीवाल से मारपीट की घटना
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने 16 मई को एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल के पीए रहे बिभव कुमार ने उन्हें सात से आठ बार थप्पड़ मारा, उन पर हमला किया, उनकी छाती और कमर के निचले हिस्से पर लात मारी और जानबूझकर उनकी शर्ट खींची, जिससे उसके बटन टूट गए. स्वाति ने बताया था कि यह घटना तब हुई जब वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे मिलने गई थीं.
घटना 13 मई को हुई और स्वाति ने एफआईआर 16 मई को दर्ज कराई थी. उनके आरोप के बाद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक और करीबी सहयोगी रहे बिभव कुमार को 18 मई की दोपहर को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. उसके बाद उनकी अदालत में पेशी हुई और फिर उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. तब से बिभव कुमार हिरासत में हैं.
सीएम से मिलना चाहती थीं स्वाति
स्वाति मालीवाल कई मुद्दों को लेकर सीएम केजरीवाल के साथ चर्चा करना चाहती थीं, इसलिए वह 13 मई की सुबह सीएम के आधिकारिक आवास पर गईं थीं. कहा जा रहा है कि जब मालीवाल से राज्यसभा के सभापति को संबोधित त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने पूछा, 'वह क्यों', राज्यसभा में पार्टी के नौ अन्य लोग हैं, तो कोई और क्यों नहीं मैं ही क्यों? उन्हें कुछ और पद देने का वादा किया गया लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था.