मुंबई: कांग्रेस विधायक दल की गुरुवार को विधानमंडल में आपात बैठक हुई. हालांकि इस बैठक में मौजूद विधायकों ने चंद्रकांत हंडोरे को शुभकामनाएं दी हैं, लेकिन मौजूद विधायकों की संख्या के आधार पर हंडोरे का चुना जाना वास्तव में असंभव है. इससे राज्यसभा चुनाव की स्थिति में होंडोरा के फिर मुश्किल में फंसने की आशंका है.
महाराष्ट्र में छह राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव होंगे. इस चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं. भारतीय जनता पार्टी की ओर से तीन रिक्त सीटों के लिए अशोक चव्हाण, मेधा कुलकर्णी और अजीत गोपछड़े को उम्मीदवार बनाया गया है. प्रफुल्ल पटेल को एक बार फिर एनसीपी अजित पवार गुट ने तरजीह दी है. शिवसेना शिंदे गुट की ओर से मिलिंद देवड़ा को मौका दिया गया है. कांग्रेस की ओर से चंद्रकांत हंडोरे को उम्मीदवार बनाया गया है. इस चुनाव में विधानसभा के सदस्य मतदान कर सकते हैं.
एक उम्मीदवार को निर्वाचित होने के लिए 40.41 वोट प्रतिशत मिलने चाहिए. जिस उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के इतने वोट मिलते हैं वह जीत जाता है. अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने चौथा उम्मीदवार नहीं दिया है. अगर बीजेपी इस चुनाव में चौथा उम्मीदवार उतारती है तो चुनाव होगा, नहीं तो सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे.
इस चुनाव में महायुति की ओर से पांच उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. उम्मीद है कि ये पांचों उम्मीदवार आसानी से चुन लिए जाएंगे क्योंकि महायुति के पास फिलहाल पर्याप्त ताकत है. हालांकि, यदि वे छठा उम्मीदवार उतारते हैं, तो उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी चौथा उम्मीदवार भी उतार सकती है.
इस बार कांग्रेस की ओर से चंद्रकांत हंडोरे को मौका दिया गया है. विधान परिषद चुनाव में हंडोरे को आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा. पर्याप्त संख्या होने के बावजूद अशोक चव्हाण के गुट ने उस वक्त उनकी मदद नहीं की और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसकी भरपाई के तौर पर पार्टी ने उन्हें एक बार फिर राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. ऐसी संभावना है कि कांग्रेस के 42 विधायकों के दम पर चंद्रकांत हंडोरे जरूर चुने जाएंगे. हालांकि, आज हुई कांग्रेस विधायक दल की आपात बैठक में छह विधायक अनुपस्थित रहे. अगर इन छह विधायकों को हटा दिया जाए तो कांग्रेस के पास 36 की ताकत रह जाएगी, ऐसे में हंडोरे के लिए फिर से मुसीबत खड़ी होने की संभावना है.
इन छह अनुपस्थित विधायकों में से कुछ विधायकों ने पत्र में अपनी अनुपस्थिति का कारण बताया है. हालांकि, अभी भी इस बात पर संदेह है कि क्या चारों विधायकों जीशान सिद्दीकी, अमित देशमुख, जितेश अंतापुरकर और माधवराव खिबीगांवकर को पार्टी में शामिल किया जा सकता है या नहीं. अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर कांग्रेस को संख्या बल के बावजूद हार का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, इस संबंध में बोलते हुए, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा, 'सभी विधायक हमारे संपर्क में हैं. कुछ व्यक्तिगत कारणों से वे आज की बैठक में शामिल नहीं हो सके. हालांकि उऩ्होंने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव में कोई समस्या नहीं होगी.'