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ACS की समझाइश के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त, निलंबन वापसी के निर्देश - Rajasthan Doctors Strike

Resident Doctors Protest, राजस्थान चिकित्सा शिक्षा विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह की समझाइश के बाद लगभग एक सप्ताह से चल रही रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल रविवार शाम समाप्त हो गई. एसीएम ने निलंबित रेजिडेंट डॉक्टरों का निलंबन वापसी के निर्देश दिए हैं.

Resident Doctors Ends Strike
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 14, 2024, 9:40 PM IST

जयपुर. चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की समझाइश के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल रविवार को सातवें दिन समाप्त हो गई है. कांवटिया अस्पताल में डॉक्टरों को निलंबित करने के मामले में पिछले 7 दिनों से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर थे. मरीजों को हो रही असुविधा को देखते हुए हड़ताल समाप्ति की घोषणा की गई है. जनहित और रेजिडेंट चिकित्सकों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एसीएस ने निलंबन वापसी के निर्देश दिए हैं. साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं करने की हिदायत दी है.

इस मामले में शुरू हुई थी हड़ताल : बता दें कि कांवटिया अस्पताल परिसर में एक महिला का प्रसव होने के मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने तीन रेजिडेंट और एक सीनियर रेजिडेंट चिकित्सक को निलंबित कर दिया था. इससे पहले एसएमएस अस्पताल में मरीज को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले में भी दो रेजिडेंट को निलंबित किया गया था. इसके विरोध में करीब एक सप्ताह पहले रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए थे.

पढ़ें : कांवटिया अस्पताल प्रकरण : 3 रेजिडेंट चिकित्सक निलंबित, अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस

हड़ताल से मरीजों को हुई असुविधा : रेजिडेंट चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को असुविधा हो रही थी. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आमजन के हित और रेजिडेंट डॉक्टर्स के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रविवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में वार्ता की. वार्ता के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जार्ड और अन्य चिकित्सक संघों के प्रतिनिधियों के साथ समझाइश करते हुए कहा कि हड़ताल के कारण अस्पतालों में मरीजों को तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. चिकित्सा एक नोबल प्रोफेशन है और चिकित्सक का प्रथम दायित्व नागरिकों की जीवन रक्षा है. ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से काम पर वापस लौटना चाहिए.

Resident Doctors Ends Strike
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त

चिकित्सा के प्रोफेशन में ऐसी लापरवाही स्वीकार्य नहीं : एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि आमजन बड़ी उम्मीद और आशा के साथ अस्पताल आते हैं. वे चिकित्सक में ईश्वर का रूप देखते हैं. ऐसे में चिकित्सक का भी दायित्व बनता है कि वह बिना किसी लापरवाही के पूरी निष्ठा के साथ रोगी को बेहतर से बेहतर उपचार दें. विगत दिनों जिस तरह की लापरवाही सामने आई, चिकित्सा के प्रोफेशन में ऐसी लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. जीवन रक्षा को सर्वोच्च ध्येय मानते हुए भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें : गलत खून चढ़ाने से मौत मामला- सड़क हादसा बताकर दे दी सहायता राशि, मीना बोले- मैं होता तो नौकरी मिल जाती

डॉक्टर्स का निलंबन वापस लेने के निर्देश : एसीएस शुभ्रा सिंह ने चिकित्सा शिक्षा विभाग और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन को नियमानुसार कार्रवाई जारी रखते हुए रेजिडेंट डॉक्टर्स का निलंबन वापस लेने के आदेश दिए हैं. साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी करने की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. एसीएस शुभ्रा सिंह ने हड़ताल अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाशों में समायोजित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने आश्वस्त किया कि रेजिडेंट चिकित्सकों के भविष्य को देखते हुए उनकी वाजिब मांगों पर विचार किया जाएगा. वार्ता के दौरान चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, संयुक्त शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा जगजीत सिंह मोगा समेत अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे.

जयपुर. चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की समझाइश के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल रविवार को सातवें दिन समाप्त हो गई है. कांवटिया अस्पताल में डॉक्टरों को निलंबित करने के मामले में पिछले 7 दिनों से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर थे. मरीजों को हो रही असुविधा को देखते हुए हड़ताल समाप्ति की घोषणा की गई है. जनहित और रेजिडेंट चिकित्सकों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एसीएस ने निलंबन वापसी के निर्देश दिए हैं. साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं करने की हिदायत दी है.

इस मामले में शुरू हुई थी हड़ताल : बता दें कि कांवटिया अस्पताल परिसर में एक महिला का प्रसव होने के मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने तीन रेजिडेंट और एक सीनियर रेजिडेंट चिकित्सक को निलंबित कर दिया था. इससे पहले एसएमएस अस्पताल में मरीज को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले में भी दो रेजिडेंट को निलंबित किया गया था. इसके विरोध में करीब एक सप्ताह पहले रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए थे.

पढ़ें : कांवटिया अस्पताल प्रकरण : 3 रेजिडेंट चिकित्सक निलंबित, अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस

हड़ताल से मरीजों को हुई असुविधा : रेजिडेंट चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को असुविधा हो रही थी. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आमजन के हित और रेजिडेंट डॉक्टर्स के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रविवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में वार्ता की. वार्ता के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जार्ड और अन्य चिकित्सक संघों के प्रतिनिधियों के साथ समझाइश करते हुए कहा कि हड़ताल के कारण अस्पतालों में मरीजों को तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. चिकित्सा एक नोबल प्रोफेशन है और चिकित्सक का प्रथम दायित्व नागरिकों की जीवन रक्षा है. ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से काम पर वापस लौटना चाहिए.

Resident Doctors Ends Strike
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त

चिकित्सा के प्रोफेशन में ऐसी लापरवाही स्वीकार्य नहीं : एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि आमजन बड़ी उम्मीद और आशा के साथ अस्पताल आते हैं. वे चिकित्सक में ईश्वर का रूप देखते हैं. ऐसे में चिकित्सक का भी दायित्व बनता है कि वह बिना किसी लापरवाही के पूरी निष्ठा के साथ रोगी को बेहतर से बेहतर उपचार दें. विगत दिनों जिस तरह की लापरवाही सामने आई, चिकित्सा के प्रोफेशन में ऐसी लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. जीवन रक्षा को सर्वोच्च ध्येय मानते हुए भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें : गलत खून चढ़ाने से मौत मामला- सड़क हादसा बताकर दे दी सहायता राशि, मीना बोले- मैं होता तो नौकरी मिल जाती

डॉक्टर्स का निलंबन वापस लेने के निर्देश : एसीएस शुभ्रा सिंह ने चिकित्सा शिक्षा विभाग और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन को नियमानुसार कार्रवाई जारी रखते हुए रेजिडेंट डॉक्टर्स का निलंबन वापस लेने के आदेश दिए हैं. साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी करने की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. एसीएस शुभ्रा सिंह ने हड़ताल अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाशों में समायोजित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने आश्वस्त किया कि रेजिडेंट चिकित्सकों के भविष्य को देखते हुए उनकी वाजिब मांगों पर विचार किया जाएगा. वार्ता के दौरान चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, संयुक्त शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा जगजीत सिंह मोगा समेत अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे.

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